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Vijay Sinha Biography : विजय कुमार सिन्हा बने भाजपा विधायक दल के उपनेता, जानिए कब शुरू हुई राजनीतिक यात्रा और आखिर क्यों हैं मोदी -शाह के इतने चहेते

बिहार चुनाव 2025 में एनडीए की ऐतिहासिक जीत के बाद भाजपा ने विजय कुमार सिन्हा को विधायक दल का उपनेता चुना। लखीसराय से लगातार पांचवीं जीत ने उन्हें बिहार की राजनीति का मजबूत चेहरा बना दिया।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 19 Nov 2025 01:18:30 PM IST

Vijay Sinha Biography

Vijay Sinha Biography - फ़ोटो FILE PHOTO

Vijay Sinha Biography : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने इतिहास रचते हुए 243 में से 202 सीटों पर शानदार जीत दर्ज की। इस जीत ने न केवल महागठबंधन को पटखनी दी बल्कि बिहार की राजनीति में कई नए समीकरण भी स्थापित कर दिए। इसी कड़ी में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उपनेता पद के लिए विजय कुमार सिन्हा के नाम पर मुहर लगाई। यह चयन उनकी राजनीतिक क्षमता, लोकप्रियता और बिहार में भूमिहार समुदाय के एक मजबूत चेहरे के रूप में उनकी स्थापित छवि को और सशक्त बनाता है।


एनडीए के भीतर भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, जिसने 89 सीटें जीतीं। वहीं, जेडीयू ने 85 सीटों पर जीत हासिल कर गठबंधन की ताकत को और मजबूत किया। इस प्रभावशाली प्रदर्शन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जोड़ी पर जनता के भरोसे को एक बार फिर साबित कर दिया।


लखीसराय से लगातार पांचवीं जीत

विजय कुमार सिन्हा पहले से ही बिहार के उपमुख्यमंत्री पद की ज़िम्मेदारी संभाल रहे हैं। 2025 के चुनाव में उन्होंने लखीसराय विधानसभा सीट से लगातार पांचवीं बार जीत हासिल की। कांग्रेस प्रत्याशी अमरेश कुमार को 24,940 वोटों के भारी अंतर से मात देते हुए उन्होंने 1,22,408 वोट अर्जित किए। यह जीत उनकी व्यक्तिगत लोकप्रियता और क्षेत्र में उनकी मजबूत पकड़ को दर्शाती है।


चुनाव जीतने के बाद सिन्हा ने कहा कि “यह विजय बिहार की जनता के विश्वास की जीत है। लोगों ने पीएम मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जोड़ी में भरोसा जताया है। यह जीत बिहार के युवाओं, किसानों और महिलाओं के उज्जवल भविष्य को समर्पित है।”


साधारण परिवार से निकला असाधारण नेता

विजय कुमार सिन्हा का जन्म 5 जून 1967 को बिहार के पटना जिले के बादपुर गांव में हुआ। उनके पिता शारदा रमन सिंह एक स्कूल शिक्षक और माता सुरमा देवी गृहिणी थीं। साधारण परिवार में पले-बढ़े सिन्हा ने स्थानीय स्तर पर प्रारंभिक शिक्षा पूरी की। वर्ष 1989 में उन्होंने बेगूसराय पॉलिटेक्निक कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा प्राप्त किया। शैक्षणिक जीवन के दौरान ही वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़े।


इसी दौरान उनकी राजनीतिक सोच विकसित हुई और यहीं से उनका राजनीतिक सफर शुरू हुआ। इंजीनियरिंग की डिग्री होने के बावजूद उन्होंने सरकारी या निजी नौकरी न करने का फैसला किया और पूरी तरह राजनीति को अपना करियर बनाया। 1986 में उन्होंने सुशीला देवी से विवाह किया। दंपति के दो बेटे और दो बेटियां हैं। पारिवारिक जीवन के साथ राजनीतिक जीवन को संतुलित करने में उनकी छवि हमेशा एक ईमानदार और संघर्षशील नेता की रही है।


जमीनी कार्यकर्ता से उपमुख्यमंत्री तक का सफर

विजय कुमार सिन्हा की राजनीतिक यात्रा भाजपा के संगठनात्मक ढांचे की नींव से शुरू हुई। 1990 के दशक में वे भाजपा के एक साधारण कार्यकर्ता के रूप में सक्रिय रहे। 2005 में उन्हें पहली बड़ी सफलता तब मिली जब वे लखीसराय सीट से पहली बार विधानसभा पहुंचे। इसके बाद से वे इस सीट पर लगातार विजय प्राप्त करते रहे हैं 


2010: आरजेडी के फुलैना सिंह को 59,620 वोटों से हराया


2015: जेडीयू के रामानंद मंडल को 6,556 वोटों से मात


2020: कांग्रेस के अमरेश कुमार को 10,483 वोटों से हराया


2025: 24,940 वोटों के अंतर से रिकॉर्ड जीत


मंत्री, स्पीकर और अब एनडीए के उपनेता

2017 में नीतीश कुमार सरकार में उन्हें श्रम संसाधन विभाग का मंत्री बनाया गया। इस दौरान उन्होंने श्रमिकों के कल्याण, रोजगार और औद्योगिक नीतियों में कई सुधारात्मक कदम उठाए। 2020 में जब एनडीए की सरकार बनी तो उन्हें बिहार विधानसभा का स्पीकर चुना गया। यह भाजपा के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि थी, क्योंकि पहली बार पार्टी को बिहार विधानसभा का अध्यक्ष पद मिला था। उनके कार्यकाल में सदन की कार्यवाही में अनुशासन, आक्रामकता और विपक्ष पर सटीक जवाब उनकी पहचान बने।


2022 में हालांकि राजनीतिक परिस्थितियों ने करवट ली और नीतीश कुमार के महागठबंधन में जाने के बाद उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। दबाव बढ़ने पर उन्हें पद छोड़ना पड़ा। 2025 की ऐतिहासिक जीत के बाद भाजपा ने उन्हें विधायी दल का उपनेता चुना है, जो उनकी राजनीतिक प्रासंगिकता और पार्टी नेतृत्व के भरोसे का प्रतीक है।


नई सरकार के गठन के साथ एनडीए प्रधानमंत्री मोदी के “विकसित बिहार” के रोडमैप को आगे बढ़ाने की दिशा में काम करेगी। विजय कुमार सिन्हा जैसे अनुभवी और जमीनी नेताओं की भूमिका इसमें बेहद अहम होगी। उनके पास न केवल प्रशासनिक अनुभव है बल्कि संगठनात्मक समझ भी गहरी है। 2025 की जीत के साथ सिन्हा बिहार की राजनीति में निर्णायक चेहरे के रूप में उभरे हैं। आने वाले दिनों में उनकी भूमिका और भी महत्वपूर्ण होने वाली है चाहे वह सरकार के भीतर नीति निर्माण हो या संगठन के भीतर मजबूती का काम।