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Bihar Flood: बाढ़-बारिश दोनों डरा रहे...अगले 72 घंटे भारी, गंडक, कोसी, और बागमती उफान पर; तटबंध के अंदर के गांव डूब गए

Bihar Flood:  बाढ़-बारिश दोनों डरा रहे...अगले 72 घंटे भारी, गंडक, कोसी, और बागमती उफान पर; तटबंध के अंदर के गांव डूब गए

29-Sep-2024 07:39 AM

56 साल बाद कोसी का रौद्र रूप बिहार में जल प्रलय मचा रहा है। नेपाल में हुई भारी बारिश ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं जिसका परिणाम है कि बिहार में कोसी नदी ने रौद्र रुप धारण कर लिया है। कोसी नदी का जलस्तर सारे रिकॉर्ड तोड़ रही है। लिहाजा सूबे के कई जिलों में बाढ़ की सी स्थिति बन गई है। कोसी के आगोश में कई गांव समाहित हो गए हैं। 


दरअसल, सभी 56 फाटक खोलने से जल प्रवाह रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गया है। आज अहले सुबह भी  6,61,295 cusecs पानी छोड़ा गया है। जबकि बीते रात ही जहां कोसी बराज की सड़क पर पानी चढ़ गया है। कोसी का डिस्चार्ज लगातार बढ़ रहा है। बराह क्षेत्र का बढ़ना चिंता का विषय बना हुआ है। बराह क्षेत्र में 5 लाख के पार डिस्चार्ज हुआ है। 


वहीं,आपदा प्रबंधन एजेंसी ने 20 जिलों में बाढ़ की चेतावनी जारी की है और मौसम विभाग ने आठ जिलों में भारी बारिश की भविष्यवाणी की है। लिहाजा बिहार के लिए 72 घंटे महत्वपूर्ण है। मौसम विभाग ने पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज में बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। 


मालूम हो कि पहली बार कोसी बराज के उपर पानी बह रहा है। ऐसे में इस गंभीर स्थिति को देखते हुए बिहार सरकार ने हाई अलर्ट जारी किया है। प्रशासन ने दियारा क्षेत्र में रहने वाले लोगों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। कई गांव बाढ़ के पानी में डूब गए हैं। सुपौल जिले के प्रशासन ने तटबंधों के अंदर और उसके आस-पास रहने वाले लोगों को भी सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। यह इलाका पूरी तरह से बाढ़ से दुब गया है। इससे लगभग 50 हज़ारसे अधिक की आबादी प्रभावित हुई है। 


इधर, कोसी नदी के साथ-साथ गंडक नदी भी खतरे के निशान से उपर बह रही है। गंडक नदी में 31 वर्ष बाद छह लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने की संभावना जताई गई है। इससे गोपालगंज और सारण जिलों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और लोगों को ऊंचे स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। गंगा नदी पटना में दो दिन पहले ही खतरे के निशान से नीचे आई है, लेकिन भागलपुर से फरक्का तक नदी का जलस्तर अभी भी खतरे के निशान से ऊपर है। फरक्का में भी नदी का जलस्तर खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर है। गंडक के कारण पटना के निकट जबकि कोसी के कारण कटिहार के निकट गंगा का जलस्तर बढ़ना तय है।