Ganesh Chaturthi 2025: इन महाराष्ट्रीयन व्यंजनों से बेहद प्रसन्न होते है भगवान गणेश; बाप्पा के भोग में जरुर करें शामिल EOU RAID : सुबह -सुबह भागलपुर में EOU की रेड, इलाके में मचा हडकंप Security Breach In Parliament : संसद भवन की सुरक्षा में बड़ी चुक, दीवार खुदकर अंदर पहुंचा शख्स RAHUL GANDHI : ECI की रिपोर्ट ने खोल दी राहुल के यात्रा का पोल, अब जनता के बीच उठने लगा यह सवाल UPI 3.0: इस दिन लॉन्च होगा UPI 3.0, बदल जाएंगे पेमेंट के नियम; जानिए ...क्या होंगे नए बदलाव? Bihar Transport News: भोजपुर ट्रांसपोर्ट रिश्वतखोरी: ..तो जांच टीम ने डीटीओ-एमवीआई को बचाया..बिना पूछताछ बनाई मनमाफिक रिपोर्ट ? सिपाही ने डीएम से लगाई गुहार..नई टीम करे जांच Jaswinder Bhalla: नहीं रहे मशहूर कॉमेडियन और एक्टर, 65 की उम्र में ली अंतिम सांसे एशिया कप से पहले उम्दा फॉर्म में Rinku Singh, महज 48 गेंद में शतक जड़ साफ़ की अपनी मंशा Bihar News: डबल मर्डर से दहला बिहार, 2 अपराधियों की गोली मारकर हत्या Bihar News: कोर्ट में कैदी ने हथकड़ी खोलकर दिया चकमा, कुछ ही घंटों में पुलिस ने दबोचा
21-Aug-2025 03:27 PM
By First Bihar
DESK: पढ़ाई के साथ-साथ मुफ्त में बच्चों की हेयर कटिंग करने वाले मास्टर साहब की चर्चा आजकल खूब हो रही है। 2012 से वो खुद ही बच्चों के बाल काटते आ रहे हैं। स्कूल के पहली से दसवीं क्लास के बच्चों को 15 साल से स्कूल के अलावा फ्री कोचिंग भी दे रहे हैं।
हम बात कर रहे हैं छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के बोड़ला स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय में पदस्थ शिक्षक पूनाराम पनागर की जो न केवल बच्चों को पढ़ाते हैं, बल्कि उनका मुफ्त में हेयर कटिंग भी करते हैं। इस अनोखी पहल के चलते उन्हें लोग प्यार से "सैलून वाले गुरुजी" कहने लगे हैं। शिक्षक पूनाराम की यह पहल तब शुरू हुई जब वे महलीघाट गांव के प्राइमरी स्कूल में थे। आदिवासी क्षेत्र में सैलून की कमी और बच्चों की बढ़ती हुई बालों की समस्या को देखते हुए उन्होंने 2012 से खुद बाल काटने का काम शुरू किया।
मास्टर साहब के ऐसा करने के पीछे उद्धेश्य बच्चों का खर्च बचाना और पढ़ाई पर ध्यान दिलाना है। वे बच्चों को हेयरकटिंग के लिए खर्च होने वाले पैसों से कॉपी, किताबें या पढ़ाई से जुड़ी जरूरी चीजों पर खर्च करने के लिए प्रेरित करते हैं। बोड़ला के सरकारी SC-ST हॉस्टल में रहने वाले गरीब बच्चों के बाल वे हर महीने के रविवार को स्वयं काटते हैं, जिससे बच्चों को आत्मसम्मान और स्वच्छता का भी महत्व समझ आता है।
पूनाराम पनागर पिछले 15 वर्षों से कक्षा 1 से 10 तक के बच्चों को निःशुल्क कोचिंग भी दे रहे हैं। साथ ही, वे बच्चों को प्रेरित करने के लिए 10वीं और 12वीं में टॉप करने वालों को 10-15 हजार रुपए का इनाम भी अपनी जेब से देते हैं। हर साल पूनाराम खुद पर्चा छपवाकर ग्रामीणों से अपील करते हैं कि वे अपने बच्चों का दाखिला निजी स्कूलों के बजाय सरकारी स्कूलों में कराएं। वे गरीब बच्चों को किताबें और कॉपियां भी खुद खरीदकर देते हैं।
पूनाराम पनागर की यह सोच और समर्पण न केवल बच्चों को आगे बढ़ा रही है, बल्कि यह साबित करती है कि एक शिक्षक अगर चाहे तो समाज में बड़ा बदलाव ला सकता है। यह उन शिक्षकों के लिए एक सबक है जो बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करते हैं। पूनाराम सरकारी शिक्षक रहते अपनी सेवा भावना से मिसाल बन गये हैं। इलाके में भी इनकी खूब चर्चा होती है। इन्होंने बच्चों के अभिभावकों के बीच अपनी एक अलग पहचान बनाई है।