ब्रेकिंग न्यूज़

Nitin Nabin Patna visit : पटना में नीतिन का नवीन तरीके से हुआ स्वागत, शुरू हुआ रोड शो; हाथी -घोड़े पर सवार होकर आए भाजपा के कार्यकर्त्ता Patna school holiday : पटना में सभी स्कूल इस दिन तक के लिए हुए बंद; सीनियर स्टूडेंट के लिए DM ने जारी किया यह आदेश Bihar players : बिहार में खिलाड़ियों के लिए बड़ी खुशखबरी, 1 जनवरी से खुल जायेगा यह पोर्टल; जानिये कब तक कर सकेंगे आवेदन डायल-112 बना बिहार पुलिस की शान: रिस्पॉन्स टाइम में देश में दूसरा स्थान, कॉल करने के महज 12 मिनट में मिलेगी मदद डायल-112 बना बिहार पुलिस की शान: रिस्पॉन्स टाइम में देश में दूसरा स्थान, कॉल करने के महज 12 मिनट में मिलेगी मदद Premanand Maharaj: गलत तरीके से कमाए गए धन का दान भगवान स्वीकार करते हैं या नहीं? प्रेमानंद महाराज ने दिया सटीक जवाब Premanand Maharaj: गलत तरीके से कमाए गए धन का दान भगवान स्वीकार करते हैं या नहीं? प्रेमानंद महाराज ने दिया सटीक जवाब Old Age Pension Bihar : बिहार सामाजिक सुरक्षा पेंशनधारियों को बड़ी राहत, अब CSC में निःशुल्क बनेगा लाइफ़ सर्टिफिकेट Bihar Weather Update: बिहार में कड़ाके की ठंड से जनजीवन पूरी तरह प्रभावित, यहां दर्ज हुआ अबतक का सबसे कम तापमान Bihar Weather Update: बिहार में कड़ाके की ठंड से जनजीवन पूरी तरह प्रभावित, यहां दर्ज हुआ अबतक का सबसे कम तापमान

Bihar land dispute : "पटना में 870 एकड़ सरकारी जमीन पर माफियाओं का कब्जा, मसौढ़ी और बिहटा अंचल सबसे ज्यादा प्रभावित"

पटना जिले में सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए प्रशासन ने बड़ा अभियान चलाने की तैयारी कर ली है। जिले के 13 अंचलों में 332 स्थानों पर लगभग 870 एकड़ जिला परिषद की जमीन चिह्नित की गई है, जिस पर भू-माफियाओं का कब्जा है।

Bihar land dispute : "पटना में 870 एकड़ सरकारी जमीन पर माफियाओं का कब्जा, मसौढ़ी और बिहटा अंचल सबसे ज्यादा प्रभावित"

23-Dec-2025 09:08 AM

By First Bihar

Bihar land dispute : पटना जिले में सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने को लेकर प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की तैयारी कर ली है। सरकारी भूमि पर भू-माफियाओं के कब्जे को समाप्त करने के उद्देश्य से जिले के 13 अंचलों में कुल 332 स्थानों पर लगभग 870 एकड़ सरकारी जमीन को चिह्नित किया गया है। यह सभी जमीनें जिला परिषद की हैं, जिन पर वर्षों से अवैध कब्जा बना हुआ है। प्रशासन ने साफ कर दिया है कि जनवरी महीने से इन चिह्नित जमीनों को अतिक्रमण मुक्त कराने का अभियान चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जाएगा।


प्रशासनिक रिपोर्ट के अनुसार, सबसे अधिक अतिक्रमण मसौढ़ी और बिहटा अंचलों में पाया गया है। इन इलाकों में सड़कों के किनारे स्थित सरकारी जमीनों पर बड़े पैमाने पर अवैध कब्जा किया गया है। कई स्थानों पर स्थायी निर्माण तक कर लिए गए हैं, जिससे सरकारी संपत्ति को भारी नुकसान हुआ है। अधिकारियों का कहना है कि अतिक्रमण हटाने से न केवल सरकारी भूमि को मुक्त कराया जाएगा, बल्कि भविष्य में सड़क चौड़ीकरण, सार्वजनिक उपयोग और विकास योजनाओं को भी गति मिलेगी।


