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02-Dec-2025 10:54 AM
By First Bihar
Prem Kumar Biography : बिहार में नई सरकार के गठन के बाद विधानसभा का पहला सत्र 1 दिसंबर से शुरू हो चुका है। सत्र के पहले दिन नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई गई। इसी बीच विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) पद के लिए बीजेपी विधायक डॉ. प्रेम कुमार ने अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। उनके खिलाफ किसी अन्य दल ने नामांकन नहीं किया है, इसलिए 2 दिसंबर को वे निर्विरोध स्पीकर चुने गए। अब सभी की नजर इस बात पर है कि आखिर कौन हैं डॉ. प्रेम कुमार, जिनकी राजनीतिक यात्रा तीन दशकों से भी अधिक समय तक लगातार जीत दर्ज करते हुए चली आ रही है।
71 वर्षीय डॉ. प्रेम कुमार का जन्म 5 अगस्त 1955 को गया जिले में एक साधारण परिवार में हुआ था। उनका बचपन गयाजी शहर के मखलौटगंज स्थित दुल्हिनगंज मोहल्ले में बीता। उनके पिता श्याम नारायण राम यूनियन बैंक में चतुर्थवर्गीय कर्मचारी थे, जबकि माता लालपरी देवी एक गृहिणी थीं। साल 2010 में उनकी माता का निधन हो गया। आर्थिक रूप से साधारण परिवार में पले-बढ़े प्रेम कुमार ने कठिनाइयों के बावजूद पढ़ाई और सामाजिक गतिविधियों में अपनी पहचान बनानी शुरू की। उन्होंने मगध यूनिवर्सिटी से वर्ष 1999 में पीएचडी की डिग्री हासिल की। पढ़ाई के दिनों से ही वे सामाजिक मुद्दों के प्रति सक्रिय रहने लगे थे, जो धीरे-धीरे उन्हें राजनीति की ओर ले गया।
1977 में बीजेपी से जुड़ाव और राजनीति में एंट्री
देश में इमरजेंसी के बाद जब राजनीतिक माहौल तेजी से बदला, ठीक उसी समय 1977 में प्रेम कुमार बीजेपी से जुड़े। संगठन के साथ काम करते हुए उन्होंने स्थानीय और जिला स्तर पर अपनी पहचान मजबूत की। उनकी मेहनत और लोकप्रियता को देखते हुए पार्टी ने उन्हें 1990 में पहली बार गया शहरी विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया। यहीं से शुरू हुई उनकी जीत का सफर आज भी जारी है। 1990 से लेकर 2025 तक वे लगातार 9 बार गया टाउन विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतते आए हैं। उनकी यह उपलब्धि बिहार की राजनीति में एक मिसाल मानी जाती है।
हर चुनाव में दिया मजबूत चुनौती को जवाब
1990 में अपने पहले चुनाव में उन्होंने CPI के शकील अहमद खान को हराया। इसके बाद 1995, 2000 और फरवरी 2005 के चुनाव में उन्होंने मसऊद मंजर को शिकस्त दी। अक्टूबर 2005 में कांग्रेस के संजय सहाय को हराकर वे पुनः विधानसभा पहुंचे। साल 2010 में वे CPI के जलालउद्दीन अंसारी को पराजित करते हुए जीते। 2015 में उनके सामने कांग्रेस के प्रियरंजन उर्फ डिंपल थे, जिन्हें उन्होंने बड़ी बढ़त से हराया।साल 2020 और 2025 के विधानसभा चुनावों में उनका मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार अखौरी ओंकार नाथ श्रीवास्तव से हुआ। दोनों बार प्रेम कुमार ने जीत हासिल कर अपनी लगातार नौवीं जीत दर्ज की।
2025 में बनेंगे बिहार विधानसभा के स्पीकर
लगातार नौ बार विधायक चुने जाने के बाद अब प्रेम कुमार का राजनीतिक कद और भी बढ़ने जा रहा है। 1 दिसंबर को उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन दाखिल किया। विपक्ष की ओर से किसी भी उम्मीदवार के नामांकन नहीं किए जाने के कारण ये माना जा रहा है कि 2 दिसंबर को वे निर्विरोध स्पीकर चुने जाएंगे।
स्पीकर के रूप में उनकी भूमिका इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि वे लंबे समय से सदन की कार्यप्रणाली, विधान प्रक्रिया और प्रशासनिक कार्यों को करीब से समझते रहे हैं। संगठन और सदन दोनों में उनका अनुभव काफी गहरा है।
संघर्ष और सादगी रही पहचान
साधारण परिवार से शुरुआत कर राजनीति के शीर्ष पदों तक पहुंचने का सफर प्रेम कुमार के संघर्ष और सादगी का परिणाम माना जाता है। गया शहर में उनकी लोकप्रियता का एक बड़ा कारण भी यही है कि वे अपने क्षेत्र के लोगों के साथ निरंतर संपर्क में रहते हैं और बिना किसी दिखावे के लोगों से जुड़ते हैं।
लगभग 35 वर्षों की राजनीतिक यात्रा के बाद प्रेम कुमार अब बिहार विधानसभा के स्पीकर बनने जा रहे हैं। एक साधारण परिवार से निकलकर नौ बार विधायक बनने और अब सदन के सर्वोच्च पद पर पहुंचना उनकी मेहनत, संगठन के प्रति निष्ठा और जनता के विश्वास का नतीजा है। बिहार की राजनीति में उनका यह नया अध्याय कितना सफल होगा, यह आने वाले समय में देखने को मिलेगा, लेकिन फिलहाल यह कहा जा सकता है कि प्रेम कुमार का व्यक्तित्व और अनुभवी छवि उन्हें एक मजबूत स्पीकर के रूप में स्थापित करने की क्षमता रखते हैं।