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19-Nov-2025 10:35 AM
By First Bihar
बिहार की राजनीति में आज का दिन बेहद अहम माना जा रहा है। नई सरकार के गठन की प्रक्रिया तेज हो चुकी है और इसी क्रम में मंत्रिमंडल विस्तार का खाका भी लगभग तैयार माना जा रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बनने वाली नई सरकार में गठबंधन की सबसे बड़ी साझेदार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का रोल निर्णायक होगा। भाजपा ने आज सुबह से ही अपने विधायक दल की बैठक शुरू कर दी है, जिसमें कई बड़े और महत्वपूर्ण फैसले लिए जाने की उम्मीद है।
भाजपा इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। ऐसे में उपमुख्यमंत्री पद से लेकर कैबिनेट में मिलने वाले मंत्रालयों तक, पार्टी की भूमिका पहले से ज्यादा मजबूत दिख रही है। बैठक में सबसे पहले पार्टी विधायक दल के नेता और उपनेता के नाम पर सहमति बनाई जा रही है। आमतौर पर बिहार की राजनीति में यह परंपरा रही है कि भाजपा जिन नेताओं को विधायक दल का नेता चुनती है, वही उपमुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचते हैं। इसी तरह उपनेता को भी अक्सर उपमुख्यमंत्री पद या सरकार में महत्वपूर्ण मंत्रालय का दायित्व दिया जाता रहा है। इस बार भी यही फार्मूला लागू होने की संभावना है।
विधायक दल की बैठक में तीन अहम फैसले
आज की बैठक में तीन प्रमुख निर्णय लिए जाने की संभावना है:
विधायक दल के नेता और उपनेता का चयन
भाजपा कोटे से कैबिनेट में शामिल होने वाले मंत्रियों की संख्या तय करना
नए चेहरों और अनुभवी विधायकों का संतुलन साधना
बैठक में मौजूद वरिष्ठ नेताओं के मुताबिक भाजपा इस बार नए चेहरों को भी मौका देने के मूड में है, जबकि अनुभवी विधायकों को प्रमुख विभागों की जिम्मेदारी दी जा सकती है। पार्टी यह सुनिश्चित करना चाहती है कि गठबंधन सरकार में उसका प्रतिनिधित्व मजबूत और प्रभावशाली दिखे।
कितने मंत्री बनाएगी भाजपा?
सूत्रों की मानें तो भाजपा कोटे से इस बार एक बड़ी संख्या में मंत्री बनाए जा सकते हैं। हालांकि सटीक संख्या पर औपचारिक घोषणा बैठक के बाद की जाएगी। ऐसा कहा जा रहा है कि भाजपा कम से कम 12 से 14 मंत्री शामिल करने का प्रस्ताव रख सकती है। इसमें दो उपमुख्यमंत्री, कई कैबिनेट मंत्री और कुछ राज्य मंत्रियों के नाम शामिल होने की उम्मीद है।
कौन होंगे भाजपा के संभावित उपमुख्यमंत्री?
यह सबसे बड़ा सवाल बना हुआ है, जिसका जवाब आज मिल सकता है। पार्टी नेतृत्व ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि उपमुख्यमंत्री के चेहरे पर निर्णय विधायक दल करेगा। संभावित नामों में कई वरिष्ठ नेताओं के नाम चर्चा में हैं, लेकिन अंतिम फैसला दिल्ली और पटना की वार्ताओं के बाद विधायक दल के सामने रखा जाएगा।
विधायक दल के नेता का चयन लगभग तय कर देता है कि कौन उपमुख्यमंत्री बनेगा। भाजपा में यह परंपरा रही है कि जिसे नेता चुना जाता है, वही दावेदार होता है। वहीं यदि दो उपमुख्यमंत्री बनाए जाने का निर्णय होता है, तो उपनेता का नाम भी इस पद के लिए स्वाभाविक रूप से मजबूत हो जाता है।
मंत्रिमंडल में नए चेहरों की एंट्री के संकेत
भाजपा इस बार युवा और नए विधायकों को भी शामिल कर संगठन को नई मजबूती देने की दिशा में आगे बढ़ रही है। जिन निर्वाचन क्षेत्रों से पार्टी को बड़ी जीत मिली है, वहां के विधायकों का दावा ज्यादा मजबूत है। यह भी चर्चा है कि भाजपा कुछ ऐसे विधायकों को भी मौका दे सकती है, जो पिछली सरकारों में मंत्री नहीं थे, लेकिन संगठन में उनकी पकड़ मजबूत है।
बैठक के फैसलों का इंतजार
भाजपा विधायक दल की बैठक शुरू हो चुकी है और पार्टी हाईकमान की ओर से मिले दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिए जा रहे हैं। बैठक पूरी होते ही नेता और उपनेता के नामों का आधिकारिक ऐलान कर दिया जाएगा। इसके बाद सभी नामों की सूची मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सौंपी जाएगी और शाम तक कैबिनेट के अंतिम स्वरूप पर मुहर लगने की संभावना है।
बिहार की राजनीति में यह दिन एक नए समीकरण की शुरुआत माना जा रहा है। भाजपा और जदयू की साझेदारी में बनने वाली यह सरकार आने वाले पांच वर्षों के लिए राज्य की दिशा और दशा तय करेगी। अब सभी की निगाहें भाजपा के फैसलों पर टिकी हैं, क्योंकि इन्हीं फैसलों से नए मंत्रिमंडल की मजबूती और संतुलन का अंदाजा लगेगा।