Bihar Voter List Revision: बिहार में वोटर लिस्ट पुनरीक्षण का काम अंतिम चरण में, अब तक 98% मतदाता कवर; EC का दावा Bihar Voter List Revision: बिहार में वोटर लिस्ट पुनरीक्षण का काम अंतिम चरण में, अब तक 98% मतदाता कवर; EC का दावा Bihar News: स्वतंत्रता सेनानी रामधारी सिंह उर्फ जगमोहन सिंह का निधन, देश की आजादी में निभाई थी अहम भूमिका Bihar News: बिहार की सरकारी वेबसाइटों का होगा साइबर ऑडिट, आर्थिक अपराध इकाई ने बनाया बड़ा प्लान Bihar News: बिहार की सरकारी वेबसाइटों का होगा साइबर ऑडिट, आर्थिक अपराध इकाई ने बनाया बड़ा प्लान Bihar Crime News: बिहार में घरेलू कलह ने लिया हिंसक रूप, दांतों से पति की जीभ काटकर निगल गई पत्नी Bihar Crime News: बिहार में घरेलू कलह ने लिया हिंसक रूप, दांतों से पति की जीभ काटकर निगल गई पत्नी Bihar Transport: फिटनेस का फुल स्पीड खेल ! बिहार के ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर 'प्रमाण पत्र' जारी करने में देश भर में बना रहे रिकॉर्ड, गाड़ियों की जांच के नाम पर 'फोटो फ्रॉड इंडस्ट्री' ? Bihar Politics: SIR के मुद्दे पर तेजस्वी के साथ खडे हुए JDU सांसद, निर्वाचन आयोग के फैसले को बताया तुगलकी फरमान Bihar Politics: SIR के मुद्दे पर तेजस्वी के साथ खडे हुए JDU सांसद, निर्वाचन आयोग के फैसले को बताया तुगलकी फरमान
09-Jan-2025 08:11 AM
By First Bihar
Bihar Teacher News : सूबे के शिक्षकों के लिए यह काफी काम की खबर है। अब विश्वविद्यालय और कॉलेज के शिक्षक छुट्टी को अपने अधिकार के रूप में दावा नहीं कर पाएंगे। बल्कि जब सेवा की अनिवार्यता होगी तो सक्षम प्राधिकारी के पास किसी भी प्रकार की छुट्टी को अस्वीकार करने या रद्द करने का अधिकार होगा। हालांकि, शिक्षक को अनुशासनात्मक कारणों को छोड़कर छुट्टी पर जाने से रोका नहीं जाएगा।
वहीं, विशेष रूप से बार-बार मेडिकल लीव के नाम पर छुट्टी लेने वाले शिक्षकों पर सख्ती की जाएगी। यदि कोई शिक्षक बार-बार बीमारी का हवाला देकर छुट्टी लेता है, तो उसे मेडिकल जांच के लिए अधिकृत चिकित्सा प्राधिकारी के पास भेजा जाएगा। इसके आधार पर यह तय होगा कि शिक्षक को आराम की आवश्यकता है या वह ड्यूटी के लिए फिट है।
इसके साथ ही साथ चिकित्सा आधार पर छुट्टी के लिए पंजीकृत चिकित्सा अधिकारी का मेडिकल सर्टिफिकेट अनिवार्य होगा। सर्टिफिकेट में बीमारी का विवरण और संभावित अवधि का उल्लेख जरूरी होगा। यह सर्टिफिकेट केवल एमबीबीएस या इसके समकक्ष योग्यता वाले डॉक्टर द्वारा जारी किया जाना चाहिए। चिकित्सा आधार पर छुट्टी पूरी करने के बाद शिक्षक को अपनी फिटनेस का प्रमाणपत्र जमा करना होगा। यदि शिक्षक स्वीकृत अवकाश के बाद तय समय पर ड्यूटी पर नहीं लौटता, तो इसे "ओवरस्टे" माना जाएगा। इस स्थिति में छुट्टी वेतन अस्वीकार किया जा सकता है और इसे कदाचार माना जाएगा, जब तक कि सक्षम प्राधिकारी इसे माफ न करे दें।
वहीं, नए दिशा-निर्देशों के अनुसार शिक्षकों को छुट्टी केवल उनके अनुरोध पर दी जाएगी। सक्षम प्राधिकारी शिक्षक की सहमति के बिना भी छुट्टी को मंजूर कर सकता है लेकिन छुट्टी की प्रकृति में बदलाव नहीं करेगा। छुट्टी के दौरान शिक्षक किसी अन्य रोजगार, व्यापार, या व्यवसाय में शामिल नहीं हो सकता, चाहे वह पूर्णकालिक हो या अंशकालिक। हालांकि, आकस्मिक प्रकृति की सार्वजनिक सेवा या विशेष परिस्थितियों में यह छूट दी गई है।
आपको बताते चलें कि, यूजीसी ने यूजीसी रेगुलेशन 2025 के मसौदे में पहली बार छुट्टी से संबंधित दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत शिक्षकों के लिए पांच सामान्य कर्तव्यों का निर्धारण भी किया गया है। यूजीसी के इन दिशा-निर्देशों का उद्देश्य शिक्षकों की छुट्टी से संबंधित प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना और अनियमितताओं पर अंकुश लगाना है। शिक्षक अब इन नियमों में बंधे होंगे औऱ मनमने ढंग से छुट्टी नहीं ले सकेंगे।