ब्रेकिंग न्यूज़

Tej Pratap Yadav: JJD चीफ तेज प्रताप यादव ने जमा किया बिजली बिल, चुकाए 3 लाख 61 हजार रुपये; उठ रहे थे सवाल Tej Pratap Yadav: JJD चीफ तेज प्रताप यादव ने जमा किया बिजली बिल, चुकाए 3 लाख 61 हजार रुपये; उठ रहे थे सवाल Indigo Flight Cancellations: इंडिगो संकट के बीच एअर इंडिया का बड़ा फैसला, जानिए.. क्या है राहत भरी खबर? Indigo Flight Cancellations: इंडिगो संकट के बीच एअर इंडिया का बड़ा फैसला, जानिए.. क्या है राहत भरी खबर? Mokama Tirupati Balaji Temple : मोकामा में तिरूपति बालाजी की तर्ज पर बनेगा भव्य मंदिर, बिहार सरकार ने मात्र 1 रुपए में TTD को दी 10.11 एकड़ जमीन SSC paper leak : एसएससी पेपर लीक कांड के मास्टरमाइंड का साला गिरफ्तार, कई राज्यों में फैला नेटवर्क बेनकाब; नीट–बीपीएससी समेत कई परीक्षाओं में खेल का खुलासा Bihar Jobs: बिहार में यहाँ रोजगार मेला का आयोजन, सैलरी 21 हजार से शुरू; रहना-खाना मुफ्त BIHAR POLICE : रामकृष्ण नगर थाना प्रभारी संजीव कुमार का अचानक हार्ट अटैक से निधन, पुलिस महकमे में मातम का माहौल JP Ganga Path : बदल जाएगा दानापुर–बिहटा का पूरा सफर, इतने दिनों के अंदर बनेगी 10 मीटर चौड़ी नई सड़क Excise department raid : बिहार में उत्पाद विभाग की टीम पर ईंट-पत्थर से हमला,3 सिपाही घायल, फायरिंग कर ग्रामीणों ने आरोपी को छुड़ाया

Bihar Corruption News : पॉलिटेक्निक कॉलेज पटना के छात्रावास अधीक्षक रिश्वत लेते गिरफ्तार, निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की बड़ी कार्रवाई

निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने पटना पॉलिटेक्निक कॉलेज के छात्रावास अधीक्षक सह प्रोफेसर मिथिलेश कुमार को मेस बिल भुगतान के बदले डेढ़ लाख रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया।

 Bihar Corruption News : पॉलिटेक्निक कॉलेज पटना के छात्रावास अधीक्षक रिश्वत लेते गिरफ्तार, निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की बड़ी कार्रवाई

07-Dec-2025 07:20 AM

By First Bihar

Bihar Corruption News : पटना में भ्रष्टाचार के खिलाफ निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। ब्यूरो की विशेष टीम ने पॉलिटेक्निक कॉलेज, गुलजारबाग पटना के छात्रावास अधीक्षक-cum-प्रोफेसर मिथिलेश कुमार को 1.5 लाख रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी कॉलेज परिसर स्थित उनके कार्यालय कक्ष से की गई। इस कार्रवाई के बाद शिक्षा संस्थानों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर फिर से सवाल उठने लगे हैं।


शिकायतकर्ता ने किया था घूस मांगने का खुलासा

कैमूर जिले के रहने वाले संदीप कुमार दुबे ने निगरानी ब्यूरो में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में कहा गया था कि पॉलिटेक्निक कॉलेज, गुलजारबाग के छात्रावास में मेस का संचालन उनके द्वारा किया जाता है। इसके बदले में मेस बिल के भुगतान के लिए अधीक्षक मिथिलेश कुमार द्वारा लगातार रिश्वत की मांग की जा रही थी।


शिकायत के मुताबिक, आरोपी प्रोफेसर ने बिल पास करने के बदले डेढ़ लाख रुपये की मांग की थी और इसी के लिए शिकायतकर्ता को कई बार फोन पर भी दबाव बनाया जा रहा था। संदीप दुबे ने इससे परेशान होकर निगरानी विभाग से संपर्क किया और पूरे मामले की जानकारी दी।


निगरानी द्वारा शिकायत का सत्यापन

शिकायत मिलने के बाद निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने मानक प्रक्रिया के अनुसार आरोपों का सत्यापन कराया। आरंभिक जांच में यह बात सामने आई कि शिकायत सही है और आरोपी द्वारा वास्तव में अवैध राशि की मांग की जा रही है।


संतोषजनक प्रमाण मिलने के बाद ब्यूरो ने एक धावादल का गठन किया। टीम ने शिकायतकर्ता के साथ ट्रैप की योजना बनाई, ताकि आरोपी को रिश्वत लेते हुए पकड़ा जा सके। तय योजना के अनुसार शनिवार को जब शिकायतकर्ता ने आरोपी को 1.5 लाख रुपये सौंपे, उसी समय निगरानी टीम ने धावा बोलकर उन्हें रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।


कार्यालय कक्ष से ही गिरफ्तार, रकम बरामद

सूत्रों के अनुसार, आरोपी प्रोफेसर उस समय अपने कॉलेज स्थित कार्यालय में ही मौजूद थे। जैसे ही शिकायतकर्ता ने रकम सौंपी, टीम ने तुरंत कार्रवाई की। मौके से पूरी रिश्वत राशि बरामद कर ली गई।
गिरफ्तारी के बाद निगरानी अधिकारियों ने कार्यालय में तलाशी भी ली, ताकि किसी अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज या रिश्वत से जुड़े सबूत मिल सकें।


पूछताछ जारी, न्यायालय में पेशी की तैयारी

गिरफ्तारी के बाद आरोपी मिथिलेश कुमार से निगरानी टीम द्वारा विस्तृत पूछताछ की जा रही है। उनसे यह जानने का प्रयास किया जा रहा है कि क्या रिश्वत मांगने में अन्य कोई कर्मचारी या अधिकारी भी शामिल है।
ब्यूरो ने बताया कि पूछताछ पूरी होने पर आरोपी को विशेष न्यायालय निगरानी, पटना में पेश किया जाएगा। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की जा रही है।


शैक्षणिक संस्थानों में भ्रष्टाचार पर उठे सवाल

इस गिरफ्तारी ने एक बार फिर यह उजागर कर दिया है कि सरकारी शैक्षणिक संस्थानों में भ्रष्टाचार किस प्रकार जड़ें जमाए हुए है। छात्रावास शुल्क, मेस बिल और अन्य प्रशासनिक कार्यों में अनियमितताओं को लेकर पहले भी शिकायतें मिलती रही हैं, लेकिन इस तरह रंगे हाथ पकड़े जाने का मामला काफी गंभीर माना जा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि निगरानी विभाग इसी तरह सक्रिय रहे, तो शिक्षा और अन्य विभागों में भ्रष्टाचार पर काफी हद तक अंकुश लगाया जा सकता है। फिलहाल इस घटना से पॉलिटेक्निक कॉलेज प्रशासन में हड़कंप मच गया है और छात्रावास के अन्य कार्यों की भी जांच की संभावना जताई जा रही है।