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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 20 Apr 2025 04:58:53 PM IST
बिहार न्यूज - फ़ोटो GOOGLE
Bihar News: आएदिन प्रेम प्रसंग के अलग-अलग मामला सामने आ रहा है। ऐसे में बिहार के लखीसराय जिले के एक छोटे से गांव में एक अनोखी प्रेम कहानी सामने आई है, जिसने यह साबित कर दिया कि सच्चा प्यार न जात-पात देखता है, न ही सामाजिक बंधन। यह कहानी है 24 वर्षीय प्राइवेट ट्यूशन शिक्षक रामप्रवेश कुमार और उनकी 22 वर्षीय छात्रा ज्योति कुमारी की, जिनका रिश्ता ट्यूशन क्लास से शुरू होकर सात फेरों तक पहुंचा है।
गुरु-शिष्या से प्रेमी युगल तक का सफर
रामप्रवेश और ज्योति की पहली मुलाकात एक ट्यूशन क्लास में हुई थी, जहां रामप्रवेश बतौर शिक्षक पढ़ाते थे। शुरुआत में दोनों के बीच एक औपचारिक रिश्ता रहा, लेकिन धीरे-धीरे बातचीत बढ़ी और रिश्ता दोस्ती में तब्दील हो गया। इस दोस्ती ने चार साल के दौरान प्रेम का रूप ले लिया। दोनों ने एक-दूसरे को बेहतर समझा और साथ जीवन बिताने का सपना देखने लगे।
परिवार की मर्जी के खिलाफ लिया बड़ा फैसला
इस प्रेम कहानी में एक बड़ा मोड़ तब आया जब ज्योति की शादी किसी और लड़के से तय कर दी गई। 6 मई 2025 को उसकी शादी होनी थी और दहेज सहित सारी तैयारियां पूरी हो चुकी थीं। लेकिन ज्योति ने सामाजिक परंपराओं को पीछे छोड़ते हुए अपने सच्चे प्रेम को चुना। जब दोनों ने अपने रिश्ते के लिए परिवार की मंजूरी मांगी और उन्हें नकारात्मक जवाब मिला, तो उन्होंने खुद ही एक बड़ा कदम उठाने का फैसला कर लिया।
थाने में जताई शादी की इच्छा, पुलिस बनी गवाह
बीते शुक्रवार की रात, दोनों ने अपने-अपने घरों से निकलकर करीब 50 किलोमीटर दूर जमुई जिले के गिद्धौर थाना का रुख किया। वहां पहुंचकर उन्होंने शादी की इच्छा जाहिर की। थाना प्रभारी पंकज कुमार ने बताया कि काफी समझाने के बाद भी जब दोनों अपने फैसले पर अडिग रहे, तो पुलिस ने उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए गिद्धौर के प्रसिद्ध पंच मंदिर में विवाह की व्यवस्था करवाई। वहां दोनों ने विधिवत रूप से सात फेरे लेकर अपने रिश्ते को सामाजिक मान्यता दी।
‘हमने अपनी मर्जी से शादी की है, नवविवाहिता
शादी के बाद ज्योति कुमारी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “हम दोनों बालिग हैं और चार साल से एक-दूसरे को प्रेम करते हैं। हमने किसी दबाव में नहीं, बल्कि पूरी मर्जी से शादी की है। यह हमारी जिंदगी है और हमने वही चुना जो हमें सही लगा।” वहीं रामप्रवेश कुमार ने कहा, “हमने जो भी किया, आपसी सहमति से किया। हम सिर्फ साथ रहना चाहते थे और किसी को नुकसान पहुंचाने का इरादा नहीं था।”
स्थानीय लोगों ने दिया आशीर्वाद
जब यह खबर गांव और आस-पास फैली, तो यह प्रेम कहानी लोगों की जुबां पर छा गई। मंदिर में मौजूद लोगों और अन्य दंपतियों ने भी इस नवविवाहित जोड़े को आशीर्वाद दिया। गांव के कुछ बुजुर्गों ने कहा कि "छोटे शहरों की प्रेम कहानियां भी अब फिल्मों जैसी हो गई हैं, और अगर प्यार सच्चा हो, तो समाज भी धीरे-धीरे बदलता है।"
यह कहानी सिर्फ एक प्रेम विवाह नहीं, बल्कि समाज को एक संदेश भी देती है – प्यार में कोई ऊंच-नीच, जात-पात या सामाजिक दीवार नहीं होनी चाहिए। जब दो लोग एक-दूसरे को समझते हैं, सम्मान करते हैं और साथ जीने का फैसला करते हैं, तो समाज को उनका साथ देना चाहिए, न कि उन्हें तोड़ने की कोशिश।