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30-Apr-2025 09:20 PM
By First Bihar
Sanjeev Mukhiya: नीट पेपर लीक मामले का मास्टरमाइंड संजीव मुखिया इन दिनों पुलिस की गिरफ्त में हैं। आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने उसे दो दिन के रिमांड पर लिया था। ईओयू की पूछताछ के दौरान उसने कई राज उगले हैं। दो दिनों की पूछताछ के बाद NEET पेपर लीक मामले का माफिया संजीव मुखिया को आर्थिक अपराध की टीम वापस न्यायिक हिरासत में बेऊर जेल भेज दिया है।
आर्थिक अपराध इकाई (EOU) के ADG नैय्यर हसनैन ख़ान ने इस बात की जानकारी मीडिया को दी। उन्होंने बताया कि संजीव मुखिया ने पेपर लीक से जुड़े मामले को लेकर कई बड़े खुलासा किये। उसने बताया कि पूरे सिस्टम को वो अपने हिसाब से चलाता था। यह सब कुछ वह सिर्फ अपनी पत्नी को MLA और MP बनवाने को लेकर किया था।
इस काम के लिए बिहार से लेकर झारखंड और उत्तर प्रदेश से लेकर गुजरात, दिल्ली और कोलकाता तक उसके द्वारा खड़ा किया गया एक सिस्टम काम करता था। इतना ही एडीजी नैय्यर हसनैन ने बताया कि EOU बिहार के अलावे यूपी, झारखंड, दिल्ली, गुजरात और बंगाल पुलिस को भी इसके खिलाफ दर्ज मामले को खंगालने को कहा है। उन्होंने यह भी कहा है कि यदि अनुसंधान के दौरान जरूरत पड़ी तो आगे भी EOU संजीव मुखिया को रिमांड पर लेगी।
संजीव मुखिया ने EOU के सामने खुलासा किया कि हम लोगो का बहुत बड़ा नेटवर्क है। चेन ऑफ सिस्टम में पहले नम्बर पर मैं और मेरे कुछ लोग हैं। दूसरे नंबर पर रॉकी और मेरा बेटा डॉ शिव और उसके कुछ साथी हैं। प्रिंटिंग प्रेस से जब पेपर चलता है तो तीन लॉक होता है। लेकिन दो ही लॉक की जानकारी परीक्षा केंद्र को होती है। तीसरे लॉक की जानकारी हम लोगों को होती थी। दोनों लॉक को अनलॉक करने के बाद हम लोग पेपर हासिल कर लेते थे और तीसरा लॉक कर के पेपर जहाँ रखा जाता था वहाँ भेज देते थे। यह करने से यह पता नहीं चलता की पेपर पहले अन लॉक किया गया था या नहीं।
इसी सिस्टम का इस्तेमाल हम लोगो ने NEET BPSC और UP सिपाही भर्ती और बिहार सिपाही भर्ती में किये थे। पैसे की लालच हमे नहीं है। बस पत्नी को MP या MLA बनाने का सपना है। सांसद और विधायक बनने के लिए मोटा पैसा चाहिए। इतना पैसा हम कहां से लाएंगे। इसीलिए हम इस लाइन को चुनें। सोचे कि इस धंधे में पैसा ही पैसा है अब पत्नी को सांसद या विधायक तो बना ही देंगे। संजीव मुखिया ने ईओयू को बताया कि मैंने कई नेता और अधिकारियों के बच्चों के साथ अपने इलाके के लोगों के बच्चो को मेडिकल पास करवाया ताकि उन्हें ऑवलाइज कर सके जो मैंने किया है।
मेरी पत्नी पिछली विधानसभा का चुनाव LJP से लड़ी थी. लेकिन महज़ साढ़े तीन हज़ार वोटों से वो हार गई। अगर निर्दलीय चुनाव लड़ी होती तो जीत जाती इसका हमें अफ़सोस है। मैं NEET में नहीं आना चाहता था। पत्नी के चुनाव हारने के बाद पैसे की जरूरत फिर से हो गई। इस कारण मुझे दोबारा से इस लाइन में आना पड़ गया। NEET पेपर लीक फिर से करवाया। देहरादून,चंडीगढ़, लखनऊ, कोलकाता, गुड़गांव, नोएडा, गुजरात के गांधी नगर में हमारी काफ़ी जान पहचान है। इन जगहों से यदि पेपर प्रिंटिंग का काम होता था, तो हमें पता चल जाता था और हम अपना काम शुरू कर देते थे।
संजीव मुखिया ने अपने रिश्तेदारो के नाम से बेमानी संपत्ति काफी बना रखा है। EOU अब आगे की कार्रवाई में जुटी है। EOU ने बिहार के सभी SP-DSP के अलावे बिहार से सटे सभी राज्यों के SP से संजीव मुखिया के विरुद्ध दर्ज किसी भी तरह के आपराधिक मुकदमों को खंगालने और उस पर क़ानूनी कार्रवाई करने को लेकर अनुरोध किया है। EOU पेपर लीक मामले में संजीव मुखिया के ख़िलाफ जल्द से जल्द चार्जशीट कर उसे सजा दिलवाना चाहती है।
पटना से प्रिंस कुशवाहा की रिपोर्ट