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बिहार के मगही पान को मिली जियो टैगिंग, अब राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ेगी पहचान

बिहार के मगही पान को मिली जियो टैगिंग, अब राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ेगी पहचान

03-Jan-2021 05:37 PM

By PANKAJ KUMAR

GAYA : बिहार की कुछ बेहद नामचीन चीजों में एक मगध के मगही पान को सरकार ने जियो टैगिंग यानी पेटेंट कर दिया है. इस खबर के बाद से पान व्यवसाइयों में ख़ुशी की लहर देखने को मिल रही है. बता दें कि गया जिले के सीमावर्ती इलाके में मगही पान की खेती की जाती है. सरकार द्वारा जियो टैगिंग किये जाने के बाद राष्ट्रीय स्तर पर मगही पान की पहचान बढ़ेगी तथा उसके उत्पादन करने पर जोर दिया जाएगा और किसानों की स्थिति को बदलने में कारगर बनेगा. 


मगध प्रमण्डल के गया औरंगाबाद, नवादा, नालंदा में मगही पान की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. अब इस मगही पान को देश-विदेश में पहचान दिलाने के लिए सरकार भी सामने आई है. गया के टावर चौक स्थित पंदड़ीवा मोहल्ले में पान का थोक मंडी है जहां गया, नवादा, नालंदा के किसान पान बेचने आते हैं. जियो टैगिंग पर पान व्यवसाई विनय कुमार चौरसिया ने बताया कि सरकार  के द्वारा जो जियो टैगिंग किया गया है, उससे हम सभी को बहुत लाभ मिलेगा. जो किसान पान की खेती करते थे और पान की खेती विलुप्त होती जा रही थी, अब सभी किसान जियो टैगिंग होने से बहुत आगे बढ़ेंगे और हमारा व्यापार भी आगे बढ़ेगा. 


वहीं पान के थोक विक्रेता सत्येंद्र कुमार चौरसिया ने बताया कि जियो टैगिंग होने से उनलोगों को फ़ायदा है. अगर कभी विदेशो में भी मगही पान की मांग होती है तो उन्हें रेट ज्यादा मिलेगा और उन्हें कहीं भी मगही पान को भेजने में आसानी होगी. उन्होंने सरकार से मांग की है कि पान को कहीं बाहर भेजने के लिए सरकार को यातायात की भी साधन मुहैया करना चाहिए. 


पान बेचने आये किसानों ने बताया कि लॉकडाउन में पान की फसल नष्ट हो गई. जिस वजह से हमलोगों को काफी नुकसान हुआ है. इस नुकसान से पान की खेती करने वाले किसान 20 साल पीछे चले गए हैं और हमलोगों को पान की खेती करने के लिए एक रुपया भी लोन नहीं मिलता है. सरकार ने जियो टैगिंग का फैसला लिया है लेकिन अब देखने वाली बात होगी कि जियो टैगिंग से किसानों को कितना फायदा मिलता है.