Bihar Election 2025: VIP के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने किया मतदान, लोगों से की वोट करने की अपील Bihar Election 2025: VIP के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने किया मतदान, लोगों से की वोट करने की अपील BIHAR ELECTION : विजय सिन्हा के काफिले पर हमला के बाद अब लखीसराय में राजद MLC को ग्रामीणों ने घेरा,विरोध में लगाए नारे; बाहर निकालने के लिए सुरक्षा कर्मी को करनी पड़ीं मस्कत Bihar Election 2025 : : पटना की 14 सीटों पर पहले चरण का मतदान जारी, दोपहर 3 बजे तक मतदान प्रतिशत सामने; इस सीट पर सबसे अधिक वोटिंग Bihar Election 2025 : मुजफ्फरपुर कांटी में चुनावी झड़प, NDA प्रत्याशी इंजीनियर अजित कुमार और RJD समर्थकों में भिड़ंत; एक घायल Bihar News: बिहार में यहां 2 बच्चों की डूबने से मौत, मातम में तब्दील हुई मुंडन की खुशियां Bihar Election 2025: मतदान से पहले डिस्पैच सेंटर से बूथ तक EVM की कैसे होती है निगरानी? जानें पूरी डिटेल Bihar Election : लखीसराय में विजय सिन्हा के काफिले पर हमला, DGP को CEC का कड़ा निर्देश ,कहा - तत्काल लें इस मामले में एक्शन रातों-रात सब्जीवाला बन गया करोड़पति: 11 करोड़ की लगी लॉटरी, एक हजार रुपये उधार देने वाले दोस्त को अब देगा एक करोड़ रुपये Bihar Election 2025: वोटिंग के दौरान छपरा में सीपीएम विधायक सत्येंद्र यादव की गाड़ी पर हमला, बाल-बाल बचे
10-Aug-2022 09:02 AM
PATNA : इंजीनियरिंग की पढ़ाई जल्द ही सभी भारतीय भाषाओं में शुरू होगी. अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा, परिषद (एआईसीटीई) ने इसके लिए एक विशेष मुहिम शुरू की है. इसके तहत इंजीनियरिंग की पढ़ाई अब जल्द ही उर्दू, असमिया और मलयालम में होगी. इसके लिए कोर्स तैयार करने का काम तेजी से चल रहा है, जो इस साल के अंत तक पूरा हो सकता है. इंजीनियरिंग की पहले ही पढ़ाई हिंदी, मराठी व तमिल जैसी कुछ चुनिंदा भारतीय भाषाओं में शुरू कर दी गई है.
जानकारी के मुताबिक, इंजीनियरिंग से जुडे, डिग्री और डिप्लोमा के कोर्स के लिए 9 भारतीय भाषाओं में तैयार किए जा चुके हैं. इनमें करीब छह भारतीय भाषाओं में इंजीनियरिंग के कोर्स शुरू भी हो चुके हैं. इन कोर्सों की शुरुआतदेश के 20 इंजीनियरिंग कालेजों से की गई है. इस बीच एआईसीटीई ने इंजीनियरिंग से जुड़े सभी डिग्री और डिप्लोमा के पहले वर्ष से लेकर अंतिम वर्ष तक के कोसों को सभी भाषाओं में तैयार करने की एक विस्तृत योजना तैयार की है. इस पर 18 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि खर्च होगी.
इस दौरान इंजीनियरिंगसे जुड़े करीब 88 विषयों को पहचान की गई है, जिसे इन सभी भाषाओं में इस साल के अंत तक तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है. खास बात यह है कि इन पाठ्यक्रमों को तैयार करने में आटीफिशियल इंटेलीजेंस की भी मदद ली जा रही है. ऐसे तकनीकी शब्दों से बिल्कुल भी छेड़छाड़ नहीं की जा रही है, जो प्रचलन में है. एआईसीटीई ने इस दौरान भारतीय भाषाओं में तैयार होने वाली इंजीनियरिंग की इन किताबों को उस राज्य के सभी तकनीकी संस्थानों को मुहैया कराने की भी योजना बनाई है.