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24-Feb-2025 08:48 AM
बिहार की राजधानी पटना के बाढ़ थाना क्षेत्र में बैंक ऑफ इंडिया की ढीबर शाखा में 97 लाख रुपये का बड़ा गोल्ड लोन घोटाला सामने आया है. जांच में पता चला है कि 23 खाताधारकों ने फर्जी जांच प्रमाण पत्र के आधार पर नकली सोना देकर बैंक से लोन लिया और फिर पैसा वापस नहीं किया. इस घोटाले में सोने की जांच करने वाले सुनार की मिलीभगत भी सामने आई है. बैंक मैनेजर राहुल कुमार के बयान पर सुनार और सभी खाताधारकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
घटना साल 2021 और 2022 के दौरान की है, जब 23 लोगों ने बैंक में गोल्ड लोन के लिए आवेदन किया था. बैंक ने इस लोन को मंजूरी देने से पहले सोने की शुद्धता की जांच के लिए सूचीबद्ध सुनार सुमित कुमार (निवासी- बख्तियारपुर हकीकतपुर) को बुलाया था. सोनार के मूल्यांकन के बाद जरूरी कागजात और बैंकिंग नियम पूरे करने के बाद बैंक ने सभी 23 खाताधारकों को लोन जारी कर दिया.
लेकिन जब लोन की रकम नहीं चुकाई गई तो बैंक ने इन सभी खातों को ब्लैक लिस्ट कर एनपीए घोषित कर दिया. इसके बाद पटना सिटी के एक और लिस्टेड सुनार आशीष कुमार को बुलाकर बैंक में जमा सोने की दोबारा जांच कराई गई तो वह नकली निकला. बैंक मैनेजर के मुताबिक यह पूरी साजिश सुनार सुमित कुमार और इन 23 खाताधारकों ने मिलकर रची थी, ताकि बैंक को करोड़ों रुपये का चूना लगाया जा सके.
बैंक मैनेजर ने बताया कि इस बैंक की अन्य शाखाओं से भी करीब 2 करोड़ रुपये का गोल्ड लोन फ्रॉड हो चुका है. तीन दर्जन से ज्यादा जालसाजों ने नकली सोना गिरवी रखकर बैंक से लोन लिया था, लेकिन इसकी जांच पर रोक लगी रही. अब इस ताजा मामले में सुनार सुमित कुमार समेत 23 खाताधारकों के खिलाफ धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश का केस दर्ज किया गया है.
किसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया?
सभी खाताधारकों एवं स्वर्णकारों के विरुद्ध बैंक द्वारा कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस इस घोटाले की गहराई से जांच करेगी, ताकि बैंक को नुकसान पहुंचाने वालों को सजा मिल सके। पहले हुए 2 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच भी फिर से खोली जा सकती है। पटना में सामने आया यह गोल्ड लोन घोटाला बैंकिंग सिस्टम की सुरक्षा और लोन स्वीकृति प्रक्रिया पर बड़े सवाल खड़े करता है। अब देखना यह है कि पुलिस इस मामले में कितनी जल्दी कार्रवाई करती है और बैंक अपने नुकसान की भरपाई कर पाता है या नहीं।