Bihar crime news : महिला पुलिसकर्मी का वीडियो बनाने पर बवाल, विरोध पर डायल-112 की जीप पर पथराव Amrit Bharat Express Bihar: नए साल 2026 में बिहार से चलेंगी 4 नई अमृत भारत ट्रेनें, यात्रियों को मिलेगा यह विशेष सुविधा CBI Raid: रक्षा मंत्रालय में तैनात आर्मी अफसर रिश्वत लेते गिरफ्तार, घर से 2.36 करोड़ नकद बरामद Mukhyamantri Mahila Rojgar Yojana : मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना 2025: 31 दिसंबर तक करें आवेदन, 10 हजार के बाद मिलेंगे 2 लाख रुपये Bihar News: फर्जी दरोगा रवि परासर तीसरी बार पकड़ाया, तीसरी बार अवैध शराब के साथ गिरफ्तार; जांच में खुल रही कई पोल Bihar News: बिहार में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार की नई दिशा, इन जिलों में डेस्टिनेशन प्लान और 5-स्टार होटल निर्माण Patna News: बिहटा–दानापुर फोरलेन एलिवेटेड सड़क पर इस दिन से दौड़ेंगी गाड़ियां, ट्रैफिक जाम से मिलेगी राहत Bihar Weather: बिहार में अगले दो दिन तक कोहरे का अलर्ट, जानें मौसम का ताजा अपडेट India Banded Places: कौन हैं भारत के वह 6 स्थान, जहां भारतीयों का जाना है पूरी तरह बैन? जानिए.. India Banded Places: कौन हैं भारत के वह 6 स्थान, जहां भारतीयों का जाना है पूरी तरह बैन? जानिए..
10-Apr-2025 08:50 AM
By KHUSHBOO GUPTA
MP News: मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम जिले के एक सरकारी कॉलेज में एक चपरासी छात्रों की आन्सर शीट चेक कर रहा था। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ। जिसके बाद एक घोटाला सामने आया और तीन कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया साथ ही प्रिंसिपल और एक प्रोफेसर को भी निलंबित कर दिया गया।
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद स्थानीय विधायक ठाकुर दास नागवंशी ने इस मुद्दे को उठाया। उच्च शिक्षा विभाग ने एक जांच समिति गठित की, जिसने 3 अप्रैल को अपनी रिपोर्ट पेश की। अगले ही दिन प्रिंसिपल राकेश कुमार वर्मा और मूल्यांकन के नोडल अधिकारी प्रोफेसर रामगुलाम पटेल को निलंबित कर दिया गया। वर्मा का आरोप है कि स्थानीय राजनेता उन्हें निशाना बना रहे हैं। उन्हें 3 महीने में तीन बार हटाया जा चुका है।
अब इस बात का पता चला है कि हिंदी की कॉपी जांचने वाले चपरासी ने अंग्रेजी में मास्टर डिग्री की है। वायरल हुए क्लिप में चपरासी को पूरी गंभीरता से उत्तर पुस्तिकाओं की जांच करते, टिक मार्क लगाते और अंक लिखते हुए दिखाया गया। जिसके बाद जांच हुई। समिति ने परीक्षा मूल्यांकन के दृष्टिकोण में चौंकाने वाली लापरवाही पाई। अपनी रिपोर्ट में, पैनल ने कहा कि अतिथि व्याख्याता खुशबू पगारे, जो हिंदी पढ़ाती हैं, ने लिखित बयान में स्वीकार किया है कि उन्होंने उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन किसी और से करवाया था क्योंकि वह बीमार थीं।
समिति के अनुसार, उन्होंने उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करने के लिए कॉलेज के ही राकेश कुमार मेहर को 7,000 रुपये दिए। मेहर ने बदले में उत्तर पुस्तिकाओं को चपरासी पन्नालाल पठारिया को सौंप दिया और उसे 5,000 रुपये दिए, जिसमें से 2,000 रुपये उसने अपने पास रख लिए, ऐसा प्रिंसिपल और नोडल अधिकारी के निलंबन आदेश में कहा गया है। पगारे, मेहर और पठारिया को बुधवार को बर्खास्त कर दिया गया।