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02-May-2025 07:35 AM
By First Bihar
Bihar Teachers News: बिहार के सीतामढ़ी जिले के बथनाहा प्रखंड में कार्यरत 30 प्रखंड शिक्षकों की नियुक्ति को राज्य अपीलीय प्राधिकार पटना द्वारा अवैध करार दिए जाने के बाद शिक्षा विभाग ने उनकी नियुक्ति रद्द करने का आदेश जारी किया है। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बथनाहा प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी को निर्देश दिया है कि 15 दिनों के भीतर सभी संबंधित शिक्षकों की नियुक्ति उनकी नियुक्ति तिथि से ही रद्द कर अनुपालन प्रतिवेदन जिला शिक्षा विभाग के स्थापना शाखा में जमा करें।
जानकारी के मुताबिक, यह कार्रवाई राज्य अपीलीय प्राधिकार, पटना के हालिया आदेश के आधार पर की जा रही है। वर्ष 2008 में बथनाहा प्रखंड में रिक्त प्रखंड शिक्षक पदों पर नियुक्ति के लिए जिला अपीलीय प्राधिकार के निर्देश पर प्रखंड नियोजन इकाई द्वारा इन 30 शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी। इनमें शंभू दास, राम ईश्वर कुमार, अमित कुमार, मंसूर अंसारी, श्याम कुमार सहित कुल 30 शिक्षक शामिल हैं।
हालाँकि, इन नियुक्तियों के खिलाफ जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) ने राज्य अपीलीय प्राधिकार में अपील दायर की थी। मामले की पुनः समीक्षा के बाद राज्य अपीलीय प्राधिकार ने यह निर्णय दिया कि इन नियुक्तियों की प्रक्रिया नियमों के विरुद्ध थी और इनकी वैधता नहीं है।
राज्य अपीलीय प्राधिकार ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि चूँकि इन नियुक्तियों को शून्य माना गया है, इसलिए संबंधित शिक्षकों को अब तक दिया गया वेतन भी अमान्य होगा। इसका सीधा अर्थ यह है कि भविष्य में इन शिक्षकों को वेतन संबंधी कोई दावा करने का अधिकार नहीं होगा।
इन 30 शिक्शंषकों में शम्भू दास, राम ईश्वर कुमार, अमित कुमार, मंसूर अंसारी, श्याम कुमार, मनीष कुमार, नूतन कुमारी, जय प्रकाश पाण्डेय, मुकेश बैठा, वीरेन्द्र कुमार, रविशंकर कुमार, शैलेन्द्र मोहन, प्रणिता कुमारी, मिली कुमारी, धीरेन्द्र कुमार, दीप्ति कुमारी, रूपा कुमारी, सुनीता कुमारी, शंभू कुमार, संतोष कुमार, प्रकाश कुमार सिंह, सुधीर कुमार गुप्ता, शिवशंकर सिंह, नीतू देवी, सुभाष कुमार, पुष्पांजलि कुमारी, पल्लवी कुमारी, आदित्य सौरभ, सुबोध कुमार और रचना कुमारी।
इन शिक्षकों के पास उच्च न्यायालय में अपील करने का विकल्प हो सकता है, लेकिन जब तक कोई नया आदेश नहीं आता, उनकी नियुक्ति रद्द मानी जाएगी। इस फैसले से जिले के शिक्षा तंत्र पर प्रभाव पड़ सकता है क्योंकि एक साथ 30 शिक्षकों की सेवा समाप्त होने से कई विद्यालयों में शिक्षकों की कमी उत्पन्न हो सकती है।