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23-Jul-2025 05:17 PM
By First Bihar
SIWAN: बिहार पुलिस विभाग की एक बड़ी चूक उस वक्त सामने आई जब सीवान पुलिस लाइन में प्रशिक्षु सिपाहियों की ट्रेनिंग के दौरान एक युवक फर्जी सिपाही के रूप में पकड़ा गया। वर्दी में पूरी शिद्दत से ट्रेनिंग ले रहा यह युवक दरअसल पुलिस का कोई चयनित अभ्यर्थी था ही नहीं। जब प्रशिक्षुओं की संख्या में गिनती के दौरान अंतर पाया गया, तब मामले की जांच शुरू हुई और धीरे-धीरे एक चौंकाने वाला फर्जीवाड़ा सामने आया।
गिनती में आया शक, फिर खुला फर्जीवाड़े का राज
मामला सिवान जिले की पुलिस लाइन की है, जहां भोजपुर जिले से 266 नवनियुक्त सिपाहियों को प्रशिक्षण के लिए भेजा गया था। 21 जुलाई को इनमें से 256 सिपाहियों ने योगदान दिया। अगले दिन यानी 22 जुलाई को पीटी मार्का के समय कुल 257 प्रशिक्षु उपस्थित पाए गए। एक अतिरिक्त व्यक्ति की उपस्थिति ने अधिकारियों को शक में डाल दिया। इसी के बाद मामले की जांच शुरू की गई।
दो 'नीरज कुमार' – एक असली, दूसरा नकली
ट्रेनिंग हवलदार द्वारा सत्यापन के दौरान दो प्रशिक्षु "नीरज कुमार" नाम से मौजूद थे, जिनमें से एक का ब्रास नंबर 1916 था। जब भोजपुर जिला पुलिस उपाधीक्षक (रक्षित) से इस नाम की पुष्टि की गई, तो उन्होंने बताया कि सही अभ्यर्थी औरंगाबाद जिले के हसपुरा थाना क्षेत्र के सिहाड़ी निवासी उमेश पासवान का पुत्र नीरज कुमार है। वहीं, दूसरा युवक जो वर्दी पहनकर ट्रेनिंग ले रहा था उसकी पहचान नीरज कुमार सिंह, पुत्र जगत नारायण सिंह, निवासी शिवरहीया, गढ़खा थाना, सारण जिला के रूप में हुई। वह फर्जी तरीके से न केवल ट्रेनिंग में शामिल हुआ, बल्कि पीटी तक में भाग ले रहा था।
पुलिस ने तुरंत किया गिरफ्तार
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर फर्जी सिपाही को तत्काल गिरफ्तार कर मुफस्सिल थाना पुलिस को सौंप दिया गया। थाना अध्यक्ष अशोक कुमार दास ने पुष्टि करते हुए बताया कि आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर उसे जेल भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
फर्जीवाड़े से पुलिस महकमे में मचा हड़कंप
इस मामले के सामने आने के बाद पूरे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। यह मामला अब चर्चा का विषय बन गया है कि आखिर कैसे एक फर्जी युवक बिना किसी वैध कागजात के पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में दाखिल हो गया और कई दिनों तक खुद को असली सिपाही की तरह प्रस्तुत करता रहा।