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21-Jun-2025 09:30 AM
By First Bihar
Bihar Teacher Transfer: बिहार में स्थानांतरित शिक्षकों के स्कूल आवंटन की सूची सोशल मीडिया पर वायरल हो जाने से शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। गुरुवार को शिक्षा विभाग द्वारा स्थानांतरण श्रेणी एक से छह तक के कुल 26,665 शिक्षकों को स्कूल आवंटित किए गए थे। यह आवंटन ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर किया गया था, लेकिन उसके कुछ ही समय बाद लगभग 35 पेजों की सूची सोशल मीडिया पर लीक हो गई। इसके बाद अब शिक्षा विभाग ने सूची वायरल होने की जांच के आदेश दिए हैं।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए निर्देश दिया है कि यह जांच की जाए कि सूची आखिर कहां से और कैसे लीक हुई। उन्होंने स्पष्ट किया है कि जांच के बाद जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों पर निलंबन की कार्रवाई की जा सकती है। हालांकि, प्रमुख समाचार पत्र हिन्दुस्तान ने वायरल सूची की पुष्टि नहीं की है, लेकिन विभाग ने शिकायत मिलने के बाद यह कदम उठाया है।
इस सूची में उन शिक्षकों का नाम शामिल है जो विशेष समस्या श्रेणी में आते हैं और जिनका स्थानांतरण पहले ही स्वीकृत हो चुका था। शिक्षा विभाग ने बताया कि दिसंबर 2024 में ऑनलाइन स्थानांतरण के लिए 1.30 लाख शिक्षकों से आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें से 26,665 शिक्षकों को विद्यालय आवंटित किया गया है। प्राथमिक शिक्षा निदेशक श्रीमती साहिला ने इस संबंध में गुरुवार को आदेश जारी किया था।
सूत्रों की मानें तो यह सूची संभवतः किसी कर्मचारी के व्यक्तिगत डिवाइस से लीक हुई हो सकती है, जो डेटा गोपनीयता और साइबर सुरक्षा के लिहाज से एक गंभीर उल्लंघन है। शिक्षा विभाग अब यह सुनिश्चित करने में जुट गया है कि भविष्य में ऐसा न हो और सभी प्रक्रिया सुरक्षित और पारदर्शी ढंग से हो।
इस घटना ने एक बार फिर सरकारी तंत्र में डिजिटल डाटा सुरक्षा और गोपनीयता के प्रबंधन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह मामला सिर्फ प्रशासनिक लापरवाही नहीं बल्कि लाखों शिक्षकों के करियर और स्थानांतरण से जुड़ी संवेदनशील जानकारी के लीक का मामला है, जिससे भ्रम और अफवाहें फैल सकती हैं।
शिक्षकों के लिए स्थानांतरण एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया होती है, और उसमें पारदर्शिता के साथ-साथ गोपनीयता बनाए रखना प्रशासन की जिम्मेदारी है। अब देखना होगा कि शिक्षा विभाग की जांच से किस पर गाज गिरती है और क्या भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कोई तकनीकी या नीतिगत बदलाव किए जाते हैं।