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01-Aug-2023 07:12 PM
By First Bihar
PATNA: आखिरकार 26 दिन बाद बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर दफ्तर पहुंचे। उनके कार्यालय पहुंचते ही गहमागहमी बढ़ गई। शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने पेंडिग फाइलों का भी निपटारा किया। मंत्री के अचानक दफ्तर आने के बाद विभाग में कई तरह की चर्चा होने लगी।
गौरतलब है कि शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर 26 दिन से कार्यालय नहीं आ रहे थे। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक से विवाद के बाद से ही शिक्षा मंत्री ने दफ्तर आना बंद कर दिया था। जिसे लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे थे। इस दौरान शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और अपर मुख्य सचिव केके पाठक के बीच मुलाकात नहीं हो पायी थी। लेकिन मंगलवार को 26 दिन बाद वे विभाग पहुंचे और इस दौरान अधिकारियों से मिले। इस दौरान विभाग में अपर मुख्य सचिव केके पाठक भी अपने कार्यालय में मौजूद रहे।
बता दें कि शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के आप्त सचिव कृष्णानंद यादव ने केके पाठक को पीत पत्र भेजा था। इस पीत पत्र में केके पाठक को कई नसीहत देते हुए उन्हें चेतावनी दी गयी थी। इसके जरिए केके पाठक की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे। बिहार सरकार के नियमों के मुताबिक काम नहीं करने का आरोप लगाया था। केके पाठक पर आरोप लगाया गया था कि वे बिना मंत्री से बातचीत किए अहम फैसले ले रहे हैं।
इस पीत पत्र के भेजे जाने के बाद विभाग ने कार्रवाई की थी। शिक्षा विभाग ने मंत्री के आप्त सचिव के कार्यालय में घुसने पर रोक लगा दिया है. वहीं, कृष्णानंद यादव से पूछा गया है कि वह अपने नाम के साथ डॉ कैसे लगा रहा है. उसका सबूत पेश करने को कहा गया। शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया था कि अपर मुख्य सचिव को पत्र भेजने वाला आप्त सचिव सरकारी कर्मचारी नहीं है. किसी मंत्री को प्राइवेट व्यक्ति को अपना आप्त सचिव बनाने का अधिकार होता है. लेकिन वह सरकारी आलाधिकारियों से पत्राचार नहीं कर सकता।