वैशाली में मानव तस्करी और देह व्यापार का खुलासा, दो बहनों का रेस्क्यू, 5 गिरफ्तार बिहार: शहीद जवान अमिताभ बच्चन की प्रतिमा का अनावरण, पत्नी को नियुक्ति पत्र और 43 लाख की अनुग्रह राशि बिहार का दूसरा 'टारजन' दिलबर खान: 1 किलो दाल, 5 लीटर दूध और 50 रोटियों की खुराक से कर रहा हैरान करने वाले स्टंट बिहार पंचायत चुनाव 2026: आरक्षण और निर्वाचन प्रक्रिया पर निर्वाचन आयोग ने दी स्पष्ट जानकारी एक सिपाही ऐसा भी: घायल को कंधे पर उठाकर अस्पताल पहुंचाया, लोगों के साथ-साथ पुलिस कप्तान ने भी की तारीफ Indian Railways New Rule : रेलवे ने बदला रिजर्वेशन चार्ट का नियम, अब टिकट स्टेटस मिलेगा 10 घंटे पहले IAS Removal Process: कैसे पद से हटाए जाते है IAS अधिकारी, संतोष वर्मा मामले से जानिए पूरी डिटेल Bihar News: अदना सा JE के पास आय से 1.46 करोड़ की अधिक संपत्ति, निगरानी टीम भ्रष्ट अभियंता के ठिकानों पर कर रही छापेमारी vigilance bureau bihar : 5,000 रुपये रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार हुआ ASI, निगरानी ब्यूरो की बड़ी कार्रवाई Oscar Shortlist Homebound: ऑस्कर 2026 के लिए शॉर्टलिस्ट हुआ 'होमबाउंड', करण जौहर के लिए गर्व का पल
03-May-2025 08:06 AM
By First Bihar
High Speed Trains: भारतीय रेलवे ने हाई स्पीड ट्रेनों की परिभाषा में महत्वपूर्ण बदलाव किया है। रेलवे बोर्ड की स्थायी बहु-विषयक समिति ने फैसला लिया है कि अब 130 किमी प्रति घंटे से अधिक गति वाली ट्रेनें ही 'हाई स्पीड' की श्रेणी में आएंगी। पहले यह सीमा 110 किमी प्रति घंटे थी। इस नई परिभाषा को लागू करने के लिए क्षेत्रीय महाप्रबंधकों को पत्र लिखकर सिफारिश की गई है। इसके साथ ही लोको पायलटों और सहायक लोको पायलटों की तैनाती के नियमों में भी बदलाव किए गए हैं। यह कदम रेलवे के आधुनिकीकरण और ट्रैक सुधारों के बाद उठाया गया है, जिससे यात्रा समय कम करने और दक्षता बढ़ाने में मदद मिलेगी।
ज्ञात हो कि रेलवे बोर्ड की समिति ने लोको रनिंग स्टाफ और मान्यता प्राप्त यूनियनों की शिकायतों पर विचार-विमर्श के बाद यह रिपोर्ट तैयार की। अधिकांश रेल खंडों की ट्रैक क्षमता 130 किमी/घंटा तक बढ़ने के बाद हाई स्पीड ट्रेनों की परिभाषा और लोको पायलटों की तैनाती की समीक्षा जरूरी हो गई थी। समिति ने सुझाव दिया कि 130 किमी/घंटा गति वाली ट्रेनों में सहायक लोको पायलट की नियमित तैनाती हो, लेकिन इसके लिए प्रमोशनल कोर्स पास करना अनिवार्य नहीं होगा। हालांकि, कंप्यूटर एडेड ड्राइवर एप्टीट्यूड टेस्ट पास करना जरूरी रहेगा। इसके अलावा, ALP के लिए कम से कम 60,000 किमी का फुट प्लेट अनुभव अनिवार्य होगा।
केवल यही नहीं समिति ने मेमू (MEMU) ट्रेनों में भी ALP की तैनाती की सिफारिश की है, खासकर 200 किमी या उससे अधिक दूरी वाली ट्रेनों के लिए, लेकिन EMU ट्रेनों में यह लागू नहीं होगा। इसके साथ ही, क्रू वायस और वीडियो रिकॉर्डिंग सिस्टम को गोपनीयता का उल्लंघन न करने वाला बताया गया है। समिति ने सामान्य मौसम में भी फॉग सेफ डिवाइस लगाने का सुझाव दिया है ताकि सुरक्षा बढ़े। ये बदलाव रेलवे के उस लक्ष्य का हिस्सा हैं, जिसमें ट्रेनों की गति और सुरक्षा को वैश्विक मानकों के अनुरूप लाया जा रहा है।
पूर्वोत्तर रेलवे के लखनऊ-गोरखपुर-छपरा रेलमार्ग पर भी जल्द हाई स्पीड ट्रेनें दौड़ेंगी। वर्तमान में इस रूट पर ट्रेनें अधिकतम 110 किमी/घंटा की गति से चल रही हैं, जिसमें गोरखपुर-प्रयागराज वंदे भारत भी शामिल है। लेकिन ट्रैक उन्नयन, ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नल सिस्टम, और फेंसिंग के बाद यह रेलमार्ग 130 किमी/घंटा की गति के लिए तैयार है। गोरखधाम, वैशाली, और गोरखपुर-एलटीटी एक्सप्रेस जैसी ट्रेनें भी जल्द 130 किमी/घंटा की गति से चलेंगी।