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07-Jun-2020 06:26 PM
PATNA : क्या बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की वर्चुअल रैली को न खुद सुनना चाहते थे और ना ही अपने वर्करों को सुनने देना चाहते थे. अमित शाह की डिजिटल या वर्चुअल रैली के दौरान नीतीश ने जो कुछ किया उसका मतलब तो यही निकलता है. हालांकि जेडीयू के नेता कह रहे हैं कि बीजेपी और जेडीयू का अलग-अलग कार्यक्रम पहले से तय था इसका कोई दूसरा मतलब नहीं निकाला जाना चाहिये.
ठीक चार बजे वीडियो कांफ्रेंसिग पर बैठ गये नीतीश
बीजेपी ने पहले से तय कर रखा था कि 7 जून को शाम 4 बजे अमित शाह बिहार के लोगों को डिजिटल रैली के जरिये संबोधित करेंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उसी दिन चार जिलों के जेडीयू नेताओं के साथ अपनी वीडियो कांफ्रेंसिंग रख दी थी. नीतीश की वीडियो कांफ्रेंसिंग आज सुबह 11 बजे शुरू हुई. उनके साथ ललन सिंह, आरसीपी सिंह, मंत्री संजय कुमार झा और अशोक चौधरी भी बैठे थे. बगहा से लेकर बेतिया और पूर्वी चंपारण तक के जेडीयू कार्यकर्ताओं के साथ नीतीश कुमार की वीडियो कांफ्रेंसिंग का दौर लगभग ढाई बजे समाप्त हो गया. सीएम हाउस के वीडियो कांफ्रेंसिंग कक्ष से सभी नेता बाहर निकल गये.
इसके बाद सीएम आवास का वीडियो कक्ष खाली पड़ा रहा. इस कक्ष में चार बजने से चंद मिनट पहले तक साउंड सिस्टम वाले और टेक्नीकल लोग टेस्टिंग करते दिख रहे थे. लोगों को लगा शायद अब नीतीश कुमार का वीडियो कांफ्रेंसिंग अमित शाह के भाषण के बाद होगा. शायद नीतीश कुमार सुनें कि केंद्रीय गृह मंत्री क्या कह रहे हैं. लेकिन चार बजने में दो-तीन मिनट बाकी था कि वीडियो कांफ्रेंसिंग कक्ष में मंत्री संजय कुमार झा पहुंच गये. कुछ देर तक वे अकेले ही उस हॉल में बैठे रहे.
चार बजने के कुछ मिनट बाद बीजेपी के केंद्रीय कार्यालय में डिजिटल रैली के लिए बनाये गये मंच पर अमित शाह प्रकट हुए. संयोग कहें या कुछ और ठीक उसी समय नीतीश कुमार ने भी अपने कार्यकर्ताओं के संबोधित करने के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग कक्ष में प्रवेश किया. अमित शाह के भाषण से पहले जब बिहार बीजेपी के नेता भाषण दे रहे थे तो उस वक्त सीएम आवास के वीडियो कांफ्रेंसिंग में बारी-बारी से संजय झा, अशोक चौधरी, आरसीपी सिंह और ललन सिंह भाषण दे रहे थे. जिस वक्त अमित शाह का भाषण शुरू हुआ लगभग उसी वक्त नीतीश कुमार ने भी अपने कार्यकर्ताओं को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संबोधित करना शुरू कर दिया.
इसे एक और संयोग मान लीजिये कि नीतीश कुमार का भाषण भी लगभग उसी वक्त खत्म हुआ जब अमित शाह अपना भाषण खत्म कर रहे थे. उधर अमित शाह बीजेपी दफ्तर में बने मंच से उतरे और इधर नीतीश कुमार अपने आवास के वीडियो कांफ्रेंसिंग कक्ष से बाहर निकल गये.
अमित शाह की रैली पर जेडीयू में थी भारी उत्सुकता
वैसे अमित शाह की डिजिटल रैली को लेकर जेडीयू में भारी उत्सुकता थी. जेडीयू का हर छोटा-बड़ा नेता इस पर ध्यान लगा कर बैठा था. दरअसल बिहार में एनडीए की ओर से मुख्यमंत्री पद के दावेदार को लेकर लोक जनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान ने जिस तरीके से बयानबाजी की थी उससे जेडीयू के नेताओं में बेचैनी थी. वे देखना चाह रहे थे कि अमित शाह फिर से ये कहते हैं कि नहीं कि नीतीश के नेतृत्व में ही बिहार में चुनाव लड़ा जायेगा. अमित शाह ने नीतीश के नेतृत्व में चुनाव लड़ने की बात कह कर जेडीयू के नेताओं को खुश कर दिया है.