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14-May-2021 02:48 PM
MUZAFFARPUR : बिहार के मुजफ्फरपुर जिले से एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसने स्वास्थ्य व्यवस्था को शर्मसार कर दिया है. दरअसल ऑक्सीजन की कमी से एक शिक्षक की मौत की बात सामने आ रही है. परिजनों का आरोप है कि अस्पताल की लापरवाही के कारण ही शिक्षक की मौत हुई है. जिला प्रशासन का कहना है कि सीएस ने खुद छापेमारी कर इस अस्पताल को बंद करने का निर्देश दिया था.
मामला मुजफ्फरपुर जिले के एक प्राइवेट हॉस्पिटल का है. बताया जा रहा है कि सिलौत मनियारी के रहने वाले एक शिक्षक कोरोना पॉजिटिव थे. उन्हें इलाज के लिए उस प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. एक सप्ताह से इसी अस्पताल में शिक्षक का इलाज चल रहा था. इलाज के नाम पर उनसे मोटी रकम भी वसूली गई. परिजनों ने कहा कि उन्होंने अस्पताल वालों को 5 लाख रुपये दिए.
परिजनों का आरोप है कि बीते दिन मरीज की तबीयत ज्यादा बिगड़ने के कारण अस्पताल ने मरीज को एमसीएच में बने कोविड सेंटर में रेफर कर दिया. जब मरीज के परिजन उसे लेकर एमसीएच में बने कोविड सेंटर पहुंचे तो डॉक्टरों ने मरीज का चेकअप किया. उन्होंने देखा कि मरीज की मौत हो चुकी थी. डॉक्टर ने मरीज को देख मृत घोषित कर दिया. इस दौरान वहां मौजूद सभी लोग तब हैरान रह गए, जब उन्होंने देखा की मरीज को जो ऑक्सीजन सिलिंडर लगा था, वह खाली था. उसमें ऑक्सीजन था ही नहीं.
ऑक्सीजन सिलेंडर खाली होने की बात पर परिजन भड़क गये और निजी अस्पताल से लाने वाले एंबुलेंस को चालक समेत बंधक बना लिया. परिजनों का कहना था कि इलाज के नाम पर उन से पांच लाख रुपये लिये गये हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जिस निजी अस्पताल में रिटायर्ड शिक्षक भर्ती थे. उस अस्पताल में चार दिन पूर्व सीएस ने खुद छापेमारी कर बंद करने का निर्देश दिया था. उस अस्पताल में कोविड मरीज को भर्ती करने की अनुमति भी नहीं थी. उसके बाद भी मरीज का वहां इलाज चल रहा था.