ब्रेकिंग न्यूज़

BIHAR: बिजली टावर पर चढ़ा बुजुर्ग, हाईटेंशन तार पर लटकने के बाद खेत में गिरा, बाल-बाल बची जान Bihar News: बिहार में शांतिपूर्ण चुनाव को लेकर प्रशासन सतर्क, शिवहर में SSB जवानों ने किया फ्लैग मार्च Bihar News: बिहार में शांतिपूर्ण चुनाव को लेकर प्रशासन सतर्क, शिवहर में SSB जवानों ने किया फ्लैग मार्च Bihar Politics: चिराग पासवान ने जीजा अरुण भारती को सौंपी बिहार की कमान, दे दी यह बड़ी जिम्मेवारी Bihar Politics: चिराग पासवान ने जीजा अरुण भारती को सौंपी बिहार की कमान, दे दी यह बड़ी जिम्मेवारी Bihar Politics: छठ महापर्व को लेकर रेलवे का बड़ा फैसला, बिहार के लिए चलेंगी 12 हजार स्पेशल ट्रेनें; सम्राट चौधरी ने जताया आभार Bihar Politics: छठ महापर्व को लेकर रेलवे का बड़ा फैसला, बिहार के लिए चलेंगी 12 हजार स्पेशल ट्रेनें; सम्राट चौधरी ने जताया आभार Bihar Politics: महागठबंधन में मुकेश सहनी ने किया उपमुख्यमंत्री पद पर दावा, बोले- तेजस्वी सीएम, मैं डिप्टी सीएम बनूंगा Bihar Politics: महागठबंधन में मुकेश सहनी ने किया उपमुख्यमंत्री पद पर दावा, बोले- तेजस्वी सीएम, मैं डिप्टी सीएम बनूंगा बिहार सरकार ने दिवाली की छुट्टी की तारीख बदली, अब इस दिन रहेगा सरकारी अवकाश

प्राइवेट गाड़ियों पर 'जज' का बोर्ड लगाने पर पटना हाईकोर्ट सख्त, बिहार सरकार और हाईकोर्ट प्रशासन से मांगा जवाब

पटना हाईकोर्ट ने निजी वाहनों पर 'जज' बोर्ड लगाने को लेकर सख्ती दिखाई है। अदालत ने इसे मोटर वाहन कानून और पुराने आदेश का उल्लंघन मानते हुए बिहार सरकार व हाईकोर्ट प्रशासन से 15 अक्टूबर तक जवाब मांगा है।

बिहार

25-Sep-2025 04:44 PM

By First Bihar

PATNA: राज्य की निचली अदालतों के न्यायिक पदाधिकारियों द्वारा अपने निजी वाहनों पर ‘जज’ या अन्य नेमप्लेट/बोर्ड लगाने के मामले में पटना हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है। पटना उच्च न्यायालय ने इसे मोटर वाहन अधिनियम, 1988 और हाईकोर्ट के पुराने आदेश का उल्लंघन मानते हुए बिहार सरकार और हाईकोर्ट प्रशासन से 15 अक्टूबर 2025 तक जवाब मांगा है।


यह जनहित याचिका विधि छात्र केशव कुमार झा की ओर से दायर की गई है। उनकी ओर से अधिवक्ता प्रफुल्ल कुमार झा ने कोर्ट को बताया कि राज्यभर में निचली अदालतों के कई न्यायिक अधिकारी निजी गाड़ियों पर इस तरह के बोर्ड लगाकर चलते हैं, जिससे मोटर वाहन अधिनियम और हाईकोर्ट के आदेश की खुलेआम अवहेलना हो रही है।


गौरतलब है कि 15 फरवरी 2019 को हाईकोर्ट ने स्पष्ट निर्देश जारी किए थे कि किसी भी न्यायिक पदाधिकारी द्वारा अपने निजी वाहन पर ‘जज’, ‘न्यायाधीश’ या किसी भी प्रकार का बोर्ड/नेमप्लेट नहीं लगाया जाएगा। इस आदेश का पालन सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी बिहार के विधि सचिव, ज्यूडिशियल अकैडमी के निदेशक और बिहार स्टेट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी के अध्यक्ष समेत अन्य अधिकारियों को दी गई थी।


इसके बावजूद, कई न्यायिक पदाधिकारी अब भी अपनी निजी गाड़ियों पर ऐसे बोर्ड लगाकर चलते हैं। इस वजह से न केवल हाईकोर्ट के आदेश और मोटर वाहन कानून का उल्लंघन होता है, बल्कि ट्रैफिक नियमों की भी अनदेखी की जाती है। पुलिसकर्मी भी उनके प्रभाव और भय की वजह से न तो उन्हें रोक पाते हैं और न ही जुर्माना लगा पाते हैं। इस मामले की अगली सुनवाई अब 15 अक्टूबर 2025 को होगी।