ब्रेकिंग न्यूज़

RSS: ‘सोने की चिड़िया’ नहीं, भारत को अब ‘शेर’ बनना है, दुनिया को सिर्फ शक्ति की भाषा समझ आती है: मोहन भागवत Bihar News: हमेशा के लिए बदल जाएगी बिहार के इस जिले की तस्वीर, 106 योजनाओं पर खर्च होंगे ₹59 करोड़ Bihar News: 2020 विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस बार होंगे कम मतदाता, पिछली बार 2005 में हुआ था ऐसा INDvsENG: टेस्ट क्रिकेट में भारत ने बनाया नया वर्ल्ड रिकॉर्ड, 148 साल से नहीं हुआ था यह कारनामा Bihar Weather: बिहार के इन जिलों में आज बारिश का अलर्ट, वज्रपात को लेकर भी IMD ने किया सावधान अमरनाथ एक्सप्रेस की बोगी में महिला ने दिया बच्चे को जन्म, समस्तीपुर में भर्ती फतुहा में पुनपुन नदी में नाव पलटी, दो लापता; 18 लोग तैरकर बचे नीसा देवगन बनीं ग्रेजुएट, काजोल ने चिल्लाकर कहा.. ‘कम ऑन बेबी’, वीडियो वायरल अरवल: हत्या के दो फरार आरोपियों के घर पुलिस ने चिपकाया इस्तेहार, 30 दिन में सरेंडर का आदेश बिहार में शराब तस्करी का खेल जारी: अंडे की कैरेट के बीच छिपाकर मुजफ्फरपुर ले जाई जा रही थी 3132 लीटर विदेशी शराब, ट्रक जब्त

Bihar News : 5 साल की मासूम बच्ची से रेप कांड मामला, छह साल बाद न्याय परिषद का ऐतिहासिक फैसला

Bihar News : 2019 में हुई इस निर्मम घटना पर कोर्ट का फैसला 6 साल बाद आया है, जहाँ कुछ लोग फैसला आने पर कानून का धन्यवाद कह रहे तो वहीं ऐसे मामलों में इतना वक़्त लगाने के लिए आलोचनाएं भी हो रही।

Bihar News

07-Mar-2025 08:21 AM

By Dhiraj Kumar Singh

Bihar News : कहते है बच्चे भगवान का रूप होते है और अगर भगवान रूपी पांच साल की बच्ची से कोई रेप करे तो आप इसे हैवानियत की पराकाष्ठा कह सकते है। ऐसी ही हैवानियत जमुई के खैरा थाना क्षेत्र अंतर्गत खुटौना गांव में 16 मार्च 2019 को घटी थी। 


आपको बता दें महज पांच साल की बच्ची से एक किशोर ने चॉकलेट देने के बहाने से रेप किया था। जिसको लेकर खैरा थाना में दिनांक 25 मार्च 2019 को एक FIR दर्ज की गई थी। इस कांड को लेकर 16 अप्रैल 2019 को किशोर न्याय परिषद जमुई में पहली सुनवाई हुई थी। जिसके महज 14 दिनों बाद ही आरोपी किशोर को बेल दे दिया गया था।


इस मामले को लेकर किशोर न्याय परिषद में लगभग छह साल सुनवाई चली। जिसके बाद इस कांड को लेकर अंतरिम फैसला सुनाते हुए किशोर न्याय परिषद ने उक्त आरोपी किशोर को तीन साल की सजा सुनाई। साथ ही पीड़ित बच्ची को छह लाख मुआवजा देने का भी आदेश किशोर न्याय परिषद द्वारा दिया गया।


ताकि पीड़ित बच्ची को इस सदमे से बाहर निकलने में मदद मिल सके। इस कांड की सुनवाई के दौरान किशोर न्याय परिषद को कई बाधाओं का भी सामना करना पड़ा। लेकिन आखिरकार न्याय के तराजू पर पीड़ित बच्ची का पलड़ा भारी हुआ और बच्ची को न्याय मिला। 


इस कांड में दोषी को सजा दिलाने में किशोर न्याय परिषद की प्रधान मजिस्ट्रेट नेहा त्रिपाठी के अलावा सदस्य गौतम कुमार सिंह एवं पूजा कुमारी की अहम भूमिका सामने आई है।


जिसके ही कारण छह साल के बाद ही सही पीड़ित बच्ची को इंसाफ मिला और उक्त आरोपी किशोर को तीन साल की सजा सुनाई गई और आज यह हैवान जमुई जेल में अपनी गुनाहों की सजा काट रहा है। इस प्रकरण से साफ जाहिर है कि कानून के हाथ लंबे ही नहीं बल्कि बहुत मजबूत होते है।


देर से ही सही लेकिन कानून का हथौड़ा जब पड़ता है तो अच्छे-अच्छों की हेकड़ी गुम हो जाती है। बहरहाल इस कांड को लेकर किशोर न्याय परिषद की जितनी प्रशंसा की जाए वो कम है। क्योंकि देर से ही सही लेकिन एक पीड़ित बच्ची को इंसाफ मिला और आज उसका गुनाहगार सलाखों के पीछे है।