Bihar Election 2025 : जदयू विधायक दामोदर रावत का ग्रामीणों से विरोध, सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल; जानिए क्या है पूरा मामला Chhath puja : पीएम मोदी ने मन की बात में दी छठ महापर्व की शुभकामनाएं, कहा - घर घर बन रहे ठेकुआ, सज रहे घाट Bihar Election 2025 : बीयर लेकर बिहार आए यूपी के पूर्व विधायक धनंजय कन्नौजिया गिरफ्तार, बीजेपी चुनाव प्रचार मामला, कोर्ट ने भेजा जेल Bihar BJP leader : पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व सांसद डॉ. संजय जयसवाल से 10 करोड़ की रंगदारी, बेटे को जान से मारने की धमकी central government employees: केंद्रीय कर्मचारियों की ग्रेच्युटी सीमा बढ़ी, इन लोगों पर नहीं लागू होंगे नियम “अक्षरा सिंह ने खेसारी लाल यादव पर बोला हमला, कहा - वो तो खुलेमाम मेरा ...,ज्योति सिंह को दिया खुला समर्थन” Bihar news: अस्पताल में बेड से गिरने से घायल युवक की दर्दनाक मौत, स्वास्थ्यकर्मियों की लापरवाही सवालों के घेरे में... बिहार चुनाव को लेकर तेजस्वी यादव का बड़ा ऐलान: पंचायत प्रतिनिधियों को पेंशन, राशन डीलरों को मानदेय और कारीगरों को ब्याजमुक्त ऋण देने का किया वादा Bihar election: मंच टूटने की घटना: मोकामा में पूर्व बाहुबली विधायक अनंत सिंह धड़ाम से गिरे, जनसभा में अफरा-तफरी बिहार चुनाव से राहुल गांधी ने क्यों बनाई दूरी? कांग्रेस के कैंडिडेट भी हो रहे हैरान; जानिए क्या है वजह
23-May-2020 03:33 PM
PATNA : रेलवे का दावा है कि वे श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से आने वालों मजदूरों की तमाम तरह की सुख-सुविधाओं का ख्याल रख रहा है।ट्रेन से आने वाले मजदूरों के लिए भोजन-पानी की व्यवस्था की जा रही है। लेकिन कुछ ऐसी तस्वीरें सामने आ जाती है जिससे व्यवस्था की पोल खुल ही जाती है। बिहार लौट रहे प्रवासी मजदूरों का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें वे पानी की बोतले लूटते नजर आ रहे हैं।
तस्वीर दीन दयाल उपाध्याय रेलवे स्टेशन का है जहां सूरत से मुंगेर जा रही श्रमिक स्पेशल ट्रेन रुकी तो वहां अचानक ट्रेन में सवार यात्रियों के बीच होड़ मच गयी। ट्रेन से उतर-उतर कर लोग वहां पड़ी पानी की बोतलों को लूटने लगे। हजारों की संख्या में बड़ी बोतलों में जिसके हाथ जो लगा वो लेकर ट्रेन में सवार हो गया। ये सिलसिला काफी देर तक चलता रहा लेकिन कोई रोक-टोक करने वाला नहीं दिखा। इस दौरान रखी गयी हजारों पानी की बोतलें लूट ली गयी।
अब सवाल उठता है कि आखिर हजारों की संख्या में बोतलें क्यों रखी गयी थी। यात्रियों को ही देने के लिए रखी गयी थी या फिर ये किसी वेंडर ने रखा था और अगर रखा गया था तो फिर इसके देख-रेख की व्य़वस्था क्यों नहीं की गयी। भई आखिर मजदूरों की इसमें क्या गलती ठहरी, वे प्यासे रहे होंगे काफी दूर से सफर कर अपने घर को जा रहे थे। रास्ते में पीने के पानी दिखी तो उठा लिया।
खैर मामला जो भी हो लेकिन इस तरह की तस्वीरें व्यवस्था पर सवाल जरूर खड़ा करती हैं क्या रेलवे का दावा झूठा है जो मजदूरों को सुरक्षित और व्यवस्थित ढ़ंग से घर पहुंचाने का दावा लगातार कर रही है। इसके अलावे भी कई ऐसी तस्वीरें लगातार सामने आती रही हैं जिसमें यात्रियों को स्टेशन पर खाना लूटते हुए पाया गया। तो क्या महज खोखले दावों के सहारे ही रेलवे अपनी पीठ थपथपा रही है और प्रवासी मजदूरों की बार-बार फजीहत हो रही है।