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26-Nov-2025 09:43 AM
By First Bihar
बिहार में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) के निबंधित मजदूरों की कुल संख्या 2.72 करोड़ है। इनमें से केवल 99.27 लाख मजदूर विभिन्न योजनाओं में सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। पिछले कुछ समय से मनरेगा मजदूरों की फर्जी हाजिरी बनाने की शिकायतें मिल रही थीं, जिसके बाद केंद्र सरकार ने इसे रोकने के लिए विशेष योजना तैयार की है।
इस योजना के तहत मजदूरों का ई-केवाईसी (e-KYC) कराना और कार्यस्थल पर बायोमेट्रिक हाजिरी लागू करना अनिवार्य किया गया है। इसमें मजदूरों का फेस रिकॉग्नाइजेशन कर उनका सत्यापन किया जाएगा, ताकि फर्जी हाजिरी और अवैध धन निकासी रोकी जा सके।
पहले चरण में एक सितंबर से एक नवंबर तक सक्रिय मजदूरों का ई-केवाईसी कराया गया। लेकिन निर्धारित समय के भीतर केवल 28.54 लाख मजदूरों का ही ई-केवाईसी पूरा हो सका। जिलेवार आंकड़ों के अनुसार, अररिया जिले में सर्वाधिक 45.48 फीसदी मजदूरों का ई-केवाईसी हुआ। वहीं नवादा और पश्चिम चंपारण में केवल 16 फीसदी मजदूरों का ई-केवाईसी पूरा हुआ। पटना, बेगूसराय, पूर्वी चंपारण और वैशाली जिले में 18.5 फीसदी मजदूरों का ही ई-केवाईसी हुआ। मुजफ्फरपुर जिले के 3.77 लाख सक्रिय मजदूरों में 1.64 लाख (43.48 फीसदी) मजदूरों का ई-केवाईसी हुआ।
जिलावार ई-केवाईसी का विवरण-
मुजफ्फरपुर: एक्टिव मजदूर 3.77 लाख, ई-केवाईसी 1.64 लाख
पश्चिम चंपारण: एक्टिव मजदूर 3.44 लाख, ई-केवाईसी 56.5 हजार
पटना: एक्टिव मजदूर 2.34 लाख, ई-केवाईसी 43.1 हजार
वैशाली: एक्टिव मजदूर 2.93 लाख, ई-केवाईसी 54.0 हजार
सरकार ने ई-केवाईसी कराने की समय सीमा बढ़ा दी है ताकि सभी सक्रिय मजदूरों का सत्यापन पूरा किया जा सके। इस पहल से मजदूरी भुगतान में फर्जीवाड़ा नहीं होगा और वास्तविक मजदूरों को ही मनरेगा में रोजगार मिलेगा।