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02-Jul-2025 03:40 PM
By First Bihar
Success Story: हर इंसान की जिंदगी में असफलता का दौर जरूर आता है। चाहे आप छात्र हों, नौकरी की तलाश में हों या किसी बिजनेस या करियर में आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हों, एक ऐसा समय आता है जब सब कुछ निराशाजनक लगता है। लेकिन यही वो मोड़ होता है जहाँ इंसान के हौसले की असली परीक्षा होती है। इतिहास गवाह है कि दुनिया के सबसे कामयाब लोगों ने भी एक समय पर असफलता का स्वाद चखा है। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी, अपनी गलतियों से सीखा और दोबारा खड़े हुए। आज हम ऐसी ही 5 प्रेरणादायक कहानियाँ आपके लिए लाए हैं जो बताती हैं कि असफलता, दरअसल सफलता की पहली सीढ़ी होती है।
1. स्टीव जॉब्स – जिस कंपनी से निकाले गए, वहीं के बन गए आइकन
Apple के सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स की कहानी सबसे प्रेरणादायक उदाहरणों में से एक है। एक गैरेज से शुरू हुई कंपनी ने टेक्नोलॉजी की दुनिया में क्रांति ला दी, लेकिन एक समय ऐसा भी आया जब जॉब्स को उनकी ही कंपनी से निकाल दिया गया। इस अनुभव ने उन्हें तोड़ा नहीं, बल्कि नया रास्ता दिखाया। उन्होंने NeXT और Pixar जैसी कंपनियां शुरू कीं और फिर Apple में बतौर CEO वापसी की। जॉब्स का मानना था कि जुनून अगर सच्चा हो, तो असफलता भी आपके पक्ष में काम करती है। उन्होंने कहा था, “Apple से निकाले जाना मेरे जीवन की सबसे अच्छी घटना थी।”
2. बिल गेट्स – एक फेल बिजनेस से बना दुनिया का सबसे अमीर आदमी
बिल गेट्स का शुरुआती करियर असफलता से भरा था। उनकी पहली कंपनी "Traf-O-Data" बुरी तरह विफल हुई, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। कंप्यूटर प्रोग्रामिंग के प्रति उनके जुनून ने Microsoft जैसी कंपनी को जन्म दिया, जिससे वो दुनिया के सबसे युवा अरबपति बन गए। बिल गेट्स का मानना है, “सफलता का जश्न मनाना ठीक है, लेकिन असफलता से सीखा जाना उससे भी ज्यादा जरूरी है।” यह बात हर युवा को अपने जीवन में अपनानी चाहिए।
3. अल्बर्ट आइंस्टीन – स्कूल से निकाला गया बच्चा बना नोबेल विजेता
'जीनियस' शब्द सुनते ही सबसे पहला नाम अल्बर्ट आइंस्टीन का आता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि वे 9 साल की उम्र तक ठीक से बोल भी नहीं पाते थे? स्कूल से निकाले जाने और प्रवेश से इनकार जैसी घटनाएं उनके जीवन का हिस्सा थीं। लेकिन इन असफलताओं ने उन्हें थकाया नहीं। उन्होंने फिजिक्स की दुनिया में वो क्रांति की, जिससे उन्हें 1921 में नोबेल पुरस्कार मिला। उन्होंने कहा था, “सफलता में प्रगति की कुंजी असफलता है।”
4. अब्राहम लिंकन – हर बार गिरे, लेकिन आखिरी बार राष्ट्रपति बनकर उठे
अब्राहम लिंकन का जीवन भी असफलताओं से भरा था – बिजनेस में नुकसान, चुनाव में हार, मानसिक परेशानी। लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। 30 से ज्यादा बार राजनीतिक विफलताएं झेलने के बाद भी वे 1861 में अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति बने और आज उन्हें अमेरिकी इतिहास के सबसे महान नेताओं में गिना जाता है। उन्होंने कहा था, “महत्वपूर्ण यह नहीं कि आप असफल हुए हैं, बल्कि यह है कि क्या आप अपनी असफलता से कुछ सीख पाए हैं या नहीं।”
5. स्टीवन स्पीलबर्ग, जिसे 3 बार कॉलेज ने ठुकराया, वही बना हॉलीवुड का मास्टर
स्टीवन स्पीलबर्ग को आज की फिल्म इंडस्ट्री का सबसे बड़ा निर्देशक माना जाता है, लेकिन एक समय ऐसा था जब उन्हें यूनिवर्सिटी ऑफ सदर्न कैलिफोर्निया ने तीन बार एडमिशन देने से मना कर दिया था। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपने पैशन को जिंदा रखा। 1969 में यूनिवर्सल स्टूडियोज ने उन्हें टेलीविजन डायरेक्टर के रूप में नियुक्त किया और यहीं से उनका सफर शुरू हुआ। स्पीलबर्ग कहते हैं, “मैं भले ही बूढ़ा हो जाऊं, लेकिन मेरा जुनून कभी बूढ़ा नहीं होता।” अब तक उन्होंने 50 से ज्यादा फिल्में बनाई हैं और 3 ऑस्कर अवॉर्ड्स जीत चुके हैं।
इन सभी कहानियों में एक बात समान है कभी हार न मानना। असफलता जीवन का अंत नहीं, बल्कि एक नया मौका है सीखने, संवरने और फिर से उड़ान भरने का। जब भी आप गिरें, याद रखें कि दुनिया के सबसे कामयाब लोग भी कभी आपके जैसे ही थे – संघर्ष में डूबे हुए, लेकिन हौसले से भरे हुए। इसलिए खुद पर भरोसा रखिए, मेहनत जारी रखिए, और एक दिन सफलता जरूर आपके कदम चूमेगी।