Bihar News: बस स्टैंड पर राइफल लहराकर दहशत फैलाने वाला युवक गिरफ्तार, लाइसेंसी हथियार जब्त Bihar News: पटना के लोगों को जाम से राहत, बनकर तैयार हुआ डबल डेकर फ्लाईओवर, लोकार्पण कब? Bihar crime : Water Park बना जंग का मैदान! महिलाओं को बाउंसरों ने बेरहमी से पीटा! Bihar Crime News: 19 वर्षीय युवक की गला दबाकर हत्या, शव पुल के नीचे फेंका; जांच में जुटी पुलिस Bihar News: जुलाई के अंत तक यहां बनेगी सड़क, पटना के 3 लाख लोगों को सीधा फायदा Bihar-Nepal Border: बॉर्डर पर बढ़ी 'ड्रैगन' की हरकत, SSB की गिरफ्त में एक और चीनी नागरिक Bihar News: 100 करोड़ की लागत से यहां बनेगा आधुनिक मोक्षधाम, गंगा सुरक्षा बांध किया गया ध्वस्त IPL 2025: IPL इतिहास में सबसे ज्यादा बार ट्रॉफी उठाने वाले प्लेयर्स, RCB के इस स्टार के पास हैं 4 खिताब Bihar Rain Alert: इन 12 जिलों में आज तबाही मचाएगी बारिश, IMD ने जारी की विशेष चेतावनी IPL Final 2025: खत्म हुआ वनवास, मिट गए सारे कलंक; 17 साल बाद RCB पहली बार बनी चैंपियन
09-Jan-2025 12:42 PM
By Viveka Nand
Bihar Corruption: पथ निर्माण विभाग के पथ प्रमंडल-1 गया में करोड़ों की गड़बड़ी की पोल खुली. शुरूआती जांच में कार्यपालक अभियंता रितेश सिन्हा की भूमिका संदिग्ध प्रतीत हो रही है. 1st Bihar/Jharkhand ने जब बड़े खेल का खुलासा किया तो पथ निर्माण विभाग में हड़कंप मच गया. इसके बाद जांच के आदेश दिए गए. गया पथ प्रमंडल -1 गया के कार्यपालक अभियंता से स्पष्टीकरण की मांग की गई. विभागीय सूत्र बताते हैं कि शुरूआती जांच में गया के कार्यपालक अभियंता संदेह के दायरे में है. जांच में यह बात सामने आ रही है कि लगभग 25-26 करोड़ की सरकारी राशि का बंदरबांट किया गया है. सचिवालय में कार्रवाई से संबंधित फाइल दौड़ रही है. विभाग को अब इस मामले में आगे का निर्णय लेना है. बताया जाता है कि इस बड़े खेल में वर्तमान कार्यपालक अभियंता से लेकर पूर्व के कार्यपालक-अधीक्षण अभियंता शक के दायरे में हैं.
बता दें, 1ST Bihar/Jharkhand के खुलासे के बाद 27 दिसंबर 2024 को पथ प्रमंडल गया के कार्यपालक अभियंता से शो-कॉज पूछा गया था.1ST Bihar/Jharkhand ने 25 दिसंबर 2024 को प्रमाण के साथ खुलासा किया कि पथ निर्माण विभाग के पथ प्रमंडल सं-1 गया में फर्जीवाड़ा कर करोड़ों-करोड़ का घोटाला हुआ है. आंतरिक खुलासा खुद गया के कार्यपालक अभियंता ने ही कराया, पर दबाकर बैठे रहे. मकसद वसूली करना था. पथ प्रमंडल-1 गया के कार्यपालक अभियंता ने 6 अगस्त 2024 को पत्र सं.1257 के माध्यम से पाकुड़ (झारखंड) के खनन अफसर को पत्र लिखा. जिसमें इनके कार्यालय (खनन कार्यालय पाकुड) से जारी कुल 6 पत्रों को सत्यापित करने को कहा. पत्र सं-312/M,06.04.2015, 370/M 24.04.2015, 408/M 14.05.15, 379/M 02.05.2015, 398/M 13.05.2015 एवं 13.05.2015 DATE 13.05.2015 (सभी पत्र 2015 के हैं) को सत्यापित करने को कहा. पाकुड के खनन कार्यालय से सत्यापित करने को कहा गया कि यह चिट्ठी आपके कार्यालय से जारी हुआ है या नहीं ? पथ प्रमंडल गया के कार्यपालक अभियंता ने बजाप्ता अपने एक सहायक अभियंता निशांत राज को इस काम के लिए प्राधिकृत किया था.
पाकुड के खनन अधिकारी ने 8 अगस्त 2024 को ही दिया था जवाब
पथ प्रमंडल-1 गया के कार्यपालक अभियंता के पत्र संख्या 1257 के आलोक में जिला खनन पदाधिकारी पाकुड़ (झारखंड) ने 8 अगस्त 2024 को जवाब भेजा। जिसमें जानकारी दी गई है कि उपरोक्त सभी पत्र कार्यपालक अभियंता पथ प्रमंडल -1 गया को निर्गत नहीं है। पाकुड के खनन पदाधिकारी ने स्पष्ट कर दिया कि जिस 6 पत्रों के बारे में उल्लेख किया गया है, वह उनके कार्यालय से जारी नहीं है, यानि उपरोक्त सभी पत्र फर्जी हैं।
Extra कैरेज कॉस्ट के रूप में करोड़ों का हुआ भुगतान
बता दें, आरोप है कि फर्जी पत्र लगवाकर पथ प्रमंडल-1 गया ने किसी ### कंस्ट्रक्शन कंपनी को करोड़ों रु (extra कैरेज कॉस्ट) का भुगतान किया है। E.E. गया और पाकुड़ के खनन अफसर के बीच हुए पत्राचार का दोनों पत्र हमारे पास मेरे पास है। इसके बाद पूरे मामले की शिकायत मुख्यमंत्री कार्यालय से भी की गई,लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। पूरा मामला Extra कैरेज कॉस्ट का भुगतान का है. झारखंड के पाकुड खनन कार्यालय का फर्जी पत्र लगाकर 2015-16 में करोड़ों का भुगतान लेने की बात है. शिकायत दर्ज कराई गई है कि सड़क निर्माण में लगने वाले पत्थर को झारखंड से लाने का फर्जी पत्र स्वीकार कर पथ प्रमंडल गया-1 के कार्यपालक अभियंता ने निर्माण कंपनी को Extra कैरेज कॉस्ट का भुगतान किया.
मामले को दबाकर बैठे रहे कार्यपालक अभियंता रितेश सिन्हा
खुलासे के बाद पथ प्रमंडल गया-1 के कार्यपालक अभियंता रितेश सिन्हा मामले को दबाकर चुप्पी साधे बैठे रहे. हमने उनसे भी पूछा तो उनके पास जवाब नहीं था, वे बचते दिख रहे थे.बचने के लिए फोन अपने सहायक अभियंता को थमा दिया था. सहायक अभियंता ने कहा कि यह मामला कार्यपालक अभियंता के क्षेत्राधिकार में है. यानि जवाब न देकर पूरे मामले को दबाने की कोशिश की गई। वहीं पथ निर्माण विभाग गया अंचल के अधीक्षण अभियंता भी पूरे खेल को जान रहे थे. हमने उनसे भी पूछा, वे भी इस मसले पर चुप हो गए. उनसे पूछा गया कि इस मामले पर क्या कार्रवाई होगी ? इस सवाल का जवाब उनके पास नहीं था. ऐसा लग रहा था कि वे भी इस पूरे खेल में शामिल हों.