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17-Mar-2025 04:14 PM
By FIRST BIHAR
Bihar News: बिहार में शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के 13 जिलों के 15 अनुमंडलीय अस्पतालों में मदर न्यूबोर्न केयर यूनिट यानी MNCU शुरू करने का फैसला लिया है। सरकार के इस कदम से अब नवजात शिशुओं के मृत्यु दर में कमी आने की संभावना है।
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि बिहार सरकार द्वारा नवजात शिशुओं की बेहतर देखभाल के लिए राज्य के 13 जिलों के 15 अनुमंडलीय अस्पतालों में मदर न्यूबोर्न केयर यूनिट शुरू किया जा रहा है। इन इकाइयों के शुरुआत का उद्देश्य नवजात मृत्यु दर में कमी लाना है। मदर न्यूबॉर्न केयर यूनिट नवजात और माताओं के लिए एक विशेष देखभाल केंद्र है, जहां उच्च जोखिम वाले शिशुओं को समग्र स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध होंगी।
उन्होंने कहा कि इन ईकाइयों में बीमार नवजातों के साथ माता को भी रखने का प्रावधान किया गया है। इसे जीरो सेपरेशन पद्धति कहा जाता है, जिससे माताओं एवं शिशुओं के बीच बेहतर जुड़ाव होता है। साथ ही शिशु को निरंतर गर्माहट, देखभाल एवं स्तनपान का लाभ मिल पाता है। सरकार गुणवत्तापूर्ण मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवा को सुदृढ़ करने के लिए मदर एंड न्यूबोर्न केयर यूनिट को व्यापक स्तर पर लागू कर रही है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य के जिन जिलों में मदर न्यूबोर्न केयर यूनिट को संचालित किया जाएगा। उनमें गया में शेरघाटी के अनुमंडलीय अस्पताल, अररिया में फारबिसगंज के अनुमंडलीय अस्पताल, पूर्णिया में बनमनखी के अनुमंडलीय अस्पताल, सारण में सोनपुर के अनुमंडलीय अस्पताल, बक्सर में डुमरांव के अनुमंडलीय अस्पताल, गोपालगंज में हथुआ के अनुमंडलीय अस्पताल, भागलपुर में नवगछिया के अनुमंडलीय अस्पताल, कटिहार में बरसोई के अनुमंडलीय अस्पताल, पटना में बाढ़ के अनुमंडलीय अस्पताल, मुंगेर में तारापुर के अनुमंडलीय अस्पताल, पश्चिम चंपारण में बगहा के अनुमंडलीय अस्पताल, समस्तीपुर में दलसिंहसराय एवं रोसड़ा के अनुमंडलीय अस्पताल और नालंदा में राजगीर एवं हिलसा के अनुमंडलीय अस्पताल शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि इन मदर न्यूबोर्न केयर यूनिट में इंफ्रास्ट्रक्चर, उपकरण स्थापना, एचआर व्यवस्था, आईईसी सामग्री एवं अन्य जरूरी संसाधनों को सुचारू रूप से संचालित करने की दिशा में तेजी लाई जा रही है। इस क्रम में 22 मार्च 2025 तक सभी व्यवस्थाओं का निरीक्षण एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इन इकाइयों में विशेषज्ञ चिकित्सकों, प्रशिक्षित स्टाफ नर्सों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि नवजात शिशु देखभाल सेवाओं को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके। स्वास्थ्य विभाग ने इन इकाइयों के संचालन में सहयोग के लिए सहयोगी संस्थाओं को शामिल भी किया है।