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बिहार पुलिस मुख्यालय का बड़ा फैसला : "मद्यनिषेध एवं राज्य स्वापक नियंत्रण ब्यूरो" का गठन, 339 पदों को मिली मंजूरी; इनके पास होगा फुल पावर

बिहार में नशामुक्ति अभियान और संगठित अपराधों पर शिकंजा कसने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। राज्य में अब “मद्यनिषेध एवं राज्य स्वापक नियंत्रण ब्यूरो” का गठन किया गया है। गृह विभाग की अधिसूचना के तहत इस विशेष इकाई में 339 पद स्वीकृत किए गए हैं

बिहार पुलिस मुख्यालय का बड़ा फैसला : "मद्यनिषेध एवं राज्य स्वापक नियंत्रण ब्यूरो" का गठन, 339 पदों को मिली मंजूरी; इनके पास होगा फुल पावर

18-Sep-2025 03:27 PM

By First Bihar

BIHAR POLICE : बिहार में यह चुनाव साल है। ऐसे में बिहार सरकार के तरफ से लगातार एक से बढ़कर एक बड़े निर्णय लिए जा रहे हैं। इसी कड़ी में अब जो जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक बिहार सरकार के तरफ से "मद्यनिषेध एवं राज्य स्वापक नियंत्रण ब्यूरो" के गठन की स्वीकृति प्रदान की गई है। इसके साथ ही इसमें पदों की संख्या भी बढाए जाने की मंजूरी दी गई है। 


दरअसल, सरकार ने राज्य में नशामुक्ति अभियान और मादक पदार्थों के खिलाफ लड़ाई को और मजबूत बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है। गृह विभाग (आरक्षी शाखा) ने "मद्यनिषेध एवं राज्य स्वापक नियंत्रण ब्यूरो" (Prohibition & State Narcotics Control Bureau) के गठन को स्वीकृति दे दी है। यह निर्णय राज्य में शराबबंदी कानून को और प्रभावी बनाने तथा मादक पदार्थों और ड्रग्स से जुड़े अपराधों पर सख्ती से नियंत्रण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है।


हाल के वर्षों में वैश्विक स्तर पर ही नहीं बल्कि भारत और विशेष रूप से बिहार में मादक पदार्थों, स्वापक औषधियों और मनःप्रभावी पदार्थों से जुड़े अपराधों में लगातार इजाफा हुआ है। इन अपराधों में संगठित गिरोहों की सक्रियता बढ़ी है और इनके तौर-तरीकों में भी नये-नये आयाम सामने आए हैं। ऐसे अपराधों से निपटने के लिए अब केवल पारंपरिक पुलिसिंग पर्याप्त नहीं रही। सूचना संकलन, तकनीकी निगरानी और योजनाबद्ध अभियान चलाने के लिए एक विशेष और समर्पित इकाई की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही थी।


इसी पृष्ठभूमि में यह ब्यूरो गठित किया गया है, ताकि संगठित अपराधियों के नेटवर्क को तोड़ा जा सके और शराब व नशीले पदार्थों की तस्करी, भंडारण और अवैध उत्पादन को रोका जा सके। बिहार सरकार ने यह भी माना है कि "स्वापक औषधियों एवं मनःप्रभावी पदार्थों" से संबंधित अपराध और "शराब व मादक द्रव्यों" की अवैध तस्करी व कारोबार आपस में जुड़े हुए हैं। कई मामलों में दोनों तरह की अवैध गतिविधियां एक-दूसरे की पूरक रही हैं। ऐसे में इनसे निपटने के लिए एक साझा और सशक्त संस्थागत ढांचा जरूरी था।


नई संरचना और पदों की संख्या

गृह विभाग द्वारा जारी अधिसूचना संख्या 12077, दिनांक 17 सितंबर 2025 के तहत "मद्यनिषेध एवं राज्य स्वापक नियंत्रण ब्यूरो" का गठन किया गया। इसके लिए मद्यनिषेध इकाई में पहले से स्वीकृत 229 पदों को नई इकाई में स्थानांतरित कर दिया गया है। साथ ही 100 नये पदों के सृजन की मंजूरी भी दी गई है। इस प्रकार कुल 339 पद इस ब्यूरो में होंगे, जिनमें – अपर पुलिस महानिदेशक / पुलिस महानिरीक्षक का 0,1 पद पुलिस उप-महानिरीक्षक का 01 पद, पुलिस अधीक्षक के 02 पद के अलावा अन्य अधिकारी और कर्मियों के पद शामिल होंगे।


इस नई इकाई के अधीन एक राज्य स्तरीय मद्यनिषेध एवं नारकोटिक्स थाना भी स्थापित किया जाएगा। इसे भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 2 (यू) के प्रावधानों के तहत अधिसूचित किया जाएगा। यह थाना राज्यभर में नशीले पदार्थों, शराब, स्वापक औषधियों और सभी प्रकार के नारकोटिक्स ड्रग्स से संबंधित अपराधों पर कार्रवाई करेगा। इस विशेष थाने का क्षेत्राधिकार सम्पूर्ण बिहार होगा और यह पूरे राज्य में चल रहे अवैध कारोबार की जांच कर सकेगा।


नई इकाई को विशेष अधिकार भी दिए गए हैं। इसके तहत अपर पुलिस महानिदेशक / पुलिस महानिरीक्षक को यह स्वतंत्र शक्ति होगी कि वे बिहार के किसी भी जिले में शराबबंदी, मादक पदार्थों और ड्रग्स से जुड़े दर्ज कांडों का अनुसंधान ग्रहण कर सकें। साथ ही गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव / प्रधान सचिव और पुलिस महानिदेशक, बिहार भी किसी मामले को ब्यूरो को सौंप सकते हैं।


बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से लगातार यह बहस चलती रही है कि इसे सख्ती से लागू करने के लिए केवल पुलिस बल पर्याप्त नहीं है। शराब और ड्रग्स की तस्करी से जुड़े संगठित गिरोहों का नेटवर्क अक्सर राज्य की सीमाओं से बाहर तक फैला होता है। ऐसे में इस तरह की विशेष इकाई राज्य सरकार के प्रयासों को मजबूती प्रदान करेगी। यह इकाई न केवल अभियानों को तेज करेगी बल्कि सूचना तंत्र को मजबूत बनाकर अपराधियों के नेटवर्क तक पहुंचने और उन्हें ध्वस्त करने में अहम भूमिका निभाएगी।