सहरसा में सनसनीखेज खुलासा: दो कट्ठा जमीन के लिए बेटे ने की पिता की बेरहमी से हत्या, पुलिस ने दबोचा Bihar News: बिहार में अर्घ्य देने के दौरान दो पक्षों में जमकर मारपीट, कई लोग घायल; जानें क्या है मामला? Bihar Crime News: बिहार में बाइक सवार बदमाशों ने किसान की गोली मारकर हत्या, एक अपराधी गिरफ्तार Bihar Crime News: बिहार के इस जिले में गोलीबारी के बाद मचा हड़कंप, मुखिया समेत 2 गिरफ्तार Bihar News: बिहार में छठ घाट बनाने के दौरान युवक की डूबने से मौत, परिवार में मचा कोहराम Chhath Puja Tragedy : छठ घाट पर दर्दनाक हादसा: एक ही परिवार के तीन मासूम डूबे, सुरक्षा इंतजाम की खुली पोल Barh Heart Attack : छठ पूजा के दौरान अर्घ्य अर्पित करते समय श्रद्धालु की हार्ट अटैक से मौत, गंगा घाट पर मची अफरा-तफरी Bihar Election 2025 : तेजस्वी यादव का बड़ा बयान: “हमारा चेहरा तय, एनडीए बताए उनका विजन क्या है” – महागठबंधन का घोषणा पत्र जारी ! IB Vacancy 2025 : इंटेलिजेंस ब्यूरो में टेक्निकल पदों पर निकली 258 वैकेंसी, GATE स्कोर से होगा चयन IRCTC घोटाला मामला: चुनाव प्रचार के बीच लालू परिवार की मुश्किलें बढ़ीं, राउज एवेन्यू कोर्ट में सीबीआई ने दी कड़ी दलील, कहा- 'चुनाव प्रचार और केस दोनों संभालना मुश्किल'
04-May-2025 01:50 PM
By First Bihar
Salary vs pension: केंद्र सरकार के ताजा बजट प्रोफाइल से एक चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई है। अब सरकार का पेंशन पर खर्च उसके वेतन खर्च से अधिक हो गया है। 2025-26 के बजट में पेंशन पर ₹2.77 लाख करोड़ जबकि वेतन पर ₹1.66 लाख करोड़ खर्च करने का अनुमान है। यह सिलसिला 2023-24 से शुरू हुआ और अब भी जारी है।
यह बदलाव 2023-24 से देखने को मिल रहा है, जब पहली बार पेंशन का खर्च वेतन से अधिक हुआ। तब से यह अंतर लगातार बढ़ता जा रहा है। इस ट्रेंड ने न सिर्फ सरकारी खर्च के ढांचे पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह भी दर्शाया है कि सरकारी नौकरियों की संख्या में कमी आई है या वेतन मद का पुनर्गठन किया गया है।
आज के दौर में जब युवाओं को स्थायी सरकारी नौकरियों की तलाश है और लाखों उम्मीदवार UPSC, SSC, बैंक और रेलवे की तैयारी कर रहे हैं, ऐसे में सरकार द्वारा वेतन मद में कटौती और भत्तों को अलग श्रेणी में डालने की नीति पर सवाल उठते रहें हैं।
सरकार ने भत्तों को 'वेतन' से अलग कर 'अन्य भत्तों' की श्रेणी में गिनना शुरू कर दिया है। इससे कुल खर्च में बदलाव नहीं हुआ, लेकिन 'वेतन' घटता हुआ दिखाई दे रहा है। इससे आने वाले 8वें वेतन आयोग पर भी प्रभाव पड़ सकता है, जिसे 2027 से लागू किया जाना है। अगर सरकार वेतन में वृद्धि की जगह भत्तों को प्राथमिकता देती रही, तो यह नई भर्ती करने वाले कर्मचारियों के लिए फायदेमंद नहीं होगा। इसके साथ ही, यह सरकार की मंशा पर भी सवाल खड़े करता है कि क्या वह वेतन आयोग की सिफारिशों को पूरी तरह लागू करेगी या नहीं।
वर्तमान भारत की युवा आबादी, जो सरकारी रोजगार को सुरक्षित भविष्य मानती है, ऐसे बदलावों से प्रभावित हो सकती है। इस आर्थिक नीति में पारदर्शिता और स्थायित्व को लेकर बहस और बढ़ सकती है, खासकर ऐसे समय में जब देश को रोजगार, विकास और सामाजिक सुरक्षा जैसे मुद्दों पर मजबूत रणनीति की जरूरत है। सरकार की इस नई प्रवृत्ति ने कर्मचारियों के बीच चिंता भी बढ़ा दी है कि कहीं वेतन वृद्धि के बजाय भत्तों के जरिए भुगतान की नीति को आगे न बढ़ाया जाए। ऐसे में अब सबकी निगाहें 8वें वेतन आयोग की रिपोर्ट और उसके लागू होने की प्रक्रिया पर टिक गई हैं।