ब्रेकिंग न्यूज़

समाजसेवी अजय सिंह ने मदद के बढ़ाए हाथ, पुलिस और आर्मी भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं को सौंपा जंपिंग गद्दा Success Story: पुलिस ने मांगी रिश्वत तो लड़की ने शुरू कर दी UPSC की तैयारी, पहले IPS बनीं; फिर IAS बनकर पिता का सपना किया साकार JEE Main 2025: जेईई मेन में VVCP के छात्र-छात्राओं ने फिर लहराया परचम, जिले के टॉप थ्री पर कब्जा BIHAR NEWS: बिहार के गरीबों के लिए 2102 करोड़ रू की मंजूरी, जल्द ही खाते में जायेगी राशि, डिप्टी CM ने PM मोदी को कहा 'धन्यवाद' Chanakya Niti: दौलत, औरत और औलाद ...चाणक्य ने इन्हें क्यों बताया अनमोल? नीतीश कुमार को बड़ा झटका, जेडीयू के पूर्व विधायक मास्टर मुजाहिद आलम ने दिया इस्तीफा Namami Gange Yojana: बिहार के इस जिले को केंद्र सरकार की सौगात, नमामी गंगे और अटल मिशन के तहत मिलेगा साढ़े पांच सौ करोड़ का विकास पैकेज जनेऊ नहीं उतारा तो परीक्षा से किया बाहर, FIR के बाद बढ़ी सियासत Parenting Tips: पढ़ाई के दौरान क्यों आती है बच्चों को नींद? ये काम करें; दूर हो जाएगी परेशानी Bihar politics: बहुमत है, पर नैतिकता नहीं', बीजेपी पर बरसे मनोज झा, वक्फ कानून की वापसी की उठाई मांग!

बांध टूटने से ग्रामीण थे परेशान, बांध की मरम्मत छोड़ मंत्री जी की आगवानी में लगे रहे अधिकारी

बांध टूटने से ग्रामीण थे परेशान, बांध की मरम्मत छोड़ मंत्री जी की आगवानी में लगे रहे अधिकारी

15-Sep-2021 04:55 PM

VAISHALI: बिहार में बाढ़ के हालात में प्रोटोकॉल और अफसरशाही की शर्मनाक तस्वीर सामने आई है। जहां महनार के वाया नदी पर बने बांध के टूटने से कई गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडरा गया। जिसे देखते हुए ग्रामीण जुगाड़ टेक्नोलॉजी से बांध की मरम्मत करने जुट गये। इस दौरान सड़क के एक बड़े हिस्से के बह जाने से लोगों की परेशानी और बढ़ गयी है। वही जिले के अधिकारी मंत्री की आगवानी और प्रोटोकॉल के चक्कर में दिनभर मंत्री जी के साथ बैठक करते रहे। इस दौरान अधिकारियों ने टूटे बांध की सुध तक नहीं ली। हालांकि लोग इंतजार में बैठे थे कि उनकी सुध लेने मंत्री जी जरूर आएंगे लेकिन उनकी यह उम्मीद भी टूट गई।  


दरअसल महनार के वाजिदपुर में वाया नदी के साथ बने बांध में दरार आ गई थी। बांध में आई दरार से पानी आबादी वाले इलाकों की तरफ बहने लगी। लोगों ने बांध में दरार देखा तो रात में ही गांव के मस्जिद में लगे लाउडस्पीकर से खतरे को लेकर आगाह किया। सुबह होते ही बांध के साथ सड़क का एक बड़ा हिस्सा टूट गया और पानी तेजी से घनी आबादी वाले इलाकों में घुसने लगी। 


इससे करीब 10 पंचायतों के डूबने की आशंका से सहमे लोगों ने बांध की मरम्मत में जुट गये। बांध टूटे करीब 10 घंटे गुजर गये लेकिन ना तो कियी जनप्रतिनिधि ने ग्रामीणों की सुध ली और ना ही किसी अधिकारी ने। काफी देर बाद एक JCB मौके पर पहुंची जरूर लेकिन जिम्मेदार अधिकारी नदारद दिखे। 


ग्रामीणों को यह पता चला कि जिले के प्रभारी मंत्री और ग्रामीण विकास मंत्री जयंत राज आए हुए हैं। जो बाढ़ को लेकर जिले के अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं। मंत्री जी दिनभर अधिकारियों के साथ बैठक करते रहे लेकिन महनार के बांध की मरम्मत करने की सुध नहीं ली। बांध टूटने और बाढ़ के खतरे के बीच जद्दोजहद करते ग्रामीण सरकारी मदद नहीं मिलने से नाराज दिखे। जिले में बैठक कर निकले मंत्री जी बैठक के फायदे बताने लगे और कहा की क्षति का आकलन के बाद मदद पहुंचा दी जायेगी।