Bihar News: बिहार में अवैध बालू खनन पर सख्त कार्रवाई, मद्य निषेध विभाग की मदद से होगी निगरानी Bihar Medical College : बिहार के सभी 38 जिलों में मेडिकल कॉलेज खोलने का ऐलान, सम्राट चौधरी ने 3 साल में पूरा करने की समय सीमा बताई Bihar News: दीघा-एम्स एलिवेटेड रोड से बेली रोड कनेक्शन, नए वैकल्पिक मार्ग से ट्रैफिक घटेगा दबाव Bihar Cabinet Meeting : बिहार कैबिनेट बैठक आज, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में नौकरी, रोजगार और कौशल विकास पर बड़े फैसले होने की संभावना Cancelled Trains: रेलवे ने रद्द की इन रूट्स पर चलने वाली कई ट्रेनें, सफर प्लान करने से पहले यहाँ देखें लिस्ट Sarkari Naukri: बिहार के युवाओं के पास सरकारी नौकरी पाने का बढ़िया अवसर, वेतन ₹1,12,400 तक.. RJD MLA Chandrashekhar : राजद विधायक प्रो. चंद्रशेखर पर रंगदारी का गंभीर आरोप, सदर थाना में केस दर्ज Bihar News: अनाज दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी, RJD उपाध्यक्ष प्रदीप देव गिरफ्तार LIC Recruitment: भारतीय जीवन बीमा निगम में नौकरी पाने का मिल रहा मौका, CTC ₹19 लाख तक Tejashwi Prasad Yadav : नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के आप्त सचिव बदले, खान एवं भू-तत्व विभाग में भी अहम प्रशासनिक नियुक्तियां
19-Nov-2024 12:15 PM
By First Bihar
PATNA: बिहार में ट्रांसफर की राह देख रहे शिक्षकों को पटना हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। पटना हाई कोर्ट ने बिहार में शिक्षकों के ट्रांसफर-पोस्टिंग पर रोक लगा दी है। हाल ही में बिहार सरकार शिक्षकों की ट्रांसफर-पोस्टिंग की पॉलिसी लेकर आई थी। च्वाइस पोस्टिंग के लिए शिक्षा विभाग की तरफ से आवेदन भी लिए जा रहे थे।
दरअसल, बिहार में शिक्षकों की ट्रांसफर पोस्टिंग नीति के खिलाफ औरंगाबाद के शिक्षकों की ओर से दायर केस की सुनवाई हाइकोर्ट में हुई है। शिक्षकों की तरफ से कोर्ट में अधिवक्ता मृत्युंजय कुमार और सरकार की तरफ से पटना हाई कोर्ट से सीनियर अधिवक्ता ललित किशोर ने पक्ष रखा। जिसके बाद हाई कोर्ट ने शिक्षकों के ट्रांसफर/पोस्टिंग पर फिलहाल स्टे स्टे लगा दिया है।
पटना हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को तीन सप्ताह में स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। जस्टिस प्रभात कुमार सिंह की कोर्ट ने ट्रांसफर/पोस्टिंग नीति के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई की और सरकार के इस फैसले पर फिलहाल रोक लगा दिया। हाई कोर्ट के इस निर्णय के बाद ट्रांसफऱ का इंतजार कर रहे शिक्षकों को बड़ झटका लगा है।
वरीय अधिवक्ता ललित किशोर ने कोर्ट को बताया कि सरकार ने शिक्षकों को निर्देश दिया था कि वे 22 नवंबर 2024 तक अपने ट्रांसफर/पोस्टिंग के लिए विकल्प दें। इसके साथ ही सरकार ने यह भी निर्देश दिया था कि इस तय समय सीमा के भीतर अगर शिक्षक विकल्प नहीं देते हैं तो उनका सरकार अपने हिसाब से तबादला करेगी। उन्होंने कोर्ट को बताया कि विभाग ने पुरुष शिक्षकों को 10 सब डिवीजन और महिला शिक्षकों को 10 पंचायतों का विकल्प दिया था।
हालांकि याचिकाकर्ता ने राज्य सरकार द्वारा मनमाने ढंग से विकल्प देने का आरोप लगाया है। शिक्षक संगठनों का आरोप है कि राज्य सरकार शिक्षकों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। जो नियमावली बनाई गई है और जो प्रक्रिया आवेदन के दौरान हो रही है, उसमें अंतर है।
पटना हाई कोर्ट में शिक्षकों का पक्ष रखने वाले वकील मृत्युंजय कुमार ने स्पष्ट किया है कि हाईकोर्ट ने सिर्फ उन शिक्षकों या शिक्षकों के समूह की ट्रांसफर-पोस्टिंग पर रोक लगाया है, जिन्होंने इसके खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। बाकी जो भी शिक्षक ट्रांसफर/पोस्टिंग पॉलिसी के तहत आवेदन प्रक्रिया को पूरा करने के बाद अपना तबादला करा सकते हैं। इस मामले पर अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी।