अपने प्रिय मित्र सतीश कौशिक की याद में Anupam Kher ने शुरू किया यह नेक काम, अब विश्व भर में हो रही सराहना Bihar Politics: तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग को बताया BJP की B टीम, दो वोटर आईडी को लेकर खूब बरसे Bihar Politics: तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग को बताया BJP की B टीम, दो वोटर आईडी को लेकर खूब बरसे Bird Flu: बर्ड फ्लू के खतरे के बीच अंडा खाना कितना सेफ? जानिए... एक्सपर्ट की राय Bihar News: स्थगित हुई बिहार के इस विश्वविद्यालय की परीक्षा, नई तिथि को लेकर आया अहम अपडेट Bihar News: पैसे लेकर शराब तस्कर को छोड़ना दारोगा को पड़ा भारी, अब इतने वर्षों तक भुगतना होगा परिणाम Bihar Crime News: लव अफेयर में रोड़ा बन रहे ससुर को बहू ने ठिकाने लगाया, दो बॉयफ्रेंड के साथ मिलकर खेला खूनी खेल Bihar Crime News: लव अफेयर में रोड़ा बन रहे ससुर को बहू ने ठिकाने लगाया, दो बॉयफ्रेंड के साथ मिलकर खेला खूनी खेल Bihar Transport: बेतिया डीटीओ का ट्रांसफर...करप्शन में लिप्त 'महिला एमवीआई' अब भी कुर्सी पर ! 1.20 लाख की मासिक रिश्वतखोरी का ऑडियो लीक होने पर DM ने कराया था केस, परिवहन विभाग से निलंबन की थी सिफारिश Viral News: AI से प्यार, फिर डेट और अब शादी! महिला ने अपने चैटबॉट बॉयफ्रेंड से की सगाई, वायरल हुआ पोस्ट
27-May-2021 07:56 AM
PURNIA : बिहार में स्वास्थ्य महकमा कोरोना के मरीजों का कैसे इलाज कर रहा है इसकी बानगी देखना हो तो पूर्णिया में एक साल की एक बच्ची के साथ हुए वाकये को जान लीजिये. एक साल की मासूम बच्ची जब कोरोना पॉजिटिव पायी गयी तो उसे अस्पताल से भगा दिया गया. फिर दो दिन बाद बिना सैंपल लिये ही उसे निगेटिव भी घोषित कर दिया गया. सरकारी डॉक्टरों की हैवानियत से नाराज परिजनों ने उन्हें लीगल नोटिस भेज दिया है.
पूर्णिया के बडहरा कोठी का वाकया
पूर्णिया के बड़हरा कोठी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर 21 मई को एक परिवार अपनी साल भर की बच्ची को लेकर इलाज कराने पहुंचा था. जांच हुई तो बच्ची कोरोना पॉजिटिव पायी गयी. सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों को जैसे ही पता चला कि बच्ची कोरोना पॉजिटिव है उसे अस्पताल से जाने को कह दिया गया. बच्ची के परिजन गिडगिडाते रहे लेकिन डॉक्टरों ने बच्ची को देखना तो दूर पूर्जा को हाथ लगाने तक से इंकार कर दिया. उनसे कहा गया कि वे बच्ची को लेकर किसी कोरोना अस्पताल में जायें. परिजनों ने डॉक्टरों से कहा कि वे पूर्जे पर रेफर कर दें लेकिन डॉक्टर उसके लिए भी तैयार नहीं हुए.
हारकर बच्ची को घर ले आय़े परिजन
डॉक्टरों ने जब बच्ची को देखने से इंकार कर दिया तो परिजन हार कर उसे घऱ ले आय़े. डॉक्टरों ने दवा तक नहीं दी थी इसलिए परिजनों ने निजी डॉक्टरों की सलाह से पीडित बच्ची का इलाज करना शुरू कर दिया. पटना में बैठी सरकार ये दावा कर रही थी कि उसके स्वास्थ्यकर्मी घर घर जाकर होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों की जानकारी ले रहे हैं. एप से उनकी निगरानी की जा रही है. लेकिन बच्ची का हाल जानने कोई नहीं आया.
बिना जांच के ही निगेटिव घोषित कर दिया
हद तो तब हुई जब पीडित बच्ची के पिता को 24 मई को मोबाइल पर मैसेज मिला. मैसेज में कहा गया कि 23 मई उनकी बेटी की कोरोना जांच के लिए सैंपल लिया गया था. एंटीजेन टेस्ट में उसे निगेटिव पाया गया है. मोबाइल पर मैसेज देखते ही परिजन उग्र हो गये. उनका कहना है कि बच्ची की जांच के लिए 23 मई को कोई सैंपल ही नहीं लिया गया था. फिर उसकी जांच रिपोर्ट कैसे आ गयी.
सरकारी अस्पताल को भेजा लीगल नोटिस
सरकारी अस्पताल की कारस्तानी से नाराज बच्ची के परिजनों ने प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को लीगल नोटिस भेजा है. नोटिस में उनसे 15 दिनों के भीतर जवाब मांगा गया है कि उन्होंने ऐसी हरकत क्यों की. इस संबंध में जब अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा प्रभारी डॉ अजय कुमार से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि उनके ऑफिस में कोई लीगल नोटिस आय़ा है. जल्द ही उसका जवाब दिया जायेगा.