जिम में पसीना बहाते तेज प्रताप का वीडियो वायरल, TY Vlog से बढ़ी लोकप्रियता SBI का ATM काटकर 16 लाख की लूट, गार्ड नहीं रहने के कारण बदमाशों ने दिया घटना को अंजाम पटना में 25 जगहों पर बनेंगे वेंडिंग जोन, GIS मैपिंग और कचरा प्रबंधन को मिलेगी रफ़्तार: मंत्री नितिन नवीन देवघर के युवक की जमुई में गोली मारकर हत्या, दोस्तों के साथ पूजा में शामिल होने आया था विनोद सहरसा में जेई लूटकांड का खुलासा: हथियार और लूटे गये सामान के साथ अपराधी गिरफ्तार दरभंगा में बीजेपी नेता के घर 10 लाख की चोरी, बंद घर को चोरों ने बनाया निशाना जमुई में पत्थर से कुचलकर 10 साल के बच्चे की हत्या, पड़ोसी ने दिया घटना को दिया अंजाम, पुलिस ने दबोचा ‘आ जाऊंगा यार, I love you..’, लेडी DSP कल्पना वर्मा केस में फोटो और चैट वायरल, पुलिस महकमे में हड़कंप ‘आ जाऊंगा यार, I love you..’, लेडी DSP कल्पना वर्मा केस में फोटो और चैट वायरल, पुलिस महकमे में हड़कंप मुकेश अंबानी के समधी अजय पीरामल ने पटना साहिब में मत्था टेका, पहली बार किया पावन दरबार का दर्शन
29-Sep-2025 12:00 PM
By First Bihar
BIHAR NEWS : मुजफ्फरपुर जिले के गायघाट थाना क्षेत्र में एक दर्दनाक हादसे ने पूरे इलाके को गमगीन कर दिया। लोमा गांव में सियारी नदी में डूबकर एक मां और उसकी दो मासूम बेटियों की मौत हो गई। घटना शाम करीब पांच बजे की है। मरने वालों में 23 वर्षीय आशा कुमारी, दो साल की बेटी सरस्वती कुमारी और एक साल की राधिका कुमारी शामिल हैं।
गांव वालों ने बताया कि आशा कुमारी अपने दोनों बच्चियों को साथ लेकर नदी किनारे कपड़े धोने गई थी। कपड़े धोते समय उसने बच्चियों को पास में बैठा दिया था। इसी दौरान दोनों मासूम खेलते-खेलते नदी में जा गिरीं। बेटियों को बचाने के लिए मां भी पानी में कूद गई। लेकिन नदी की गहराई और तेज धारा के कारण तीनों की डूबकर मौत हो गई।
घटना की सूचना मिलते ही आसपास के लोग नदी किनारे जुट गए। स्थानीय गोताखोर हरेंद्र मांझी और उसके साथियों की मदद से काफी मशक्कत के बाद तीनों शवों को बाहर निकाला गया। इसके बाद गायघाट थाना पुलिस ने शवों को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए एसकेएमसीएच भेज दिया।
इस हादसे ने पूरे परिवार पर दुखों का पहाड़ तोड़ दिया है। कुछ महीने पहले ही आशा के पति सुशील मांझी की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। पति की असमय मौत के बाद आशा ही परिवार की जिम्मेदारी संभाल रही थी। लेकिन अब नदी में हुई इस त्रासदी ने उसके छोटे बच्चों के भी जीवन का अंत कर दिया।
घटना की जानकारी मिलते ही पूरे गांव में मातम छा गया। ग्रामीणों का कहना है कि दशहरे जैसे खुशियों के पर्व पर यह हादसा परिवार और पूरे इलाके के लिए असहनीय पीड़ा लेकर आया है। गांव वालों ने सरकार से पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग की है।
आशा के जेठ सुनील मांझी ने बताया कि परिवार के लोग कटरा गए हुए थे। लौटने पर जब आशा और बच्चियों को घर पर नहीं पाया तो खोजबीन शुरू की। बाद में पड़ोसियों ने जानकारी दी कि वह नदी किनारे गई है। जब वहां पहुंचे तो तीनों के शव पड़े देखकर पैरों तले जमीन खिसक गई। नदी किनारे कपड़े भी रखे हुए थे।
इधर, थानेदार ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और मृतकों के शवों का पोस्टमार्टम कराया जाएगा। इस दर्दनाक घटना से गांव में दशहरा का उत्सव भी फीका पड़ गया और हर कोई परिवार के दुख में शामिल है।