1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 12 Dec 2025 11:38:48 AM IST
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EOU Patna raid : बिहार में आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने पाटलिपुत्रा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक, पटना के विकास पदाधिकारी श्री भवेश कुमार सिंह के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, श्री भवेश कुमार सिंह ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अवैध और भ्रष्ट तरीके से आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है। प्रारंभिक जांच में यह पता चला कि उनकी आय के अनुपात में संपत्ति लगभग 60.68% अधिक है।
सूचना के सत्यापन के बाद, आर्थिक अपराध थाना ने कांड संख्या-43/2025, दिनांक-11.12.2025 के तहत भ्र०नि०अधि0-1988 (जैसा कि संशोधित 2018 में लागू है) की धारा-13 (2) सहपठित धारा-13 (1) (बी) के अंतर्गत मामला दर्ज किया। इसके बाद माननीय न्यायालय से तलाशी अधिपत्र प्राप्त कर आज दिनांक 12.12.2025 को श्री भवेश कुमार सिंह के आवासीय और कार्यालयीय ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई शुरू की गई।
छापेमारी की शुरुआत उनके पटना स्थित किराए के आवास फ्लैट नं0-203, पुष्पक रेसिडेंसी अपार्टमेंट, रामजयपाल नगर से हुई। इसके बाद टीम ने जकरियापुर मोहल्ला स्थित G+5 भवन, ग्राम-जलालपुर, पोस्ट-धर्मपरसा, थाना-माझागढ़, जिला-गोपालगंज के पैतृक आवास और भावना पेट्रोलियम, विशम्भरपुर कार्यालय में तलाशी ली। इसी क्रम में जय माता दी राइस मिल, बेला बिहटा और पाटलिपुत्रा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक, एस0पी0 वर्मा रोड, पटना स्थित कार्यालय पर भी EOU ने छापेमारी की।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि छापेमारी के दौरान बैंक और अन्य परिसरों से महत्वपूर्ण दस्तावेज, वित्तीय रिकॉर्ड और अन्य साक्ष्य बरामद किए गए हैं, जिनकी जांच आगे की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई भ्रष्टाचार और गैरकानूनी संपत्ति अर्जित करने के मामलों में कड़ी कार्रवाई का हिस्सा है।
भवेश कुमार सिंह के खिलाफ यह मामला उस समय उजागर हुआ जब उनकी संपत्ति और आय में स्पष्ट असंगति पाई गई। इस तरह के मामलों में EOU की भूमिका महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि यह संस्थान भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ जांच और कानूनी कार्रवाई करता है।
स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि इस कार्रवाई का उद्देश्य केवल संपत्ति की जांच करना नहीं है, बल्कि भविष्य में ऐसे भ्रष्टाचार को रोकने के लिए एक सन्देश भी देना है। बैंक और सरकारी कार्यालयों में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया गया है।
बिहार में पिछले कुछ वर्षों में आर्थिक अपराध इकाई ने कई मामलों में सक्रिय भूमिका निभाई है। इस प्रकार की छापेमारी से यह स्पष्ट संदेश जाता है कि राज्य में भ्रष्टाचार और अवैध संपत्ति अर्जित करने वालों के खिलाफ कोई ढील नहीं दी जाएगी।

छापेमारी के बाद विस्तृत रिपोर्ट और बरामद वस्तुएँ सार्वजनिक की जाएंगी। इसके अलावा, आगामी दिनों में EOU और संबंधित अधिकारियों द्वारा मामले की गहन जांच जारी रहेगी और आवश्यक कानूनी कार्रवाई पूरी पारदर्शिता के साथ की जाएगी।
इस घटना ने न केवल पटना बल्कि पूरे बिहार में सुर्खियाँ बटोरी हैं। आम जनता और बैंकिंग क्षेत्र के अधिकारियों में यह मामला चर्चा का विषय बन गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की कार्रवाई से बैंकिंग क्षेत्र में जवाबदेही और ईमानदारी को बढ़ावा मिलेगा।
बिहार सरकार और EOU की ओर से स्पष्ट संदेश दिया गया है कि भ्रष्टाचार और गैरकानूनी संपत्ति अर्जित करने वाले किसी भी पदाधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा। इस मामले की जांच पूरी होने के बाद आगे की कानूनी कार्रवाई माननीय न्यायालय के निर्देशानुसार की जाएगी।