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01-May-2025 09:55 PM
By First Bihar
PATNA: केंद्र सरकार के जनगणना के साथ जातीय जनगणना कराने के निर्णय को विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख और बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने समाजवादियों की जीत बताया है। उन्होंने कहा कि हमारी वर्षों की मांग जातिगत जनगणना को भारत सरकार ने कराने का निर्णय लिया है। जातिगत जनगणना, समाजवादियों तथा सामाजिक न्याय चाहने वालों की जीत है, जिन्होंने इसके लिए लंबी लड़ाई लड़ी है।
उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना वह दरवाजा है जिससे देश में सामाजिक न्याय, प्रतिनिधित्व और हिस्सेदारी के नए रास्ते खुलेंगे। देश की 90 प्रतिशत आबादी को उनकी भागीदारी सुनिश्चित की जा सकेगी। साथ ही, जब सरकारी नीतियां और योजनाएं जातिगत जनगणना के आंकड़ों के आधार पर बनाई जाएंगी, तभी पिछड़ों और वंचितों को उनका वास्तविक हक मिल पाएगा।
वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने बड़ा एलान करते हुए कहा कि हमारी आगे की लड़ाई ‘गिनती के बाद हिस्सेदारी’ की है। जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी हो। उन्होंने आगे यह भी मांग की कि जैसे अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए विधानसभा चुनावों में सीटें आरक्षित हैं, उसी तरह पिछड़ों और अतिपिछड़ों के लिए भी आरक्षण सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने स्पष्ट लहजे में कहा कि अब सिर्फ पहचान नहीं, भागीदारी का अधिकार चाहिए।
इधर, पार्टी के उपाध्यक्ष बी के सिंह, राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति तथा मो. नुरुल होदा ने भी कहा कि सरकार को यह निर्णय विपक्ष के दबाव में लेना पड़ा। उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय के समर्थकों की यह जीत है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को एक तय सीमा में जातीय जनगणना करानी चाहिए।