Bihar Election 2025: वोटिंग करने से पहले जरुर जान लें यह बातें, पोलिंग बूथ पर जाकर नहीं होगी कोई परेशानी Bihar Special Trains: यात्रियों के लिए खुशखबरी! बिहार से चलेंगी इतनी स्पेशल ट्रेनें, जानें क्या है टाइमिंग और रुट? Bihar Election : पटना में गंगा नदी में नाव परिचालन पर रोक, SDO ने जारी किया आदेश; जानिए क्या है वजह Bihar Election 2025: बिहार में वोटिंग से पहले पुलिस का बड़ा एक्शन, आशा कार्यकर्ता के घर से 32.42 लाख कैश जब्त बिहार विधानसभा चुनाव 2025: मुजफ्फरपुर से 4186 मतदान केंद्रों के लिए पोलिंग पार्टियां रवाना DGP ने दिया इस्तीफा ! इस वजह से केंद्र ने जताई थी आपति; कार्यकाल पूरा होने से पहले छोड़ा पद; नए नाम को लेकर चर्चा तेज Bihar Elections 2025: बिहार चुनाव को लेकर अलर्ट मोड में स्वास्थ्य विभाग, आपात स्थिति से निपटने के लिए कसी कमर Bihar Voting : पहले चरण में मतदान समय में बदलाव, सुरक्षा के कड़े इंतजाम; इन चीजों पर भी रहेगी नजर Kartik Purnima 2025: कार्तिक पूर्णिमा पर पटना में लगा भीषण जाम, श्रद्धालुओं की भीड़ से ठप हुई राजधानी की ट्रैफिक व्यवस्था Bihar Election 2025 : लालू यादव ने मंत्री बनाने का प्रलोभन देकर नीतीश सरकार गिराने में मांगी थी मदद, तब BJP विधायक ने RJD सुप्रीमों का ऑडियो कर दिया था वायरल; अब पत्ता साफ़ हुआ तो तेजस्वी से मिला लिया हाथ
27-May-2023 02:28 PM
By ARYAN SHARMA
PATNA: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे। संसद का उद्घाटन दोपहर 12 बजे होगा लेकिन इससे पहले सुबह 7 बजे से हवन पूजन का कार्यक्रम शुरू हो जाएगा। इस बात की जानकारी देते हुए भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री ऋतुराज सिन्हा ने कहा कि देश की 140 करोड़ जनता इस ऐतिहासिक दिन का इंतजार दो साल से कर रहे थे। उन्होंने विपक्ष के साथियों से कहा कि सारे मतभेद भुलाकर इस ऐतिहासिक दिन को लोकतंत्र के उत्सव के रूप में मनाएं।
उन्होंने कहा कि सनातन परंपरा और वास्तुशास्त्र के सिद्धांतों से परिपूर्ण, हमारे देश के लोकतंत्र का नया मंदिर कई मामलों में पुराने संसद भवन की आधारभूत समस्याओं का निदान करता है। भारतीयों द्वारा भारतीयों के लिए बनाया गया हमारा नया संसद भवन स्टेट ऑफ द आर्ट तकनीक, बेहतर अग्निशमन सुविधाएं, और ज्यादा लोगों के बैठने की क्षमता से लैस है। और जो पुराने संसद भवन में जल रिसाव की समस्या थी, उसका भी निदान नए संसद भवन में किया गया है।
उन्होंने कहा कि यह बहुत ही दुखद है, की जिस ऐतिहासिक क्षण को हमें अपने सारे मतभेद भुलाकर सिर्फ लोकतंत्र के उत्सव के रूप में मनाना चाहिए था, उसपर भी कुछ विपक्षी पार्टियां स्वार्थ और पूर्वाग्रह की राजनीति कर रहीं हैं। विरोधाभास एक स्वस्थ लोकतंत्र का अभिन्न अंग है, पर जब कोई निहित स्वार्थ के लिए एक राष्ट्रीय चिह्न और प्रधानमंत्री के अपमान पर उतर आए, तो यह सिर्फ राजनीतिक कुंठा की निशानी है।
ऋतुराज ने कहा कि आज दुनिया देख रही है कि कैसे भारत एक-एक करके ब्रिटिश साम्राज्यवाद की निशानियों को त्याग कर आत्मनिर्भरता के नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। दुनिया यह भी देख रही है कि कैसे कुछ गुट 75 वर्ष बाद भी लुटियंस का मोह नहीं छोड़ पा रहे हैं, और अमृतकाल की हर उपलब्धि को अपनी विषपूर्ण विचारधारा से कलुषित कर रहे हैं।
बहरहाल, माननीय सुप्रीम कोर्ट ने भी इस पर अपना दो टूक दे ही दिया। जिस आर्टिकल 79 को हथियार बनाकर, "बॉयकॉट गैंग" प्रधानमंत्रीजी को निशाना बना रहा था, उसका संसद के उद्घाटन से कोई रिश्ता नहीं है यह बोलते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस हास्यास्पद अर्जी को सिरे से खारिज कर दिया। भारत की जनता तो पहले ही इन विध्वंसकारक विचारधाराओं को खारिज कर चुकी है, चाहे वो चुनाव में हो या, शोर गुल से ऊपर उठकर, लोकतंत्र के नए मंदिर का अभिभूषण करने में।