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13-Sep-2025 12:52 PM
By First Bihar
Bihar News: तकनीक ने जहां आम लोगों का जीवन आसान बनाया है, वहीं अपराधियों को भी नए हथियार दे दिए हैं। साइबर अपराध का दायरा इतना तेजी से बढ़ रहा है कि अब ठग आम आदमी ही नहीं, बल्कि पुलिस जैसी संस्थाओं की छवि का भी दुरुपयोग करने लगे हैं। ताजा मामला बिहार के गोपालगंज से सामने आया है, जहां साइबर ठगों ने खुद को पुलिस अधिकारी बताकर आम लोगों से पैसे ऐंठने की कोशिश की।
जानकारी के मुताबिक, गोपालगंज के कई लोगों को ऐसे फोन कॉल आ रहे थे जिनमें सामने वाला खुद को थावे थाना का दारोगा बता रहा था। वह दावा करता था कि पीड़ित के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है और अगर वे चाहते हैं कि केस रफा-दफा हो जाए, तो तुरंत पैसे जमा करने होंगे। इस तरह, डर का माहौल बनाकर और पुलिस कार्रवाई का हवाला देकर लोग जालसाज़ों के झांसे में आ रहे थे।
साइबर अपराधियों ने इतनी चालाकी से ऑनलाइन एफआईआर कॉपी डाउनलोड करके उसका इस्तेमाल किया कि पीड़ित को यह असली मामला लगने लगा। ये फॉडस्टर एफआईआर की पीडीएफ या स्क्रीनशॉट व्हाट्सएप पर भेजते और अपने “पुलिस अधिकारी” होने का नाटक करते।
इस पूरे साइबर ठगी का भांडाफोड़ तब हुआ जब एक ऑडियो क्लिप वायरल हो गई। इसमें एक व्यक्ति खुद को थावे थाना के दारोगा बताकर बातचीत करता सुनाई दे रहा था। जब असली थाने ने ऑडियो की जांच की तो पता चला कि यह कॉल फर्जी था और ठगी की नीयत से किया गया था।
गोपालगंज के एसपी ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए जनता से सतर्क रहने की अपील की है। उन्होंने कहा कोई भी असली पुलिस अधिकारी कभी भी आपको फोन कर पैसों की मांग नहीं करेगा। ऐसे किसी भी कॉल पर विश्वास न करें। यदि इस प्रकार का कोई कॉल आता है, तो तुरंत नजदीकी थाना या साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराएं।
किसी भी अज्ञात नंबर से आए धमकी भरे कॉल पर तुरंत विश्वास न करें। यदि कोई खुद को पुलिस बताकर पैसे मांगे, तो उसकी सत्यता की जांच जरूर करें। ऑनलाइन किसी भी FIR या कानूनी दस्तावेज की कॉपी पर भरोसा न करें जो व्हाट्सएप या मैसेज पर भेजी गई हो। ऐसे मामलों की जानकारी तुरंत स्थानीय पुलिस या साइबर थाने को दें।
गोपालगंज से नमो नरायण मिश्रा की रिपोर्ट