ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar weather : बिहार में बर्फीली हवाओं का असर बरकरार, तापमान में गिरावट से बढ़ी ठिठुरन पुलिस की चौकसी पर उठा सवाल: मुजफ्फरपुर में लग्जरी कार सवार बदमाशों का दुस्साहस देखिये, गैस कटर से SBI ATM काटकर 25 लाख उड़ाए तेजस राजधानी एक्सप्रेस में परोसा गया खराब खाना, यात्रियों का आरोप—शिकायत पर बोला स्टाफ “कंप्लेन कही भी कर लो कुछ नहीं होगा” अच्छी नौकरी करने वाली पत्नी को नहीं मिलेगा गुजारा भत्ता, इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला जानिये कौन है प्रमोद निषाद?..जिसने 19 हजार फर्जी आधार कार्ड का पूरा नेटवर्क खड़ा कर दिया जमुई में महादलित युवक को नंगा करके पीटा, वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर किया वायरल IndiGo Flight News: इंडिगो की उड़ानों का रद्द होने का सिलसिला जारी, पटना से 8 फ्लाइट कल कैंसिल आय से अधिक संपत्ति मामला: AIG प्रशांत कुमार के खिलाफ दर्ज FIR रद्द, हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी SVU आय से अधिक संपत्ति मामला: AIG प्रशांत कुमार के खिलाफ दर्ज FIR रद्द, हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी SVU अगुवानी–सुल्तानगंज पुल का मुख्य सचिव ने किया निरीक्षण, मई 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य

बेगूसराय सदर अस्पताल से 2 दलाल गिरफ्तार, 20 हजार में मरीज को ठीक करने का ले रहा था ठेका

बेगूसराय सदर अस्पताल से 2 दलाल गिरफ्तार, 20 हजार में मरीज को ठीक करने का ले रहा था ठेका

28-May-2024 06:21 PM

By HARERAM DAS

BEGUSARAI: दुनियां में हरेक चीज की खरीद और बिक्री होती है लेकिन आज हम आपको एक ऐसे मामले से अवगत करा रहे हैं  जिसे जानकर आप भी आश्चर्यचकित हो जाएंगे और सोचने को मजबूर हो जाएंगे कि क्या मरीज की भी खरीदारी संभव है? क्या नामचीन निजी अस्पतालों की आड़ में मरीजों की मंडी सजती है?


यह हम नहीं कह रहे बल्कि बेगूसराय सदर अस्पताल में ऐसा ही एक मामला सामने आया है। जिसने प्रशासनिक और स्वास्थ्य महकमा के साथ-साथ आम लोगों को भी हिला कर रख दिया है। अब कई ऐसे सवाल भी खड़े हो रहे हैं जो अस्पताल प्रबंधन को कटघरे में खड़ा रहा है। दरअसल पूरा मामला बेगूसराय सदर अस्पताल का है, जहां मरीजों की दलाली करते दो शख्स को रंगेहाथ पकड़ा गया है। 


अस्पताल प्रबंधन ने उसे पुलिस के हवाले कर दिया। फिलहाल पकड़े गए दोनों आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। लेकिन अब यहां सवाल उठने लगा है कि क्या लंबे समय से सदर अस्पताल में मरीजों की दलाली की जा रही थी और अगर हां तो स्वास्थ्य विभाग कहां था? सवाल यह भी उठता है कि मरीजों की जिंदगी को नीलाम करने वाले निजी अस्पतालों पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है? क्या भोले-भाले मरीज को सिर्फ एडमिट कर अस्पताल प्रबंधन के द्वारा अपना पल्ला झाड़ लिया जाता है? सवाल कई है जिनका जवाब स्वास्थ्य विभाग को देना पड़ेगा। 


दरअसल पूरा मामला बेगूसराय सदर अस्पताल से जुड़ा हुआ है। जहां अस्पताल की लापरवाही एवं निजी क्लिनिकों का गड़बड़ झाला उस वक्त सामने आ गया जब साहेबपुर कमाल थाना क्षेत्र के एक मरीज बजरंगी शाह एवं उसके परिजनों को एक निजी अस्पताल के दलाल के द्वारा सदर अस्पताल से छुट्टी करा निजी अस्पताल में भर्ती करने का प्रयास किया गया। मरीज की पहचान साहेबपुर कमाल के रहने वाले बजरंगी शाह के रूप में की गई। परिजनों ने बताया की दो युवक उनके पास पहुंचे और कहने वालों की 15 से 20 हजार में मरीज को ठीक करा दिया जाएगा और सदर अस्पताल में मरीज की जिंदगी खतरे में है। 


यह कहकर मरीज के परिजनों को अपने प्रभाव में लेने की कोशिश की गई। इतना ही नहीं आनन फानन में ही दलालों के द्वारा सरकारी रजिस्टर में भी छेड़छाड़ की गई तथा एंबुलेंस भी बुला लिया गया। लेकिन समय रहते मरीज के परिजनों को शक हुआ और उन्होंने आईसीयू के इंचार्ज से इसकी शिकायत की। तत्पश्चात आईसीयू के इंचार्ज ने सुरक्षा कर्मियों को बुलाकर दोनों युवक को पकड़ लिया तथा उसे अस्पताल प्रबंधक के हवाले कर दिया। मिली जानकारी के अनुसार बजरंगी शाह ब्लड प्रेशर की बीमारी से पीड़ित है और उन्हें कल ही सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था।


 वही जब आरोपी स्वास्थ्य कर्मियों के कब्जे में आए तब उन्होंने अपनी गलती भी स्वीकार की तथा एक निजी अस्पताल का नाम लेकर उन्होंने कहा कि तकरीबन 15 दिनों से उन लोगों के द्वारा मरीज को बहला फुसला कर एक निजी अस्पताल में एडमिट कराया जा रहा है और इसके लिए उन्हें अस्पताल प्रबंधन की ओर से एक सुरक्षित राशि भी दी जाती है । हालांकि इस दौरान गिरफ्त में आए दोनों युवक एक दूसरे पर दोषारोपण भी करते रहे ।


 वहीं बेगूसराय सदर अस्पताल के सिविल सर्जन ने भी इस बात को मना है कि कुछ अस्पतालों एवं निजी अस्पताल के दलालों के द्वारा सदर अस्पताल में इस तरह की घटना को अंजाम दिया जा रहा है। हालांकि उन्होंने इस बात से इनकार किया की लंबे समय से ऐसी घटनाएं सामने नहीं आई हैं। उन्होंने कहा कि यह पहला मामला है जो अस्पताल के संज्ञान में आया है और इसके लिए उचित कार्रवाई भी की जा रही है। जो भी दोषी होंगे उन्हें बक्सा नहीं जाएगा। अस्पताल प्रबंधन के द्वारा लिखित शिकायत थाने को दी जा रही है।


मामला चाहे जो भी हो लेकिन जिस तरह से सदर अस्पताल में यह गड़बड़ झाला सामने आया है वह इस बात का संकेत दे रहा है कि सदर अस्पताल में आम मरीजों की जिंदगी सुरक्षित नहीं है और ठगी के शिकार होने के साथ-साथ मरिज अपनी जिंदगी भी इन दलालों के चक्कर में कब खो देंगे यह कहना मुश्किल है।