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07-Dec-2025 07:20 AM
By First Bihar
Bihar Corruption News : पटना में भ्रष्टाचार के खिलाफ निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। ब्यूरो की विशेष टीम ने पॉलिटेक्निक कॉलेज, गुलजारबाग पटना के छात्रावास अधीक्षक-cum-प्रोफेसर मिथिलेश कुमार को 1.5 लाख रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी कॉलेज परिसर स्थित उनके कार्यालय कक्ष से की गई। इस कार्रवाई के बाद शिक्षा संस्थानों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर फिर से सवाल उठने लगे हैं।
कैमूर जिले के रहने वाले संदीप कुमार दुबे ने निगरानी ब्यूरो में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में कहा गया था कि पॉलिटेक्निक कॉलेज, गुलजारबाग के छात्रावास में मेस का संचालन उनके द्वारा किया जाता है। इसके बदले में मेस बिल के भुगतान के लिए अधीक्षक मिथिलेश कुमार द्वारा लगातार रिश्वत की मांग की जा रही थी।
शिकायत के मुताबिक, आरोपी प्रोफेसर ने बिल पास करने के बदले डेढ़ लाख रुपये की मांग की थी और इसी के लिए शिकायतकर्ता को कई बार फोन पर भी दबाव बनाया जा रहा था। संदीप दुबे ने इससे परेशान होकर निगरानी विभाग से संपर्क किया और पूरे मामले की जानकारी दी।
शिकायत मिलने के बाद निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने मानक प्रक्रिया के अनुसार आरोपों का सत्यापन कराया। आरंभिक जांच में यह बात सामने आई कि शिकायत सही है और आरोपी द्वारा वास्तव में अवैध राशि की मांग की जा रही है।
संतोषजनक प्रमाण मिलने के बाद ब्यूरो ने एक धावादल का गठन किया। टीम ने शिकायतकर्ता के साथ ट्रैप की योजना बनाई, ताकि आरोपी को रिश्वत लेते हुए पकड़ा जा सके। तय योजना के अनुसार शनिवार को जब शिकायतकर्ता ने आरोपी को 1.5 लाख रुपये सौंपे, उसी समय निगरानी टीम ने धावा बोलकर उन्हें रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
सूत्रों के अनुसार, आरोपी प्रोफेसर उस समय अपने कॉलेज स्थित कार्यालय में ही मौजूद थे। जैसे ही शिकायतकर्ता ने रकम सौंपी, टीम ने तुरंत कार्रवाई की। मौके से पूरी रिश्वत राशि बरामद कर ली गई।
गिरफ्तारी के बाद निगरानी अधिकारियों ने कार्यालय में तलाशी भी ली, ताकि किसी अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज या रिश्वत से जुड़े सबूत मिल सकें।
गिरफ्तारी के बाद आरोपी मिथिलेश कुमार से निगरानी टीम द्वारा विस्तृत पूछताछ की जा रही है। उनसे यह जानने का प्रयास किया जा रहा है कि क्या रिश्वत मांगने में अन्य कोई कर्मचारी या अधिकारी भी शामिल है।
ब्यूरो ने बताया कि पूछताछ पूरी होने पर आरोपी को विशेष न्यायालय निगरानी, पटना में पेश किया जाएगा। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की जा रही है।
इस गिरफ्तारी ने एक बार फिर यह उजागर कर दिया है कि सरकारी शैक्षणिक संस्थानों में भ्रष्टाचार किस प्रकार जड़ें जमाए हुए है। छात्रावास शुल्क, मेस बिल और अन्य प्रशासनिक कार्यों में अनियमितताओं को लेकर पहले भी शिकायतें मिलती रही हैं, लेकिन इस तरह रंगे हाथ पकड़े जाने का मामला काफी गंभीर माना जा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि निगरानी विभाग इसी तरह सक्रिय रहे, तो शिक्षा और अन्य विभागों में भ्रष्टाचार पर काफी हद तक अंकुश लगाया जा सकता है। फिलहाल इस घटना से पॉलिटेक्निक कॉलेज प्रशासन में हड़कंप मच गया है और छात्रावास के अन्य कार्यों की भी जांच की संभावना जताई जा रही है।