बिहार के इस जिले में भूमि पैमाइश को लेकर विवाद, बिना जमीन नापी के लौटे राजस्व विभाग के अधिकारी बेतिया ATM लूट मामले में DIG ने लिया एक्शन, पुलिसकर्मियों के वेतन पर लगाई रोक, प्रभारी एसपी से मांगा जवाब वंशावली को लेकर बिहार सरकार ने जारी किया नया आदेश, जानिये अब क्या करना होगा? गोल उत्सव 4.0 में जुटे हजारों डॉक्टर, एलुमनाई मीट में भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन मधुबनी बस स्टैंड में लगी भीषण आग, तीन दर्जन दुकानें जलकर राख, करोड़ों की संपत्ति का नुकसान बिहार में अपराधियों की अब खैर नहीं: सम्राट चौधरी ने 3 महीने का दिया अल्टीमेटम, कहा..बदमाशों को बिहार से भगाकर ही दम लूंगा एक लाख डॉलर जीतने वाले मोतिहारी के आदर्श ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से की मुलाकात, बिहार की शिक्षा और कौशल विकास पर हुई चर्चा सुपौल में समलैंगिक विवाह, दो युवतियों ने आपसी सहमति से गैस चूल्हे को साक्षी मानकर लिये सात फेरे उपेंद्र कुशवाहा ने तेजस्वी को बताया पार्ट-टाइम पॉलिटिशियन, कहा..उनको ना कभी बिहार की चिंता थी, और ना ही अब है पटना और मुजफ्फरपुर के बाद अब पूर्णिया में भूमि सुधार जन कल्याण संवाद का होगा आयोजन, इस दिन विजय सिन्हा सुनेंगे आमलोगों की शिकायतें
09-Mar-2025 08:32 PM
By First Bihar
Road Accident :बेगूसराय के जानेमाने शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर बालमुकुंद की एक भीषण सड़क हादसे में मौत हो गई। हादसा बख्तियारपुर फोरलेन पर हुआ, जहां मोकामा से बख्तियारपुर के बीच निर्माणाधीन ओवरब्रिज के कारण कुछ दूरी तक वाहनों को गलत लेन से आ रही थी । इसी दौरान उनकी कार की टक्कर सामने से आ रही एक अन्य कार से हो गई। इस टक्कर के तुरंत बाद पीछे से आ रही एक अन्य कार ने भी उनकी गाड़ी को जोरदार टक्कर मार दी। हादसे में डॉक्टर बालमुकुंद की मौके पर ही दुखद मौत हो गई।
एक साल पहले पत्नी का हुआ था निधन
डॉक्टर बालमुकुंद की जिंदगी पिछले कुछ वर्षों में बेहद कठिन दौर से गुजरी थी। करीब एक साल पहले उनकी पत्नी डॉक्टर अमृता का डेंगू के कारण निधन हो गया था। इसके अलावा, वर्ष 2017 में हुए एक बड़े सड़क हादसे में वे बाल-बाल बच गए थे, लेकिन उनकी मां की जान चली गई थी।डॉक्टर बालमुकुंद के तीन छोटे बच्चे हैं — दो बेटियां और एक बेटा। उनके बुजुर्ग पिता भी बीमार रहते हैं, जिससे परिवार पर दुखों का पहाड़ सामने आ पड़ा है |
बेगूसराय के लोगो में गम का माहौल
डॉक्टर बालमुकुंद की मौत की खबर से जिले में शोक की लहर दौड़ गई है। भारद्वाज गुरुकुल के निदेशक शिवप्रकाश भारद्वाज ने उन्हें याद करते हुए बताया कि उनकी आखिरी मुलाकात शिवरात्रि के ब्रह्मकुमारी कार्यक्रम में हुई थी। उन्होंने कहा, "डॉक्टर बालमुकुंद न सिर्फ अपने परिवार बल्कि सैकड़ों जरूरतमंदों के लिए भी एक बड़ा सहारा थे। समझ नहीं आ रहा, काल उनके साथ इतना क्रूर क्यों रहा।"
डॉक्टर बालमुकुंद की मृत्यु के बाद बेगूसराय में डॉक्टरों द्वारा आयोजित होली मिलन समारोह को रद्द कर दिया गया है। उनके निधन से शहर में गहरा दुख व्याप्त है, क्योंकि वे अपने मिलनसार स्वभाव और सेवा भाव के लिए प्रसिद्ध थे।