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31-Dec-2025 03:42 PM
By First Bihar
Health Ministry : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल ही में 100 मिलीग्राम से अधिक वाली निमेसुलाइड पेन किलर टैबलेट्स पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया है। यह निर्णय स्वास्थ्य जोखिमों को देखते हुए और ड्रग टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड (DTAB) की सिफारिश के आधार पर लिया गया है। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि इस खुराक वाली निमेसुलाइड दवाएं मनुष्यों के लिए खतरनाक हो सकती हैं, जबकि दर्द निवारण के लिए बाजार में कई सुरक्षित विकल्प मौजूद हैं।
निमेसुलाइड एक नॉन-स्टेरॉयडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवा (NSAID) है, जिसका उपयोग मुख्य रूप से दर्द और सूजन को कम करने के लिए किया जाता है। यह दवा अक्सर जोड़ों के दर्द, गठिया और अन्य सामान्य दर्द के इलाज में प्रयोग की जाती है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि 100 मिलीग्राम से अधिक खुराक वाली दवा ली जाने पर लीवर और किडनी पर गंभीर असर पड़ सकता है। इसी कारण से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे प्रतिबंधित करने का कदम उठाया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस फैसले की कानूनी रूपरेखा भी स्पष्ट की है। मंत्रालय ने बताया कि यह प्रतिबंध ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट, 1940 की धारा 26ए के तहत लगाया गया है। मंत्रालय के अनुसार, यह कदम आम लोगों की सुरक्षा और स्वास्थ्य हितों की रक्षा के लिए जरूरी था। साथ ही, मंत्रालय ने यह भी सुझाव दिया है कि दर्द निवारण के लिए निमेसुलाइड के अलावा कई सुरक्षित और प्रभावी विकल्प मौजूद हैं।
इससे पहले भी सरकार ने बच्चों के लिए निमेसुलाइड के उपयोग को लेकर कदम उठाए थे। वर्ष 2011 में स्वास्थ्य मंत्रालय ने 12 साल से कम उम्र के बच्चों में निमेसुलाइड के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी। विशेषज्ञों के अनुसार, बच्चों में इस दवा का उपयोग लीवर और अन्य अंगों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। इस प्रतिबंध के बाद अब डॉक्टर 12 साल से कम उम्र के बच्चों के मेडिकल प्रिस्क्रिप्शन में निमेसुलाइड नहीं लिखेंगे।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कई देशों में निमेसुलाइड के इस्तेमाल पर सख्त नियम लागू हैं। यूरोपियन देशों ने इसकी उच्च खुराक वाले संस्करणों पर प्रतिबंध लगा रखा है, वहीं कुछ देशों में पूरी तरह से इसका इस्तेमाल प्रतिबंधित है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम भारत में दवा सुरक्षा और मरीजों की सुरक्षा को बढ़ावा देगा।
विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि निमेसुलाइड के उच्च खुराक वाले इस्तेमाल से पेट में अल्सर, ब्लीडिंग, लीवर और किडनी की समस्या जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए मरीजों को सलाह दी जाती है कि वे डॉक्टर की सलाह के बिना इस दवा का सेवन न करें और यदि दर्द के लिए दवा लेने की आवश्यकता है तो अन्य सुरक्षित विकल्पों का चयन करें।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का यह कदम दवा सुरक्षा के क्षेत्र में एक अहम पहल माना जा रहा है। मंत्रालय ने आम जनता से अपील की है कि वे अपने स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए केवल सुरक्षित और प्रमाणित दवाओं का ही इस्तेमाल करें। साथ ही, उन्होंने फर्जी या अवैध दवा विक्रेताओं से भी सावधान रहने की चेतावनी दी है।
इस प्रतिबंध के लागू होने के बाद फार्मासिस्ट और दवा निर्माताओं को भी निर्देश दिए गए हैं कि 100 मिलीग्राम से अधिक वाली निमेसुलाइड टैबलेट्स की बिक्री बंद कर दी जाए। सरकार ने कहा है कि इस आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
कुल मिलाकर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का यह कदम मरीजों की सुरक्षा, बच्चों के स्वास्थ्य और आम जनता को सुरक्षित विकल्प उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उठाया गया है। मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि दर्द निवारण के लिए कई सुरक्षित और प्रभावी विकल्प उपलब्ध हैं, जिनका इस्तेमाल किया जा सकता है, और अब उच्च खुराक वाली निमेसुलाइड टैबलेट्स पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है।