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28-May-2025 08:11 AM
By First Bihar
PM Modi Bihar Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 29 मई 2025 को बिहार दौरे से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने रेलवे बोर्ड को छह महत्वपूर्ण रेल परियोजनाओं के प्रस्ताव भेजे हैं। इनमें बौद्ध सर्किट रेल कॉरिडोर, आरा-छपरा के बीच गंगा नदी पर नया रेल पुल, और उत्तर व दक्षिण बिहार को जोड़ने वाले उपनगरीय परिवहन नेटवर्क इत्यादि शामिल हैं।
बिहार के मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा ने रेलवे बोर्ड के चेयरमैन को पत्र लिखकर इन परियोजनाओं को राज्य के आर्थिक और पर्यटन विकास के लिए जरूरी बताया है। बिहार का जनसंख्या घनत्व 1388 प्रति वर्ग किमी है, जो राष्ट्रीय औसत से 289.5% अधिक है, जबकि रेल ट्रैक की उपलब्धता मात्र 5.31 किमी प्रति लाख जनसंख्या है। नए प्रस्तावों में आरा-छपरा के बीच गंगा नदी पर रेल पुल की मांग अहम है। यह पुल शाहाबाद और सारण को जोड़ेगा, जिससे उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच यातायात सुगम होगा।
इसके अलावा, कहलगांव के पास एक और रेल पुल की योजना है, जो मौजूदा पुलों पर दबाव कम करेगी। बिहार सरकार का कहना है कि ये परियोजनाएं न केवल कनेक्टिविटी बढ़ाएंगी, बल्कि रोजगार और व्यापार को भी प्रोत्साहन देंगी। मुख्य सचिव ने इन योजनाओं के लिए हरसंभव सहायता का वादा किया है। वहीं, बौद्ध सर्किट रेल कॉरिडोर के तहत पटना-गया-तिलैया-राजगीर-फतुहा मार्ग पर सर्कुलर ट्रेन सेवा शुरू करने का प्रस्ताव है।
बख्तियारपुर-तिलैया खंड के दोहरीकरण की स्वीकृति से बोधगया और राजगीर जैसे पर्यटन स्थलों तक पहुंच आसान होगी। यह सेवा पटना, जहानाबाद, गया, नवादा, और नालंदा के यात्रियों को लाभ देगी। इसके साथ ही, डीडीयू-बक्सर-आरा-पटना-किउल जैसे उच्च घनत्व वाले खंडों पर तीसरी और चौथी रेल लाइन की मांग भी की गई है, ताकि भीड़भाड़ कम हो।
उत्तर बिहार में सीवान, छपरा, हाजीपुर, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, और दरभंगा को पटना से जोड़ने के लिए उपनगरीय नेटवर्क की जरूरत भी बताई गई है। दक्षिण बिहार में बक्सर, भोजपुर, रोहतास, लखीसराय, और भागलपुर जैसे जिलों को लोकल ट्रेन सेवा से जोड़ने की मांग है। फतुहा-बिदुपुर के बीच नया रेल पुल और पटना-पटना साहिब-फतुहा-बिदुपुर-हाजीपुर-सोनपुर-पाटलिपुत्र मार्ग पर क्षेत्रीय परिवहन नेटवर्क का प्रस्ताव भी इनमें शामिल है।