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15-Jun-2025 10:40 AM
By Dhiraj Kumar Singh
Cyber Crime: बिहार के जमुई जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां वन विभाग से सेवानिवृत्त गोपाल शरण सिन्हा एक बड़ी साइबर ठगी के शिकार हो गए। ठगों ने चालाकी से उनका भरोसा जीतकर उनके बैंक खाते से कुल ₹9,95,000 (नौ लाख पचानवे हजार रुपये) की अवैध निकासी कर ली। यह मामला जिले के टाउन थाना क्षेत्र अंतर्गत वार्ड संख्या 7 शास्त्री कॉलोनी का है। पीड़ित ने इस संबंध में 13 जून को साइबर थाना और हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज कराई है, जिसके बाद कांड संख्या 21/25 के तहत जांच शुरू हो चुकी है।
पीड़ित के अनुसार, 31 मई 2025 को उन्हें एक अज्ञात कॉल आया। कॉलर ने खुद को "आर.के. मिश्रा, इलेक्ट्रिक ऑफिस" से बताया और कहा कि उनका बिजली बिल दो महीने से अपडेट नहीं हो रहा है, जिससे उनका कनेक्शन कट सकता है। कॉलर ने बेहद व्यावसायिक अंदाज़ में बातचीत करते हुए डराया और फिर समाधान के नाम पर सिर्फ ₹10 भेजने का आग्रह किया।
साथ ही एक लिंक और बिजली बिल जैसा दिखने वाला डॉक्यूमेंट उनके मोबाइल पर भेजा गया। जैसे ही उन्होंने लिंक खोला, उनका मोबाइल असामान्य रूप से गर्म होने लगा, और कुछ दिनों बाद 7 जून को पूरी तरह खराब हो गया। मोबाइल रिपेयर करवाने पर तकनीशियन ने बताया कि उनका सिम कार्ड भी डैमेज हो चुका है। जब नया सिम लिया गया और 13 जून को खाते की जांच की गई, तो पता चला कि खाता पूरी तरह खाली हो चुका है।
जब उन्होंने पंजाब नेशनल बैंक से संपर्क किया और खाता विवरण मांगा, तो चौंकाने वाली ट्रांजैक्शन डिटेल सामने आई, जिसमें 8 जून को ₹11, ₹14, ₹10, ₹15 की छोटी निकासी हुई थी। वहीं 9 जून को छह बार ₹99,900, एक बार ₹99,990, दस बार ₹5,000 को निकासी हई थी। 10 जून को ₹99,990 और ₹97,000 की निकासी हुआ था। इसके अलावा 10 जून को चार बार ₹10,000 और दो बार ₹5,000 रुपये खातों में जमा कर तुरंत निकाल भी लिया गया, जिससे साफ होता है कि ठगों ने फिशिंग और टेक्निकल हैकिंग दोनों का इस्तेमाल किया।
बैंक के कस्टमर केयर से बात करने पर यह भी सामने आया कि खाताधारक यदि चाहें तो यूपीआई ट्रांजैक्शन लिमिट को ₹2 लाख से बढ़ाकर ₹10 लाख तक कर सकते हैं। इससे आशंका जताई जा रही है कि ठगों ने पहले मोबाइल को हैक किया और फिर यूपीआई लिमिट बढ़ाकर बड़ी रकम की ट्रांजैक्शन को अंजाम दिया। गोपाल शरण सिन्हा ने साइबर थाना में लिखित शिकायत देकर आरोपियों की पहचान व गिरफ्तारी और अपने धन की वापसी की मांग की है। इस बीच साइबर सेल की टीम ने बैंक ट्रांजैक्शन, मोबाइल डेटा, और ट्रैकिंग सिस्टम के जरिए जांच शुरू कर दी है।
यह घटना यह साबित करती है कि साइबर अपराधी लगातार नई तकनीकों और झांसे का सहारा लेकर भोले-भाले नागरिकों को निशाना बना रहे हैं। आम लोगों को चाहिए कि किसी भी संदिग्ध कॉल, लिंक या अज्ञात मोबाइल मैसेज से सतर्क रहें, और किसी भी ऑनलाइन अनुरोध को सत्यापित किए बिना स्वीकार न करें। रिटायर्ड वनकर्मी गोपाल शरण सिन्हा ने बताया कि मैंने केवल 10 रुपये भेजने के लिए लिंक खोला था। कभी सोचा भी नहीं था कि पूरा खाता खाली हो जाएगा। मेरी मेहनत की पूरी कमाई चली गई। मैं सभी नागरिकों से अपील करता हूं कि ऐसे कॉल और लिंक से सतर्क रहें।