हाल ही में जिला परिषद द्वारा अपने अधीनस्थ सभी सरकारी जमीनों की स्थिति स्पष्ट करने के लिए संबंधित अंचलों से रिपोर्ट मांगी गई थी। इसके बाद जमीनों की मापी (सर्वे) का कार्य शुरू कराया गया। कई अंचलों में यह प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, जबकि शेष स्थानों पर मापी का कार्य तेजी से चल रहा है। अधिकारियों का दावा है कि जनवरी तक सभी चिन्हित जमीनों की मापी पूरी कर ली जाएगी और उसी महीने से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई भी शुरू कर दी जाएगी।


प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, वर्ष 1980 तक जिला परिषद की अधिकतर जमीनें सुरक्षित थीं। लेकिन उसके बाद धीरे-धीरे इन जमीनों पर अतिक्रमण शुरू हुआ। 1990 के बाद अवैध कब्जे की रफ्तार और तेज हो गई। वर्ष 2020 तक स्थिति यह हो गई कि कई इलाकों में सरकारी जमीन पर भू-माफियाओं ने पूरी तरह कब्जा जमा लिया। खासकर सड़कों के किनारे स्थित जमीनें इनके निशाने पर रहीं, जहां व्यावसायिक उपयोग के लिए अवैध निर्माण कर दिए गए।


पटना जिले के मनेर, फतुहा, बाढ़, दुल्हिनबाजार, विक्रम, मसौढ़ी, पटना सदर, बिहटा और पालीगंज अंचलों में बड़ी संख्या में सरकारी जमीनों को चिह्नित किया गया है। मनेर अंचल के सत्तर, खासपुर, छितवना और सराय सहित कई गांवों में अतिक्रमण पाया गया है। फतुहा अंचल के गोविंदपुर कुर्था, जेठुली और मौजीपुर जैसे इलाकों में भी जिला परिषद की जमीन पर अवैध कब्जा सामने आया है।


इसी तरह बाढ़ अंचल के बेढ़ना, नदावां, हासनचक और हाजीपुर इंगलिश सहित कई गांवों में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण की पुष्टि हुई है। दुल्हिनबाजार, विक्रम और मसौढ़ी अंचलों में भी बड़ी मात्रा में भूमि पर अवैध कब्जा किया गया है। पटना सदर और बिहटा अंचल में सड़कों के किनारे स्थित जमीनों पर अतिक्रमण की संख्या सबसे अधिक बताई जा रही है।


प्रशासन का कहना है कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पूरी तरह कानूनी प्रक्रिया के तहत की जाएगी। पहले नोटिस जारी किए जाएंगे, उसके बाद निर्धारित समय सीमा में अतिक्रमण नहीं हटाने पर बलपूर्वक कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान पुलिस बल और दंडाधिकारी की तैनाती की जाएगी ताकि किसी भी तरह की कानून-व्यवस्था की समस्या न उत्पन्न हो।


अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस अभियान में किसी तरह की ढिलाई नहीं बरती जाएगी। भू-माफियाओं और प्रभावशाली लोगों द्वारा किए गए अतिक्रमण को भी हटाया जाएगा। प्रशासन का मानना है कि सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराना जनहित और विकास के लिए आवश्यक है। इस कार्रवाई से न केवल सरकारी संपत्ति सुरक्षित होगी, बल्कि आम लोगों को भी इसका लाभ मिलेगा।


जनवरी से शुरू होने वाला यह अभियान पटना जिले में अब तक का सबसे बड़ा अतिक्रमण विरोधी अभियान माना जा रहा है। प्रशासन ने संकेत दिए हैं कि आने वाले समय में अन्य जिलों में भी इसी तरह की कार्रवाई की जा सकती है।