ब्रेकिंग न्यूज़

chicken chili dispute : चिकन चिली खाने को लेकर विवाद, युवक को चाकू मार गंभीर रूप से किया घायल; दूसरा घायल JEEVIKA Didi : बिहार जीविका दीदियां चलाएंगी कंप्यूटर, सरकार ने नई जिम्मेदारी दी; जानें क्या करना होगा Bihar crime news : बिहार में बेख़ौफ़ हुए अपराधी ! बाइक सवार अपराधियों ने युवक को गोली मारी, गंभीर हालत में पटना रेफर BIHAR JOB : 2800+ पदों पर सरकारी नौकरी, 100 रुपये में ऑनलाइन फॉर्म भरें, सैलरी और योग्यता देखें Success Story: कुमार मंगलम बिड़ला ने पिता की मृत्यु के बाद संभाली कमान, हनुमान चालीसा और राम नाम से पाए साहस Building Construction Department : : भवन निर्माण विभाग की संपत्ति होगी नीलाम, कोर्ट ने दिया आदेश; समझिए आखिर क्यों आया ऐसा ऑडर Bihar New Year Security : नए साल पर पटना में सुरक्षा सख्त, बाइकर्स गैंग पर नजर; अटल पथ पर बैरिकेडिंग व मजिस्ट्रेट तैनात Patna ganja smuggling : पटना बना गांजा तस्करी का ट्रांजिट हब, उत्तर-पूर्व से दिल्ली सप्लाई करने वाला गिरोह पकड़ा, 1 करोड़ का माल जब्त Bihar railway news : जसीडीह-झाझा रेलखंड मालगाड़ी दुर्घटना, 5 अफसर कर रहे जांच; रेल परिचालन प्रभावित, यात्रियों की बढ़ी परेशानी Bihar weather update : घने कोहरे से आंशिक राहत, लेकिन ठंडी हवाओं और कनकनी से बढ़ी परेशानी

बिहार के 80 फीसदी लोगों को सरकारी हेल्थ सिस्टम पर भरोसा नहीं, नीतीश सरकार के दावों की हकीकत बता रहा नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे

बिहार के 80 फीसदी लोगों को सरकारी हेल्थ सिस्टम पर भरोसा नहीं, नीतीश सरकार के दावों की हकीकत बता रहा नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे

08-May-2022 09:58 AM

PATNA : बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त रखने का दावा भले ही नीतीश सरकार की तरफ से किया जाता हो लेकिन सरकार के इन दावों की हकीकत नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की ताजा रिपोर्ट में खोलकर रख दी है। इस सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में 80 फ़ीसदी लोग ऐसे हैं जिनको सरकारी हेल्थ सिस्टम पर भरोसा नहीं। सर्वे बताता है कि राज्य में बीमार पड़ने के बाद 80 फ़ीसदी लोग सरकारी अस्पताल की तरफ नहीं जाते, इसकी वजह बिहार में स्वास्थ्य सेवा का बेहतर नहीं होना है। लोगों का मानना है कि सरकारी अस्पतालों में सही तरीके से देखभाल नहीं होती और इलाज के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है। सरकारी हेल्थ सिस्टम को लेकर उदासीनता के पैमाने पर बिहार सबसे ऊपर है इसके बाद उत्तर प्रदेश का नंबर है। उत्तर प्रदेश में 75 फीसदी लोग सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं का उपयोग नहीं करते हैं। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 के पांचवें राउंड की रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है। 


इस सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रीय स्तर 50 फीसदी लोग ही सरकारी अस्पतालों का उपयोग करते हैं। सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं का उपयोग न करने के तीन प्रमुख कारण है। पहला और सबसे सामान्य कारण है, अच्छे तरीके से देखभाल न होना। बिहार के अंदर 62 फीसदी लोगों ने कहा है कि सरकारी अस्पतालों में देखभाल की खराब क्वालिटी के कारण वे नहीं जाते। दूसरा कारण लंबे समय तक वेटिंग है। बिहार में 45 फीसदी लोगों के।मुताबिक सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए लंबा इंतजार करना होता है। तीसरा कारण आसपास सरकारी अस्पताल का नहीं होना है। 37 फीसदी लोगों ने कहा है कि सरकारी अस्पताल नजदीक में नहीं रहने के कारण वह नहीं जाते हैं। इसके अलावा 27 फीसदी लोगों ने कहा कि अस्पतालों की टाइमिंग सुविधाजनक नहीं है। 21 फीसदी ऐसे लोग जिनका कहना है कि स्वास्थ्यकर्मी मौजूद नहीं रहते हैं।


बिहार में सरकारी हेल्थ सिस्टम को लेकर आम लोगों में जो उदासीनता है वह नीतीश सरकार के दावों की हकीकत बयां करता है। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट को राज्य सरकार भी खारिज नहीं कर सकती। ऐसे में जाहिर है इस सर्वे रिपोर्ट को लेकर आने वाले वक्त में राजनीति भी देखने को मिलेगी। विपक्ष इस रिपोर्ट को आधार बनाकर सरकार के दावों पर जवाब मांगेगा जबकि सरकार कहीं न कहीं इस रिपोर्ट में खामियां ढूंढ कर बचने का रास्ता निकालेगी। ऐसा पहली बार नहीं है कि बिहार में आधारभूत संरचना शिक्षा और स्वास्थ्य की स्थिति को लेकर केंद्र के स्तर पर कोई रिपोर्ट आई हो। पहले भी रिपोर्टों में बिहार सरकार के दावों की पोल खुलती रही है लेकिन ताजा सर्वे रिपोर्ट ने बिहार में स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए जा रहे काम और उसके दावों पर सवाल खड़ा कर दिया है।