Rashtriya Lok Morcha : RLM के विधायक ने उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ खोला मोर्चा,कहा - नेतृत्व की नीयत धुंधली हो जाए तो ...

बिहार विधानसभा चुनाव के बाद मंत्रिमंडल बन गया, लेकिन राष्ट्रीय लोक मोर्चा में सब कुछ सामान्य नहीं है। विधायक रामेश्वर महतो ने पार्टी की नीति और नेतृत्व पर सवाल उठाए हैं।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 12 Dec 2025 01:20:15 PM IST

Rashtriya Lok Morcha : RLM के विधायक ने उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ खोला मोर्चा,कहा -  नेतृत्व की नीयत धुंधली हो जाए तो ...

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Rashtriya Lok Morcha : बिहार की राजनीति में राष्ट्रीय लोकमत पार्टी (RLM) में हाल ही में हलचल तेज हो गई है। पार्टी के वरिष्ठ विधायक रामेश्वर महतो द्वारा सोशल मीडिया पर साझा किया गया पोस्ट राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है। पोस्ट में उन्होंने नेतृत्व और नीतियों पर अप्रत्यक्ष रूप से सवाल उठाए हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि पार्टी के भीतर असंतोष बढ़ रहा है।


रामेश्वर महतो ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा, “राजनीति में सफलता केवल भाषणों से नहीं, बल्कि सच्ची नीयत और दृढ़ नीति से मिलती है। जब नेतृत्व की नीयत धुंधली हो जाए और नीतियाँ जनहित से अधिक स्वार्थ की दिशा में मुड़ने लगें, तब जनता को ज्यादा दिनों तक भ्रमित नहीं रखा जा सकता। आज का नागरिक जागरूक है- वह हर कदम, हर निर्णय और हर इरादे को बारीकी से परखता है।”


राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह बयान सीधे तौर पर उपेंद्र कुशवाहा पर निशाना साधता है। सूत्रों के अनुसार, रामेश्वर महतो लंबे समय से उम्मीद कर रहे थे कि उन्हें मंत्री पद के लिए प्रस्तावित किया जाएगा, लेकिन पार्टी नेतृत्व ने उन्हें किनारे रखकर कुशवाहा के बेटे दीपक प्रकाश को मंत्री बनाया। इस फैसले से महतो असहज और नाराज बताए जा रहे हैं।


पार्टी के भीतर पहले से ही परिवारवाद और पदसंबंधी असंतोष को लेकर सवाल उठते रहे हैं। अब रामेश्वर महतो के पोस्ट ने इन सवालों को और हवा दे दी है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि यह असंतोष केवल व्यक्तिगत नाराजगी तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे संगठन की छवि पर भी असर पड़ सकता है।


RLM में परिवारवाद को लेकर लंबे समय से सवाल उठते रहे हैं। उपेंद्र कुशवाहा का राजनीतिक करियर उतार-चढ़ाव से भरा रहा है और अब उनके ही विधायक की नाराजगी ने पार्टी में नए विवाद की संभावना पैदा कर दी है। फिलहाल पार्टी की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।


इस मामले में बाद राजनीतिक जानकारों का कहना है कि पार्टी नेतृत्व को जल्द ही रामेश्वर महतो और अन्य असंतुष्ट नेताओं से संवाद स्थापित करना होगा। इसके बिना संगठन के भीतर खींचतान बढ़ सकती है और आगामी चुनावों में इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। वहीं, राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि सोशल मीडिया के इस दौर में नेता का सार्वजनिक पोस्ट किसी भी पार्टी के लिए गंभीर चुनौती बन सकता है, क्योंकि इससे जनता और समर्थकों के बीच भ्रम और सवाल उठ सकते हैं।


राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि महतो का यह पोस्ट सिर्फ व्यक्तिगत नाराजगी नहीं बल्कि RLM में निर्णय प्रक्रिया, पारदर्शिता और नेतृत्व की नीति पर सवाल उठाने का संकेत है। अगर पार्टी नेतृत्व ने समय रहते कदम नहीं उठाए, तो यह असंतोष धीरे-धीरे संगठन के भीतर व्यापक रूप ले सकता है। इसलिए अब RLM के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह है कि अंदरूनी मतभेदों को सार्वजनिक विवाद में न बदलने के लिए सही रणनीति अपनाई जाए। पार्टी के वरिष्ठ नेता और संयोजक इस समय गहन विचार-विमर्श में हैं और माना जा रहा है कि अगले कुछ हफ्तों में स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे।


रामेश्वर महतो का सोशल मीडिया पोस्ट RLM में राजनीतिक हलचल और असंतोष की ओर स्पष्ट इशारा करता है। परिवारवाद और पदसंबंधी असंतोष पहले से ही पार्टी की कमजोरी रहे हैं, और अब वरिष्ठ विधायक की नाराजगी ने संगठन के सामने नई चुनौती खड़ी कर दी है। पार्टी नेतृत्व के लिए यह समय संवेदनशील और निर्णायक है, क्योंकि यदि इन अंदरूनी मतभेदों को समय रहते नहीं संभाला गया, तो आगामी चुनावों और संगठन की छवि पर इसका गंभीर असर पड़ सकता है।