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नेपाल में बिगड़े हालात: सोशल मीडिया बैन के खिलाफ उग्र प्रदर्शन, संसद भवन के बाहर आगजनी; कर्फ्यू लागू

Nepal Social Media Ban: काठमांडू में सोशल मीडिया बैन के खिलाफ संसद परिसर में आगजनी के बाद सरकार ने कर्फ्यू लागू कर दिया है. विरोध प्रदर्शन में एक की मौत हो गई है जबकि कई लोग घायल हैं. भारत-नेपाल बॉर्डर पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है.

Nepal Social Media Ban

08-Sep-2025 02:38 PM

By FIRST BIHAR

Nepal Social Media Ban: नेपाल की राजधानी काठमांडू में हालात बिगड़ गए हैं। सोमवार को सोशल मीडिया बैन के खिलाफ Gen-Z युवाओं का जबरदस्त विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। हजारों की संख्या में युवा प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए और कई स्थानों पर स्थिति उग्र हो गई। प्रदर्शनकारियों ने संसद परिसर में घुसने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछारें कीं।


प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन के गेट नंबर 2 के पास आगजनी की, जिससे तेज लपटें उठने लगीं। आग को बुझाने के प्रयास जारी हैं। हालात बिगड़ने पर नेपाल सरकार ने सेना तैनात करने के आदेश दिए हैं। साथ ही, आपातकालीन सुरक्षा बैठक भी बुलाई गई है। सरकार ने काठमांडू सहित चार जिलों में रात 10 बजे तक कर्फ्यू लागू कर दिया है। 


इस दौरान किसी के भी प्रवेश या निकास, सभा, जुलूस, प्रदर्शन, बैठक या घेराबंदी पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। हिंसा में अब तक एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है जबकि 80 से अधिक घायल हुए हैं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए भारत-नेपाल सीमा पर सतर्कता बढ़ा दी गई है। एसएसबी (SSB) द्वारा सीमा पर सुरक्षा बलों की तैनाती और सर्विलांस बढ़ा दिया गया है, ताकि कोई भी संदिग्ध गतिविधि रोकी जा सके।


यह आंदोलन केवल सोशल मीडिया प्रतिबंध तक सीमित नहीं है। प्रदर्शनकारी सरकार की नीतियों, भ्रष्टाचार, और युवाओं की आवाज़ दबाने के प्रयासों के खिलाफ भी सड़कों पर हैं। प्रदर्शन को "Gen-Z रिवोल्यूशन" का नाम दिया गया है। प्रदर्शन के दौरान कई घंटों तक इंटरनेट और मोबाइल नेटवर्क सेवाएं बाधित कर दी गईं। इससे आम लोगों को भी भारी परेशानी हुई। काठमांडू के मेयर ने युवाओं के इस आंदोलन को समर्थन दिया है। वहीं, प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने चेतावनी दी है कि कानून तोड़ने वालों को इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।


बता दें कि नेपाल सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए व्हाट्सएप, फेसबुक समेत 26 सोशल मीडिया एप्स पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह फैसला उन प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ लिया गया है, जिन्होंने सरकार के निर्देश के बावजूद नेपाल में पंजीकरण नहीं कराया था। यह प्रतिबंध 4 सितंबर 2025 की मध्यरात्रि से प्रभावी हो गया।


सरकार के अनुसार, यह कार्रवाई नेपाल के सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों और "डायरेक्टिव्स फॉर मैनेजिंग द यूज ऑफ सोशल नेटवर्क्स, 2023" के तहत की गई है। सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने बताया कि संबंधित कंपनियों को 28 अगस्त को सात दिन की मोहलत दी गई थी, लेकिन पंजीकरण नहीं कराने पर यह कठोर निर्णय लेना पड़ा।


प्रतिबंधित एप्स में व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम, स्नैपचैट जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं। वहीं, जो एप्स पंजीकरण प्रक्रिया पूरी कर चुके हैं, उन्हें नेपाल में संचालन की अनुमति दी गई है, जैसे- टिकटॉक, वाइबर, विटक, निंबज, पोपो लाइव के अलावा टेलीग्राम और ग्लोबल डायरी जैसे एप्स की पंजीकरण प्रक्रिया अभी जारी है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि पंजीकरण के बाद एप्स को प्रतिबंध से बाहर किया जाएगा। सरकार के इस निर्णय से युवाओं और छात्रों में भारी नाराजगी देखी जा रही है।