बसपा प्रत्याशी चितरंजन कुमार को AIMIM ने दिया समर्थन, रोमांचक हुई वजीरगंज विधानसभा चुनाव Bihar Election 2025: चुनावी सभा में सम्राट चौधरी ने बताया ‘लालटेनिया’ का मतलब, लालू परिवार पर जमकर बरसे Bihar Election 2025: चुनावी सभा में सम्राट चौधरी ने बताया ‘लालटेनिया’ का मतलब, लालू परिवार पर जमकर बरसे Bihar Election 2025: बिहार के इस नक्सल प्रभावित इलाके में 73 साल बाद होगी वोटिंग, चुनाव को लेकर मतदाताओं में भारी उत्साह ब्रजेश ऑटोमोबाइल्स महिन्द्रा ने रचा नया कीर्तिमान, सितम्बर-अक्टूबर में 2035 वाहनों की डिलीवरी Bihar Election 2025: ‘लालू-नीतीश ने बिहार के बच्चों की पीठ पर मजदूरी का बोरा बांधा’, प्रशांत किशोर का बड़ा हमला Bihar Election 2025: ‘लालू-नीतीश ने बिहार के बच्चों की पीठ पर मजदूरी का बोरा बांधा’, प्रशांत किशोर का बड़ा हमला ISRO GSAT-7R Launch: ISRO ने नौसेना के लिए एडवांस्ड सैटेलाइट GSAT-7R को किया लॉन्च, अंतरिक्ष से समुद्री सीमा की होगी सख्त निगरानी ISRO GSAT-7R Launch: ISRO ने नौसेना के लिए एडवांस्ड सैटेलाइट GSAT-7R को किया लॉन्च, अंतरिक्ष से समुद्री सीमा की होगी सख्त निगरानी Pankaj Tripathi Mother Death: एक्टर पंकज त्रिपाठी की मां का निधन, हेमवती देवी ने 89 वर्ष की आयु में ली आखिरी सांस
13-Sep-2025 11:02 AM
By First Bihar
Child Aadhaar Card Rules : आधार कार्ड आज हर भारतीय नागरिक की पहचान का अहम दस्तावेज बन चुका है। बैंक खाता खुलवाने से लेकर स्कूल में दाखिले और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने तक आधार की जरूरत पड़ती है। खासकर बच्चों का आधार कार्ड बनवाना भी उतना ही जरूरी हो गया है ताकि उन्हें भविष्य में किसी तरह की परेशानी न हो। लेकिन अब बच्चों के आधार कार्ड बनवाने की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया गया है।
अब तक बच्चों का आधार कार्ड बनवाने के लिए केवल जन्म प्रमाण पत्र ही पर्याप्त माना जाता था। माता-पिता को ज्यादा दस्तावेजों की झंझट नहीं उठानी पड़ती थी। अभिभावक केवल बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र लेकर आधार केंद्र पहुंचते थे और आसानी से आधार कार्ड बनवा लेते थे। लेकिन अब भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने नियमों में संशोधन किया है।
UIDAI ने साफ कर दिया है कि बच्चों का आधार कार्ड बनवाने के लिए केवल जन्म प्रमाण पत्र पर्याप्त नहीं होगा। अब इसके साथ माता-पिता के पहचान और पते से जुड़े दस्तावेज भी अनिवार्य होंगे। यानी बच्चे का आधार उसके माता या पिता के आधार और पहचान पत्र से लिंक होकर ही बनेगा। इस नियम के तहत बच्चे की उम्र, पहचान और पते की पुष्टि के लिए माता-पिता के दस्तावेज जांचे जाएंगे। इससे आधार प्रक्रिया और भी मजबूत और पारदर्शी बनेगी।
दरअसल,कई बार केवल जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर बने आधार कार्ड में गड़बड़ी की शिकायतें सामने आती थीं। पते की सही जानकारी न होने पर सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में भी दिक्कत आती थी। इसी वजह से UIDAI ने यह कदम उठाया है। अब बच्चे का आधार न सिर्फ जन्म प्रमाण पत्र से बल्कि माता-पिता के आधार और पते के दस्तावेज से भी जुड़ा रहेगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि बच्चे की पहचान सही है और उसका रिकॉर्ड सरकारी डाटाबेस में सुरक्षित है।
वहीँ, बच्चे का आधार बनवाने के लिए माता-पिता के निम्नलिखित दस्तावेज जरूरी होंगे। माता या पिता का आधार कार्ड, वोटर आईडी, पासपोर्ट या पैन कार्ड, घर का बिजली बिल, राशन कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस आदि। इसके अलावा बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र जिसमें बच्चे का नाम और जन्म तिथि साफ-साफ अंकित हो।
इसके साथ ही 5 साल से कम उम्र के बच्चों का आधार 5 साल से कम उम्र के बच्चों का आधार “ब्लू आधार” के नाम से जाना जाता है। इसमें बच्चे की बायोमेट्रिक जानकारी नहीं ली जाती, बल्कि फोटो और माता-पिता से जुड़े दस्तावेजों के आधार पर कार्ड जारी होता है। जैसे ही बच्चा 5 साल का होता है, उसकी बायोमेट्रिक जानकारी (फिंगरप्रिंट और आइरिस स्कैन) अपडेट करानी होती है।UIDAI के नियमों के अनुसार, बच्चे का आधार 15 साल की उम्र में दोबारा अपडेट कराना अनिवार्य है। इस दौरान बच्चे की पूरी बायोमेट्रिक जानकारी दोबारा ली जाती है ताकि उसके रिकॉर्ड भविष्य में भी सही और प्रमाणिक बने रहें।
आपको बताते चलें कि ,माता-पिता को आधार नामांकन केंद्र पर बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र और अपने पहचान व पते के दस्तावेज जमा करने होंगे। बच्चे की फोटो खींची जाएगी दस्तावेजों के सत्यापन के बाद बच्चे का आधार बन जाएगा और 90 दिनों के भीतर डाक से घर पर पहुंच जाएगा। इससे बच्चों की पहचान सही और प्रमाणिक होगी। सरकारी योजनाओं का लाभ सही बच्चों तक पहुंचेगा। फर्जीवाड़े और डुप्लीकेट आधार कार्ड की संभावना कम होगी। भविष्य में स्कूल, कॉलेज या पासपोर्ट जैसी प्रक्रियाओं में बच्चों को सुविधा मिलेगी।