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21-Sep-2025 04:03 PM
By First Bihar
Tejas Express : भारत को “रेलवे का देश” कहा जाए तो गलत नहीं होगा। यहां हर दिन करोड़ों लोग यात्रा करते हैं और हजारों ट्रेनें पटरियों पर दौड़ती हैं। छोटे सफर से लेकर लंबी दूरी की यात्रा तक, रेलवे आम नागरिकों की पहली पसंद बना हुआ है। ट्रेन यात्रा न केवल किफायती होती है बल्कि सुविधाजनक और आरामदायक भी होती है। यही कारण है कि हवाई सफर के विकल्प मौजूद होने के बावजूद लोग अब भी ट्रेनों पर भरोसा करते हैं।
हालांकि, भारतीय रेलवे की सबसे बड़ी चुनौती समय पर ट्रेन चलाना है। मौसम खराब होने, तकनीकी खामी, ट्रैक में दिक्कत या कभी-कभी अप्रत्याशित कारणों की वजह से ट्रेनें अक्सर देरी से चलती हैं। कई बार यात्रियों को घंटों स्टेशन पर इंतज़ार करना पड़ता है। इससे उनके सफर और योजनाओं पर असर पड़ता है।
रेलवे ने यात्रियों की इस परेशानी को देखते हुए कुछ नियम बनाए हैं। अगर ट्रेन अत्यधिक लेट होती है और यात्री अपनी यात्रा रद्द करना चाहते हैं, तो उन्हें टिकट कैंसिल करने पर रिफंड मिल सकता है। लेकिन यह सुविधा सीमित है और यात्रियों को रद्द करने की प्रक्रिया अपनानी पड़ती है।
इसी बीच देश में एक ट्रेन ऐसी भी है, जिसने ट्रेन लेट होने की स्थिति में यात्रियों को मुआवज़ा देने की नई मिसाल कायम की है। यह ट्रेन है तेजस एक्सप्रेस।
तेजस एक्सप्रेस भारतीय रेलवे की पहली प्राइवेट ट्रेन है, जिसे आईआरसीटीसी (Indian Railway Catering and Tourism Corporation) ऑपरेट करता है। आधुनिक सुविधाओं और शानदार सेवा के कारण यह ट्रेन यात्रियों के बीच खासा लोकप्रिय है।
तेजस एक्सप्रेस ने न केवल ट्रेन यात्रा को लक्ज़री अनुभव में बदला बल्कि यात्रियों को समय की गारंटी भी दी। आईआरसीटीसी ने इस ट्रेन को खास बनाने के लिए एक अनोखा नियम लागू किया है। इसमें यह है कि अगर यह ट्रेन लेट होती है तो यात्रियों को मुआवजा दिया जाएगा। लेकिन उसके लिए आपको इसका नियम काननू समझना होगा।
आईआरसीटीसी के अनुसार अगर तेजस एक्सप्रेस 1 घंटे लेट होती है तो यात्रियों को ₹100 प्रति यात्री मुआवज़ा दिया जाता है। अगर तेजस एक्सप्रेस 2 घंटे या उससे ज्यादा लेट होती है तो यात्रियों को ₹250 प्रति यात्री मुआवज़ा मिलता है। यह सुविधा यात्रियों को सीधा उनके टिकट बुकिंग वाले बैंक अकाउंट में दी जाती है। लेकिन,इसके लिए भी कुछ नियम कानून तय किए गए हैं।
जब तेजस एक्सप्रेस देरी से चलती है, तो यात्रियों के मोबाइल पर आईआरसीटीसी की तरफ से एक लिंक भेजा जाता है। उस लिंक पर जाकर यात्री अपनी यात्रा से संबंधित जानकारी दर्ज करते हैं। इसके बाद आईआरसीटीसी भुगतान प्रक्रिया पूरी करता है और सीधे उसी अकाउंट में पैसे भेजता है, जिससे टिकट खरीदा गया था।यह पूरा प्रोसेस सरल और पारदर्शी है। यात्रियों को किसी अतिरिक्त आवेदन या जटिल प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ता।
भारत में जहां अक्सर ट्रेनें लेट होती हैं और यात्री नुकसान झेलते हैं, वहीं तेजस एक्सप्रेस समय की पाबंदी और पारदर्शिता का प्रतीक है। हालांकि यह ट्रेन बहुत कम ही लेट होती है, लेकिन जब भी ऐसा होता है, तो यात्री न सिर्फ समय गंवाते हैं बल्कि उन्हें मुआवज़े का लाभ भी मिलता है। इस पहल ने भारतीय रेलवे के प्रति यात्रियों का भरोसा और मजबूत किया है। साथ ही, यह भविष्य की उन योजनाओं की झलक भी देती है, जहां ट्रेन सेवाओं को और आधुनिक और यात्री-हितैषी बनाया जा सकेगा।