Pahalgam Terror Attack: ढाबे वाले की गलती ने बचा ली 11 लोगों की जान, पहलगाम हमले में बाल-बाल बचे पर्यटकों आपबीती Bihar Politics: VIP ने सुपौल के छातापुर में चलाया सघन जनसंपर्क अभियान, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजीव मिश्रा हुए शामिल महागठबंधन की बैठक में CM फेस पर फिर चर्चा नहीं: तेजस्वी को जवाब नहीं सूझा, कहा-पिछली ही बैठक में सब तय हुआ था, होशियार लोग समझ रहे हैं Bihar Rain Alert: बिहार में बदलेगा मौसम का मिजाज, 26 से 30 अप्रैल तक होगी आंधी-बारिश Bihar Crime News: संत पॉल एकेडमी में महिला सफाईकर्मी के साथ रेप, स्कूल के शिक्षक पर जबरन दुष्कर्म करने का आरोप Bihar News: थाने का ड्राइवर ही निकला गांजा तस्कर, SP की नजरों में आने के बाद हुआ खुलासा Bihar News: बिहार के CRPF जवान की आत्महत्या से हड़कंप, बैरक में सर्विस रायफल से समाप्त की जीवन लीला PSL 2025 Broadcast Suspended: पाकिस्तान के खिलाफ एक और बड़ा फैसला, अब भारत में नहीं दिखेंगे पाक में होने वाले मैच Pahalgam Terrorist Attack: आतंकी हमले में मारे गये IB अफसर मनीष रंजन के परिजनों से मिली पवन सिंह की पत्नी, बोलीं..कायराना हरकत करने वालों को दें मुंहतोड़ जवाब Bihar News: बिहार के एक SDO को नहीं मिली राहत, DM की रिपोर्ट पर मिली थी सजा
27-Apr-2023 03:20 PM
By First Bihar
DESK: डीएम जी. कृष्णैया की हत्या से नाराज आईएएस एसोसियेशन ने एक बार फिर नीतीश सरकार के फैसले पर बेहद तीखी प्रतिक्रिया दी है. आंध्र प्रदेश आईएएस एसोसियेशन ने कहा है-आनंद मोहन को रिहा करने का बिहार सरकार का आदेश पूरी तरह से गलत है, इससे भविष्य के लिए खतरनाक मिसाल कायम हो गया है. ऐसे फैसले से संविधान की नींव नष्ट हो जायेगी.
आंध्र प्रदेश आईएएस एसोसिएशन ने प्रेस विज्ञप्ति जारी की है. एसोसियेशन ने गोपालगंज के पूर्व जिलाधिकारी स्वर्गीय जी कृष्णैया आईएएस की नृशंस हत्या के दोषियों को रिहा करने के बिहार सरकार के फैसले पर कड़ी आपत्ति जताई है.
एसोसियेशन ने कहा है कि आंध्र प्रदेश में एक विनम्र परिवार में जन्मे, जी. कृष्णय्या अपनी मेहनत और दृढ़ संकल्प के बल पर आईएएस अधिकारी बने थे, जिसके बाद उन्हें बिहार कैडर आवंटित किया गया था. एक आईएएस अधिकारी के रूप में जी. कृष्णय्या ने हमेशा गरीबों और दलितों के पक्ष में फैसले लिए. यहां तक कि जिस दिन उनकी बेरहमी से हत्या की गई, उस दिन भी वे अपने बॉडी गार्ड को भीड़ से बचाने की कोशिश कर रहे थे.
एसोसियेशन ने कहा है कि ऐसे उत्कृष्ट अधिकारी के हत्यारे को रिहा करने की राज्य सरकार की कार्रवाई निंदनीय है. सरकार की इस तरह की कार्रवाई से न केवल आईएएस अधिकारियों बल्कि दूसरे सरकारी सेवकों के मनोबल पर भी गलत प्रभाव पड़ेगा. एक IAS अधिकारी देश की ईमानदारी और निष्ठा से सेवा करने के लिए संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ लेता है.
वह सरकार के आदेश के अनुसार कर्तव्यों का पालन करता है. अगर ऐसे अधिकारी पर हमला होता है तो यह संविधान और राज्य को को खुली चुनौती है. यदि ऐसी चुनौती का सही तरीके से सामना नहीं किया गया तो यह संविधान की नींव को नष्ट कर देगा. ऐसे में बिहार सरकार का आदेश गलत है और इसने भविष्य के लिए खतरनाक मिसाल कायम की है।
आईएएस ऐसोसियेशन ने कहा है कि हम राज्य सरकार से पुरजोर अपील करते हैं कि राष्ट्रहित में जल्द से जल्द अपने फैसले पर पुनर्विचार करें. बता दें कि इससे पहले सेंट्रल आईएएस एसोसियेशन ने भी आनंद मोहन की रिहाई पर कडी नाराजगी जताते हुए राज्य सरकार को कहा था कि वह अपने फैसले पर पुनर्विचार करे. हालांकि बिहार के मुख्य सचिव ने आईएएस एसोसियेशन की मांग पर विचार करने से इंकार कर दिया है.