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02-Jan-2021 10:27 PM
By Jitendra Kumar
BEGUSARAI : बेगूसराय के बलिया अवर निबंधन कार्यालय में जमीन निबंधन के नाम पर अवैध वसूली का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस धंधे में कार्यालय के कर्मी से लेकर जमीन के दलालों तक शामिल हैं. जिसका खामियाजा जमीन के क्रेता एवं विक्रेताओं को भुगतना पड़ रहा है. जांच के नाम पर जमीन के निबंधन मामले को लटकाया जाता है. साथ ही निबंधन के नाम पर अवैध वसूली की मांग भी की जाती है.
ऐसा ही एक मामला शनिवार को बलिया नगर पंचायत क्षेत्र के वार्ड 10 मौलाना चक निवासी सुरेंद्र साह की पत्नी विभा देवी के साथ घटने का मामला सामने आया है. जिस संबंध में पीड़िता ने अनुमंडल लोक शिकायत निवारण अधिकारी से लिखित शिकायत की है. लोक शिकायत निवारण अधिकारी को दिये गये आवेदन में पीड़िता ने बताया की लखमिनियां बहियार में अपनी चचेरी सास हरेराम साह की पत्नी हीरा देवी से पौने दो कट्ठा जमीन की खरीद करने की बातचीत तय हुई थी. जिसका निबंधन के लिए 29 दिसंबर 2020 को निबंधन कार्यालय में दस्तावेज दाखिल किया गया था. जिसके आलोक में निबंधन पदाधिकारी द्वारा 30 दिसंबर को जमीन के स्वरूप की स्थिति जानने के लिये जांच को लेकर कार्यालय के प्रधान लिपिक दिवाकर सिंह को स्थल पर भेजा गया था.
जांच के दौरान प्रधान लिपिक ने क्रेता से जमीन निबंधन में आने वाले खर्च के अलावे अलग से 60 हजार रूपये देने की मांग की गयी. नहीं तो भीठ की जमीन को बास की जमीन में होने का रिपोर्ट जमा कर देने की बात कही गयी. इस आशय की शिकायत निबंधन पदाधिकारी से पीड़िता एवं पीड़िता की सास लक्ष्मी देवी के द्वारा की गई. जिन्होंने बड़ा बाबू जो कहे वही होगा, कह कर अपना पल्ला झाड़ लिया. जिसके बाद जमीन की रजिस्ट्री नहीं होने के कारण क्रेता एवं विक्रेता न्याय के लिये दर-दर भटक रही है.
वहीं इस संबंध में पूछे जाने पर निबंधन कार्यालय के प्रधान लिपिक दिवाकर सिंह ने बताया कि महिला द्वारा लगाया गया. आरोप बिल्कुल बेबुनियाद है. साथ ही जमीन की जांच के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि जांच में उक्त जमीन भीठ की जमीन पाया गया. ज्ञात हो कि विगत 2 दिन पूर्व भी बलिया प्रखंड क्षेत्र के परमानंदपुर पंचायत के लाल दियारा निवासी रामसकल यादव ने भी जमीन के निबंधन के नाम पर अवैध वसूली करने का आरोप लगाया था. साथ ही इसकी शिकायत बलिया एसडीओ से भी की गई थी.
इस संबंध में अवर निबंधन पदाधिकारी गायत्री अग्रवाल ने बताया कि पीड़िता द्वारा अवैध वसूली करने की मांग करने का आरोप बेबुनियाद एवं निराधार है. इसको लेकर इसके विरुद्ध एक करोड़ का मानहानि का मुकदमा दर्ज करेंगे. उन्होंने यह भी बताया कि उसने जमीन निबंधन से संबंधित कोई दस्तावेज कार्यालय को पेश ही नहीं किया. सिर्फ जांच की मांग की गई थी. जिस मांग के आलोक में जांच करवाया गया रिपोर्ट मेरे सामने अभी तक नहीं आया है.